कोरबा: कटघोरा पुलिस को किसी बड़ी वारदात के घटित होने से पहले ही उसका भंडाफोड़ करने में कामयाबी मिली है. पुलिस की टीम ने घेराबंदी करते हुए देश के कुख्यात मेवाती गैंग के तीन शातिर सदस्यों को अंबिकापुर रोड पर हनुमानगढ़ी के पास से हिरासत में लिया है. पुलिस की दबिश के दौरान इनकी संख्या पांच थी. दो अन्य डकैत अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से फरार हो गए. बदमाशों के पास से पुलिस ने एक देशी कट्टा, दो सब्बल, एक तलवार और तीन एक्सल ब्लेड जब्त किए हैं. आरोपियों को पूछताछ के बाद न्यायिक रिमांड पर जेल दाखिल किया गया है. गिरफ्त में आए आरोपियों में शाहिद हरियाणा के मेवात शहर का रहने वाला है, वहीं आशिक मोहम्मद और आरिफ खान नूंह जिले के रहने वाले हैं.
ऐसे मिली जानकारी
SDOP पंकज पटेल और प्रभारी अविनाश सिंह ने बताया कि पहले कटघोरा के बस स्टैंड और अन्य जगहों पर मोबाइल दुकानों का शटर तोड़कर लाखों के सामान और नकदी पर हाथ साफ किया गया था. इस वारदात के बाद पुलिस को कुछ अहम सुराग हासिल हुए थे. जांच के दौरान इस बात का भी खुलासा हुआ था कि डकैती के सभी आरोपियों का संबंध हरियाणा के मेवात गैंग से हो सकता है. जिस तरीके से उन्होंने दिनदहाड़े मोबाइल दुकानों पर धावा बोला था, यह तरीका मेवाती गैंग के आपराधिक तरीके से काफी मेल खाता है. इसके बाद उच्चाधिकारियों के निर्देश पर एक टीम सीधे मेवात रवाना किया गया था. पुलिस ने स्थानीय पुलिस की मदद से वहां आरोपियों का पता किया. इतना ही नहीं पुलिस ने कुछ लोगों को जानकारी साझा करने के लिए भी राजी कर लिया था.
पुलिस के मुताबिक, उन्हीं गुप्तचरों में से एक ने जिला SP कार्यालय में फोन कर यह जानकारी दी थी कि उनके गैंग के करीब पांच सदस्य कोरबा इलाके में डकैती की वारदात को अंजाम देने के मकसद से रवाना हुए हैं. उसने पुलिस को उनमें से कई सदस्यों के नंबर भी दिए थे. पुलिस ने जब उन नंबरों के लोकेशन को ट्रेस किया, तो उनके आसपास होने का जानकारी मिली. मेवाती गिरोह के सभी सदस्यों का लोकेशन कटघोरा थाना क्षेत्र के अम्बिकापुर मार्ग पर दिखा रहा था. इसकी पुष्टि होते ही फौरन कटघोरा पुलिस ने एक टीम तैयार किया और दबिश देने के लिए रवाना हुए. पुलिस जैसे ही संभावित स्थल पर पहुंची, पांच में से तीन आरोपी उनके हत्थे चढ़ गए, जबकि अंधेरे का फायदा उठाकर अन्य दो सदस्य फरार हो गए.
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पहले रेकी फिर वारदात को अंजाम
डकैती की योजना के पहले ही हिरासत में आए तीनों पेशेवर आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ की गई. उन्होंने ने बताया कि उनका संबंध मेवात में सक्रिय लूटपाट गिरोह से है. वे अलग-अलग राज्यों में घूम-घूमकर अपना सॉफ्ट निशाना तैयार करते हैं, फिर तैयारी पूरी होते ही वे सशस्त्र तरीके से डकैती, चोरी और लूटपाट जैसे अपराध को अंजाम देकर वापस लौट जाते हैं. इन सभी का संबंध उसी सक्रिय डकैत गैंग से है, जिन्होंने इससे पहले कटघोरा समेत अन्य जगहों पर शटर तोड़कर मोबाइल और नकदी पार किया था. वो रायगढ़ में भी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे.
चोरी के लिए ट्रक और बड़ी मशीनों का इस्तेमाल
लूटपाट की योजना बनाते आरोपियों ने एक बेहद चौंकाने वाला खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि उनके अलग-अलग गिरोह अलग-अलग तरह के अपराधों के लिए तैयार रहते हैं. उनका एक गिरोह हाईवे में लूटपाट करता है, दूसरा गिरोह जो मोबाइल दुकानों पर धावा बोलता है, तीसरा सराफा व्यापारियों को निशाना बनाता है. चौथा गैंग वह है जो हर तरह की वारदात के लिए तैयार रहता है. उनका संबंध इसी चौथे गैंग से है. पुलिस ने भी खुलासा किया है कि उनके गिरोह में सदस्यों की संख्या दो-चार नहीं बल्कि सैकड़ों में है. उन्हीं में से अलग-अलग सदस्य समय-समय पर प्रदेश में घुसपैठ कर अपनी योजना को अमलीजामा पहनाते हैं.
बड़े सामानों की चोरी और लूटपाट के लिए उनके पास भारी ट्रॉले भी उपलब्ध होते हैं. इसके अलावा सामानों की लोडिंग के लिए वह भारी मशीनों के इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने पिछले महीने राजस्थान के बांसवाड़ा से लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी के वॉटर सप्लाई के लिए उपयोग होने वाले पिट आयरन के 500 पाइप पर भी हाथ साफ किया था.