कोरबा: हसदेव नदी पर दर्री बैराज के समानांतर पुल से मंगलवार को आवागमन शुरू हो गया.पुल का निर्माण पिछले लगभग 6 वर्षों से जारी (Traffic starts from bridge in korba ) था. जिसकी लागत बढ़कर 22 करोड़ हो चुकी थी. इस पुल के दोनों तरफ अप्रोच रोड का काम बाकी है. जिसका लोकार्पण सीएम भूपेश बघेल के हाथों प्रस्तावित है. मंगलवार को राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल (Revenue Minister Jai Singh Agrawal) इस पुल का निरीक्षण करने पहुंचे थे. नदी पर बना यह पुल टेस्टिंग के बाद पूरी तरह से बनकर तैयार है. कुछ काम ही शेष है. जिसे देखते हुए मंत्री ने इसे सामान्य आवागमन के लिए खोलने के निर्देश दिए. जिसके बाद सेतु निगम ने इस पुल को सामान्य लोगों के लिए खोल दिया है.अब यहां से लोग आवागमन कर सकते हैं. जिससे कि 58 साल पहले बने दर्री बैराज के पुल से बोझ कम होगा. लोगों जिले के लिए भी यह बड़ी राहत है. पिछले कई वर्षों से लोग पुल के पूर्ण होने का इंतजार कर रहे (Darri barrage on Hasdeo river in korba ) थे.
पूरी की गई टेस्टिंग : हसदेव दर्री बराज के समानांतर 22 करोड़ की लागत से बने पुल की टेस्टिंग प्रक्रिया एक हफ्ते पहले सोमवार को पूरी कर ली गई थी. 24 घंटे 192 टन तक वजन रखकर देखा गया. एप्रोच रोड का डामरीकरण 1 महीने के भीतर पूर्ण कर आवाजाही शुरू करने की योजना थी. लेकिन मंगलवार को राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल, महापौर राज केशव प्रसाद सहित प्रशासनिक अधिकारियों के साथ यहां पहुंचे और पुल को सामान्य लोगों के आवागमन के लिए खोलने के निर्देश दिए. इसके बाद अब दर्री बराज से भारी वाहनों की आवाजाही बंद की जाएगी.पश्चिम क्षेत्र को शहर से जोड़ने वाला यह तीसरा पुल है.
पुल के निर्माण में हुई देरी : पुल निर्माण की अवधि 5 बार बढ़ाई जा चुकी है. फरवरी 2018 में काम पूरा करना था. इसके बाद दिसंबर 2018 तक समय तय किया गया. तीसरी बार दिसंबर 2019 , चौथी बार मार्च 2020 तक का समय निर्धारित था. कोविड में काम बंद होने के कारण मार्च 2022 तक काम पूरा करना था, लेकिन टेस्टिंग नहीं हो पाई थी. अब जाकर पुल का निर्माण पूरा कर लिया गया है. हालांकि एप्रोच रोड का काम अब भी कुछ शेष है.
58 साल पुराना है हसदेव दर्री बैराज पुल : हसदेव बराज दर्री पुल 58 साल पुराना है.इसका निर्माण विभागीय निरीक्षण के लिए किया गया था. लेकिन पश्चिम क्षेत्र को जिला मुख्यालय से जोड़ने के लिए कोई और पुल नहीं होने से आम लोगों के लिए खोल दिया गया. लेकिन समय के साथ भारी वाहनों के दबाव से बैराज को ही नुकसान होने लगा था. भारी वाहनों की आवाजाही से बैराज को कोई नुकसान ना हो इसके लिए 22 करोड़ की लागत से वर्ष 2016 से समानांतर पुल का निर्माण किया जा रहा है. निर्माण एजेंसी पीडब्ल्यूडी सेतु निगम है. बीच में ठेका कंपनी ने काम बंद किया और फिर बाद में कोविड के कारण बंद रहा. इसकी वजह से पुल के बनने में ही 6 साल लग गए.
भारी वाहनों से भी लोगों को मिलेगी निजात : इस पुल के अस्तित्व में आ जाने के बाद अब कुसमुंडा क्षेत्र से बालको की ओर आवाजाही करने वाले भारी वाहन शहर में नहीं घुसेंगे।. अब वह गेरवा घाट पुल की ओर से आवाजाही करेंगे.अभी इस मार्ग पर आम लोग भी आवाजही कर रहे हैं, लेकिन बराज पुल का सड़क बनने के बाद अधिकांश लोग कोहड़िया होकर ही आवाजाही करते हैं.
सीएम करेंगे लोकार्पण : राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि " पुल की टेस्टिंग पूरी हो गई है. एप्रोच रोड डब्ल्यूबीएम हो चुका है. बारिश के बाद डामरीकरण कराएंगे. सड़क और मजबूत बनेगी. आम लोगों को हो रही असुविधा को ध्यान में रखते हुए पुल को सामान्य लोगों के आवागमन के लिए खोल दिया गया है. इसका लोकार्पण सीएम करेंगे. कोरबा के लोगों के लिए यह पुल एक बड़ी सौगात है.जिसका लाभ उन्हें मिलेगा. दर्री बराज के पुल से भी बोझ कम होगा. जोकि 50 साल से भी अधिक पुराना है".