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कोरबा: यूजीसी के मापदंडों पर नहीं उतरे खरे तो मान्यता होगी रद्द

यूजीसी ने रजिस्ट्रेशन के नए मापदंड यूनिवर्सिटी के पास भेज दिए है. जिसके तहत सरकारी और निजी दोनों ही कॉलेजो को इन मापदंडों पर खरा उतरना जरुरी होगा.

यूजीसी ने जारी किए मापदंड
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Published : Oct 17, 2019, 3:51 PM IST

Updated : Oct 17, 2019, 4:01 PM IST

कोरबा: यूजीसी ने सभी सरकारी और निजी कॉलेजों के लिए नए मापदंड तैयार कर लिए हैं, जिसके तहत सरकारी के साथ ही निजी कॉलेजों को भी इन मापदंडों पर खरा उतरना होगा. यूजीसी ने अधिसूचना जारी कर मापदंड पूरा करने के लिए समय सीमा तय कर दी है, निर्धारित समय के अंदर कॉलेज मापदंडों को पूरा नहीं करते तो उनकी मान्यता रद्द की जा सकती है.

यूजीसी ने जारी किए मापदंड
ये हैं नियम
  • कॉलेजों को 2F और 12B की मान्यता यूजीसी से लेनी होगी.
  • 180 दिन के भीतर सभी सरकारी, अनुदान प्राप्त और निजी कॉलेजों को अपनी क्षमता के अनुसार यूजीसी से 2F या 12B में पंजीयन के लिए आवेदन करना होगा.
  • 180 दिन की अवधि खत्म होने के बाद 90 दिन के भीतर यूजीसी के निर्देश पर संबंधित यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों की टीम इन कॉलेजों में निरीक्षण करेगी.
  • कॉलेज जिस कैटेगरी के लिए आवेदन करेगा, उसे उसके लिए मापदंड परखे जाएंगे.
  • यूनिवर्सिटी की टीम यह भी देखेगी कि कॉलेज के पास जो अस्थायी या स्थायी मान्यता है.
  • यूजीसी मापदंड के अनुसार पर्याप्त सुविधाएं हैं या नहीं.
  • यूनिवर्सिटी रिपोर्ट बनाकर यूजीसी को भेजेगी, जिसके आधार पर यूजीसी कॉलेज को 2F या 12B में पंजीयन करेगा.
  • कॉलेज यूजीसी में पंजीयन नहीं कराते हैं, तो वे नए सत्र से एडमिशन नहीं दे पाएंगे.
  • कॉलेज के पास कम से कम 5 एकड़ जमीन होनी चाहिए.
  • पर्याप्त संख्या में उच्च शिक्षा की अर्हता वाले प्राध्यापक भी पदस्थ होने चाहिए.

यूनिवर्सिटी तैयार करेगा कॉलेजों की रिपोर्ट

यूजीसी को भेजने के लिए यूनिवर्सिटी दस्तावेज तैयार करेगी.अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो कॉलेज को रजिस्ट्रेशन और मान्यता मिल जाएगी. निगेटिव रही तो कॉलेज 2020 में एडमिशन नहीं दे सकेगा. जो छात्र पहले से पढ़ रहे हैं, केवल वे ही कोर्स पूरा कर सकेंगे. जो कॉलेज 2एफ में पंजीयन करवाकर लेंगे, उन्हें यूजीसी की कोई ग्रांट नहीं मिल पाएगी. जो 12बी में रजिस्टर्ड होंगे, उन्हें न केवल यूजीसी बल्कि केंद्र सरकार के किसी भी विभाग से ग्रांट मिल सकेगी. कॉलेज स्थायी मान्यता होने की स्थिति में 12बी के लिए भी आवेदन कर सकेंगे.

कोरबा: यूजीसी ने सभी सरकारी और निजी कॉलेजों के लिए नए मापदंड तैयार कर लिए हैं, जिसके तहत सरकारी के साथ ही निजी कॉलेजों को भी इन मापदंडों पर खरा उतरना होगा. यूजीसी ने अधिसूचना जारी कर मापदंड पूरा करने के लिए समय सीमा तय कर दी है, निर्धारित समय के अंदर कॉलेज मापदंडों को पूरा नहीं करते तो उनकी मान्यता रद्द की जा सकती है.

यूजीसी ने जारी किए मापदंड
ये हैं नियम
  • कॉलेजों को 2F और 12B की मान्यता यूजीसी से लेनी होगी.
  • 180 दिन के भीतर सभी सरकारी, अनुदान प्राप्त और निजी कॉलेजों को अपनी क्षमता के अनुसार यूजीसी से 2F या 12B में पंजीयन के लिए आवेदन करना होगा.
  • 180 दिन की अवधि खत्म होने के बाद 90 दिन के भीतर यूजीसी के निर्देश पर संबंधित यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों की टीम इन कॉलेजों में निरीक्षण करेगी.
  • कॉलेज जिस कैटेगरी के लिए आवेदन करेगा, उसे उसके लिए मापदंड परखे जाएंगे.
  • यूनिवर्सिटी की टीम यह भी देखेगी कि कॉलेज के पास जो अस्थायी या स्थायी मान्यता है.
  • यूजीसी मापदंड के अनुसार पर्याप्त सुविधाएं हैं या नहीं.
  • यूनिवर्सिटी रिपोर्ट बनाकर यूजीसी को भेजेगी, जिसके आधार पर यूजीसी कॉलेज को 2F या 12B में पंजीयन करेगा.
  • कॉलेज यूजीसी में पंजीयन नहीं कराते हैं, तो वे नए सत्र से एडमिशन नहीं दे पाएंगे.
  • कॉलेज के पास कम से कम 5 एकड़ जमीन होनी चाहिए.
  • पर्याप्त संख्या में उच्च शिक्षा की अर्हता वाले प्राध्यापक भी पदस्थ होने चाहिए.

यूनिवर्सिटी तैयार करेगा कॉलेजों की रिपोर्ट

यूजीसी को भेजने के लिए यूनिवर्सिटी दस्तावेज तैयार करेगी.अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो कॉलेज को रजिस्ट्रेशन और मान्यता मिल जाएगी. निगेटिव रही तो कॉलेज 2020 में एडमिशन नहीं दे सकेगा. जो छात्र पहले से पढ़ रहे हैं, केवल वे ही कोर्स पूरा कर सकेंगे. जो कॉलेज 2एफ में पंजीयन करवाकर लेंगे, उन्हें यूजीसी की कोई ग्रांट नहीं मिल पाएगी. जो 12बी में रजिस्टर्ड होंगे, उन्हें न केवल यूजीसी बल्कि केंद्र सरकार के किसी भी विभाग से ग्रांट मिल सकेगी. कॉलेज स्थायी मान्यता होने की स्थिति में 12बी के लिए भी आवेदन कर सकेंगे.

Intro:कोरबा. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के मापदंडों पर अब सरकारी के साथ ही निजी महाविद्यालयों को भी खरा उतरना होगा यूजीसी ने अधिसूचना जारी कर मापदंड पूरा करने के लिए समय सीमा तय कर दी है निर्धारित समय के भीतर यदि कॉलेज मापदंडों को पूरा नहीं करते तो उनकी मान्यता पर खतरा हो सकता है।
मापदंड पूरा करने के लिए यूजीसी ने कॉलेजों को 180 दिन का समय दिया है। निजी और सरकारी कॉलेजों को मिलाकर जिले में कुल 19 महाविद्यालय संचालित है।Body:नियमों के अनुसार कॉलेजों को 2 एफ व 12बी की मान्यता यूजीसी से लेनी होगी। यूजीसी के अनुसार 180 दिन के भीतर सभी सरकारी, अनुदान प्राप्त और निजी कॉलेजों को अपनी क्षमता के अनुसार यूजीसी से 2एफ या 12बी में पंजीयन के लिए आवेदन करना होगा।
180 दिन की अवधि खत्म होने के बाद 90 दिन के भीतर यूजीसी के निर्देश पर संबंधित यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों की टीम इन कॉलेजों में निरीक्षण करेगी। जो कॉलेज जिस कैटेगरी के लिए आवेदन करेगा, उसे उसके लिए मापदंड परखे जाएंगे।
यूनिवर्सिटी की टीम यह भी देखेगी कि कॉलेज के पास जो अस्थायी या स्थायी मान्यता है, उसके मापदंड के अनुसार पर्याप्त सुविधाएं हैं या नहीं। यूनिवर्सिटी रिपोर्ट बनाकर यूजीसी को भेजेगी जिसके आधार पर यूजीसी कॉलेज को 2एफ या 12बी में पंजीयन करेगा। कॉलेजों को यूजीसी की सीधी मान्यता मिल जाएगी। अगर ये कॉलेज यूजीसी में पंजीयन नहीं कराते हैं, तो वे नए सत्र से एडमिशन नहीं दे पाएंगे। जबकि अटल यूनिवर्सिटी अभी तक खुद ही 2एफ और 12बी की मान्यता नहीं ले पाई है। यूजीसी को भेजने के लिए यूनिवर्सिटी दस्तावेज तैयार कर रही है। यूनिवर्सिटी को रिपोर्ट पूरी पारदर्शिता से तैयार कर भेजना होगी। रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो कॉलेज को रजिस्ट्रेशन और मान्यता मिल जाएगी। निगेटिव रही तो कॉलेज 2020 में एडमिशन नहीं दे सकेगा। जो छात्र पहले से पढ़ रहे हैं, केवल वे ही कोर्स पूरा कर सकेंगे। जो कॉलेज 2एफ में पंजीयन करवाकर लेंगे, उन्हें यूजीसी की कोई ग्रांट नहीं मिल पाएगी।, जो 12बी में रजिस्टर्ड होंगे, उन्हें न केवल यूजीसी बल्कि केंद्र सरकार के किसी भी विभाग से ग्रांट मिल सकेगी। कॉलेज स्थायी मान्यता होने की स्थिति में 12बी के लिए भी आवेदन कर सकेंगे।Conclusion:नियमानुसार करेंगे कार्रवाई
इस संबंध में जिले के लीड कॉलेज के प्राचार्य डॉ आरके सक्सेना ने बताया कि यूजीसी ने यह नियम पहले ही तय कर रखा है। हालांकि जिले में संचालित 10 सरकारी कॉलेजों में से अधिकतर के पास 2एफ और 12बी के तहत पंजीयन मौजूद है।
अनुदान प्राप्त और निजी महाविद्यालयों के विषय में अभी जानकारी उपलब्ध नहीं है। यूजीसी व विश्वविद्यालय के निर्देश पर जिस तरह की कार्रवाई करने के आदेश मिलेंगे, वैसा किया जाएगा ।कॉलेज के पास कम से कम 5 एकड़ जमीन मौजूद हो, पर्याप्त संख्या में उच्च शिक्षा की अर्हता वाले प्राध्यापक भी मौजूद हों तो इन नियमों के तहत पंजीयन कराया जा सकता हैं।
पंजीयन नहीं कराने पर मान्यता रद्द भी की जा सकती है। जिससे कि महाविद्यालय आगामी सत्र से नए बच्चों को प्रवेश नहीं दे सकेंगे
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1.बाईट- डॉ आरके सक्सेना, प्राचार्य लीड कॉलेज कोरबा
2. फुटेज लीड कॉलेज कोरबा
Last Updated : Oct 17, 2019, 4:01 PM IST
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