ETV Bharat / state

होनहार बेटियां: लॉकडाउन में नहीं पढ़ पा रहे थे बच्चे, अपने घर में खोल दिया स्कूल - rampur

कोरबा के रामपुर विधानसभा क्षेत्र में तीन बहनों ने घर में स्कूल खोलकर गांव के बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा उठाया है. कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसी सोच के साथ तीनों युवती कुल 25 बच्चों को शिक्षा दे रही हैं.

three sisters opened school in their home
तीनों बहनों ने घर में खोला स्कूल
author img

By

Published : Oct 10, 2020, 5:13 PM IST

Updated : Oct 10, 2020, 5:31 PM IST

कोरबा: रामपुर विधानसभा क्षेत्र में कोरोना महामारी से बचाव के लिए लगाये गए लॉकडाउन में शैक्षणिक संस्थानों के बंद होने से बच्चों की पढ़ाई रुक गई है. बच्चों के भविष्य खराब न हो इसके लिए कोरबा विकासखंड के लाकड़िया उरगा गांव में 3 युवतियों ने बच्चों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया है. तीनों लड़कियां आपस में बहनें हैं. जो अपने घर के 2 कमरों में सुबह 10 बजे से 12 बजे तक और दोपहर 4 बजे से शाम 6 बजे तक बच्चों को पढ़ा रही हैं.

तीन बहनों ने अपने घर में खोल दिया स्कूल

ये तीनों बहनें पहली से 10वीं तक के 25 बच्चों को पढ़ा रही हैं. इनमें एक सुनंदा कवंर BSc और अन्नू कवंर B.com कर चुकी है. दोनों बहनों आईटीआई भी कर चुकी हैं. तीनों बहनें लॉकडाउन में स्कूल बंद होने पर बच्चों को शिक्षित करने के लिए गांव के सरपंच जनार्दन सिहं संपर्क कर पढ़ाने की अनुमति मांगी और पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता को सरपंच के द्वारा समझाइश दी गई.

पढ़ें- डिजिटल बनेंगे हम: प्रदेश में 22 लाख छात्रों को दी जा रही ऑनलाइन शिक्षा, 200 स्कूलों में प्रोजेक्टर के जरिए हो रही पढ़ाई

सरपंच ने गांव के लोगों को बताया कि अन्नू कवंर और सुनंदा कवंर बच्चों को पढ़ाना चाहती हैं. जिसके बाद अन्नू कवंर के निजी मकान में बच्चों के परिजन उन्हें पढ़ने के लिए भेजने को तैयार हो गए. गांव के सरपंच की बात मानकर पढ़ने वाले बच्चे अन्नू कवंर के घर जा रहे हैं. बताते हैं, शुरुआत में 5 से 10 बच्चे आते थे. धीरे-धीरे बच्चों की संख्या बढ़कर 25 से ज्यादा हो गई है. यहां कक्षा पहली से 10वीं तक के बच्चों को पढ़ाया जा रहा है.

हर दो दिन बाद लिया जाता है टेस्ट

पहली से 5वीं तक के बच्चों को बेसिक शिक्षा के साथ विषयवार जानकारी दी जा रही है. वहीं कक्षा 6 से 10वीं तक के बच्चों को गणित, अंग्रेजी और विज्ञान विषय की पढ़ाई कराई जा रही है. बच्चे भी रुचि लेकर पढ़ रहे हैं. तीनों बेटियों के प्रयास से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. गांव के सरपंच जनार्दन सिंह कवंर बताते हैं, तीनों बेटियां मेरे पास गांव के बच्चों को पढ़ाने के लिए अनुमति लेने आई थी, जिसके बाद सभी के विचार को देख उन्होंने तीनों बेटियों को पढ़ाने के अनुमति दे दी. अब रोज सुबह पढ़ने वाले बच्चे बिना बुलाए ही पढ़ने के लिए आ जाते हैं. 2 दिन की पढ़ाई के बाद बच्चों का टेस्ट लिया जाता है.

कोरबा: रामपुर विधानसभा क्षेत्र में कोरोना महामारी से बचाव के लिए लगाये गए लॉकडाउन में शैक्षणिक संस्थानों के बंद होने से बच्चों की पढ़ाई रुक गई है. बच्चों के भविष्य खराब न हो इसके लिए कोरबा विकासखंड के लाकड़िया उरगा गांव में 3 युवतियों ने बच्चों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया है. तीनों लड़कियां आपस में बहनें हैं. जो अपने घर के 2 कमरों में सुबह 10 बजे से 12 बजे तक और दोपहर 4 बजे से शाम 6 बजे तक बच्चों को पढ़ा रही हैं.

तीन बहनों ने अपने घर में खोल दिया स्कूल

ये तीनों बहनें पहली से 10वीं तक के 25 बच्चों को पढ़ा रही हैं. इनमें एक सुनंदा कवंर BSc और अन्नू कवंर B.com कर चुकी है. दोनों बहनों आईटीआई भी कर चुकी हैं. तीनों बहनें लॉकडाउन में स्कूल बंद होने पर बच्चों को शिक्षित करने के लिए गांव के सरपंच जनार्दन सिहं संपर्क कर पढ़ाने की अनुमति मांगी और पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता को सरपंच के द्वारा समझाइश दी गई.

पढ़ें- डिजिटल बनेंगे हम: प्रदेश में 22 लाख छात्रों को दी जा रही ऑनलाइन शिक्षा, 200 स्कूलों में प्रोजेक्टर के जरिए हो रही पढ़ाई

सरपंच ने गांव के लोगों को बताया कि अन्नू कवंर और सुनंदा कवंर बच्चों को पढ़ाना चाहती हैं. जिसके बाद अन्नू कवंर के निजी मकान में बच्चों के परिजन उन्हें पढ़ने के लिए भेजने को तैयार हो गए. गांव के सरपंच की बात मानकर पढ़ने वाले बच्चे अन्नू कवंर के घर जा रहे हैं. बताते हैं, शुरुआत में 5 से 10 बच्चे आते थे. धीरे-धीरे बच्चों की संख्या बढ़कर 25 से ज्यादा हो गई है. यहां कक्षा पहली से 10वीं तक के बच्चों को पढ़ाया जा रहा है.

हर दो दिन बाद लिया जाता है टेस्ट

पहली से 5वीं तक के बच्चों को बेसिक शिक्षा के साथ विषयवार जानकारी दी जा रही है. वहीं कक्षा 6 से 10वीं तक के बच्चों को गणित, अंग्रेजी और विज्ञान विषय की पढ़ाई कराई जा रही है. बच्चे भी रुचि लेकर पढ़ रहे हैं. तीनों बेटियों के प्रयास से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. गांव के सरपंच जनार्दन सिंह कवंर बताते हैं, तीनों बेटियां मेरे पास गांव के बच्चों को पढ़ाने के लिए अनुमति लेने आई थी, जिसके बाद सभी के विचार को देख उन्होंने तीनों बेटियों को पढ़ाने के अनुमति दे दी. अब रोज सुबह पढ़ने वाले बच्चे बिना बुलाए ही पढ़ने के लिए आ जाते हैं. 2 दिन की पढ़ाई के बाद बच्चों का टेस्ट लिया जाता है.

Last Updated : Oct 10, 2020, 5:31 PM IST

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.