ETV Bharat / state

SPECIAL: वनवास के दौरान यहां भी रुके थे भगवान राम, मौजूद है मां सीता की चरण पादुका

author img

By

Published : Mar 29, 2019, 4:43 PM IST

Updated : Mar 29, 2019, 5:07 PM IST

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक ऐसी जगह मौजूद है, जहां वनवास के दौरान भगवान श्रीराम ने वक्त बिताया था. कोरबा शहर के सीतामढ़ी में आत्री ऋषि की गुफा मौजूद है.

मां सीता की चरण पादुका

कोरबा : रामायण काल से जुड़ी अनेकों कहानियां आपने सुनी होगी, प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थलों के बारे में सुना और देखा भी होगा. छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक ऐसी जगह मौजूद है, जहां वनवास के दौरान भगवान श्री राम ने वक्त विताया था. कोरबा शहर के सीतामढ़ी में आत्री ऋषि की गुफा मौजूद है. ऐसी मान्यता है कि, वनवास के दौरान भगवान श्री राम ने माता सीता और लक्ष्मण के साथ वक्त बिताया था.


इस गुफा को अब मंदिर का रूप दे दिया गया है. ऐसा कहा जाता है कि, वनवास के दौरान प्रभु श्री राम जब यहां से गुजर रहे थे, तो उनकी मुलाकात अत्रि ऋषि से हुई, जिसके प्रमाण के तौर पर लक्ष्मण के साथ ऋषि की पाषाण प्रतिमा गुफा के अंदर मौजूद है. ये प्रतिमा यहां कब से रही है इसके के बारे में किसी भी गांववाले को कोई जानकारी नहीं है.

पैकेज


माता सीता और सांप की वजह से मिला नाम
सीतामढ़ी का नाम माता सीता के आगमन और यहां मौजूद मढ़ीहार सांप की वजह से पड़ा है. कहा यहां तक जाता है कि, यहां से गुजरते वक्त माता सीता की मणि गिर गई थी, मंदिर के पुजारी इन दोनों किवदंतियों को सच मानते हैं. यहां मौजूद रामसागर तालाब और लक्ष्मण बंद तालाब मौजूद है. ऐसा कहा जाता है कि, इन तीनों ही जगहों का नाम कलयुग की शुरुआत से ही रखा गया है.


'लड़की को आया सपना'
ऐसी मान्यता है कि, भगवान श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण के यहां से गुजरने के बाद से ही इन जगहों के नाम उनके नाम पर रख दिए गए थे. मंदिर के पुजारी मातादीन बताते हैं कि आज से 25 साल पहले एक लड़की उनके पास आई और उसने कहा कि यहां कुंड में एक शिवलिंग मौजूद है. उस लड़की ने पुजारी को बताया कि 'उसे सपना आया था कि इस कुंड के अंदर शिवलिंग मौजूद है.


कुंड में मिला शिवलिंग
लड़की के कहने पर कुंड के अंदर पुजारी के साथ मिलकर कुछ लोगों ने इस शिवलिंग की खोज की और खोज के दौरान यह बात सच साबित हुई. पुजारी का कहना है की इन 25 सालों में शिवलिंग का आकार अपने आप बढ़ता जा रहा है और यह बढ़ता तब से शहर के लोगों में और जिले की जनता में इस शिवलिंग को लेकर काफी आस्था बढ़ गई है.


कोई नहीं पढ़े पाया वाक्य
गुफा मंदिर के अंदर माता सीता की चरण पादुका भी मौजूद होने की बात कही जाती है, इसके साथ चरण पादुका के ऊपर गुफा की दीवार पर देव लिपि में एक वाक्य भी लिखा है. पुजारी का कहना है कि इतने सालों में बहुत लोग आए और गए लेकिन, कोई न तो इसे पढ़ पाया और न ही समझ पाया और ना समझ पाया.


दर्शन के लिए आते हैं सैकड़ों लोग
पुरातत्व विभाग से लेकर सरकारी अधिकारी भी इसके बारे में पता लगाने आ चुके हैं लेकिन, देव लिपि को समझने में कोई भी सफल नहीं हो पाया. आज से 25 साल पहले इस जगह की महत्ता और लोगों का गुफा के प्रति विश्वास बढ़ते देख सरकार ने इसे मंदिर का रूप दिया था इस मंदिर में रोजाना सैकड़ों लोग दर्शन के लिए आते हैं.

कोरबा : रामायण काल से जुड़ी अनेकों कहानियां आपने सुनी होगी, प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थलों के बारे में सुना और देखा भी होगा. छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक ऐसी जगह मौजूद है, जहां वनवास के दौरान भगवान श्री राम ने वक्त विताया था. कोरबा शहर के सीतामढ़ी में आत्री ऋषि की गुफा मौजूद है. ऐसी मान्यता है कि, वनवास के दौरान भगवान श्री राम ने माता सीता और लक्ष्मण के साथ वक्त बिताया था.


इस गुफा को अब मंदिर का रूप दे दिया गया है. ऐसा कहा जाता है कि, वनवास के दौरान प्रभु श्री राम जब यहां से गुजर रहे थे, तो उनकी मुलाकात अत्रि ऋषि से हुई, जिसके प्रमाण के तौर पर लक्ष्मण के साथ ऋषि की पाषाण प्रतिमा गुफा के अंदर मौजूद है. ये प्रतिमा यहां कब से रही है इसके के बारे में किसी भी गांववाले को कोई जानकारी नहीं है.

पैकेज


माता सीता और सांप की वजह से मिला नाम
सीतामढ़ी का नाम माता सीता के आगमन और यहां मौजूद मढ़ीहार सांप की वजह से पड़ा है. कहा यहां तक जाता है कि, यहां से गुजरते वक्त माता सीता की मणि गिर गई थी, मंदिर के पुजारी इन दोनों किवदंतियों को सच मानते हैं. यहां मौजूद रामसागर तालाब और लक्ष्मण बंद तालाब मौजूद है. ऐसा कहा जाता है कि, इन तीनों ही जगहों का नाम कलयुग की शुरुआत से ही रखा गया है.


'लड़की को आया सपना'
ऐसी मान्यता है कि, भगवान श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण के यहां से गुजरने के बाद से ही इन जगहों के नाम उनके नाम पर रख दिए गए थे. मंदिर के पुजारी मातादीन बताते हैं कि आज से 25 साल पहले एक लड़की उनके पास आई और उसने कहा कि यहां कुंड में एक शिवलिंग मौजूद है. उस लड़की ने पुजारी को बताया कि 'उसे सपना आया था कि इस कुंड के अंदर शिवलिंग मौजूद है.


कुंड में मिला शिवलिंग
लड़की के कहने पर कुंड के अंदर पुजारी के साथ मिलकर कुछ लोगों ने इस शिवलिंग की खोज की और खोज के दौरान यह बात सच साबित हुई. पुजारी का कहना है की इन 25 सालों में शिवलिंग का आकार अपने आप बढ़ता जा रहा है और यह बढ़ता तब से शहर के लोगों में और जिले की जनता में इस शिवलिंग को लेकर काफी आस्था बढ़ गई है.


कोई नहीं पढ़े पाया वाक्य
गुफा मंदिर के अंदर माता सीता की चरण पादुका भी मौजूद होने की बात कही जाती है, इसके साथ चरण पादुका के ऊपर गुफा की दीवार पर देव लिपि में एक वाक्य भी लिखा है. पुजारी का कहना है कि इतने सालों में बहुत लोग आए और गए लेकिन, कोई न तो इसे पढ़ पाया और न ही समझ पाया और ना समझ पाया.


दर्शन के लिए आते हैं सैकड़ों लोग
पुरातत्व विभाग से लेकर सरकारी अधिकारी भी इसके बारे में पता लगाने आ चुके हैं लेकिन, देव लिपि को समझने में कोई भी सफल नहीं हो पाया. आज से 25 साल पहले इस जगह की महत्ता और लोगों का गुफा के प्रति विश्वास बढ़ते देख सरकार ने इसे मंदिर का रूप दिया था इस मंदिर में रोजाना सैकड़ों लोग दर्शन के लिए आते हैं.

Intro:रामायण से जुड़ी अनेकों कहानियां आपने सुनी होंगी। रामायण से प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थलों के बारे में आप ने सुना और देखा भी होगा। छत्तीसगढ़ का कोरबा जिला भी भगवान श्री राम के वनवास की कहानियों का एक एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। घने जंगल और नदी के बीच बसे कोरबा जिले से भगवान श्री राम की वनवास यात्रा गुजरी थी।


Body:कोरबा शहर के सीतामढ़ी में प्राचीन श्री राम गुफा मंदिर स्थित है। श्री आतरी नामक ऋषि की गुफा यहां स्थित है। जिसे अब मंदिर का रूप दे दिया गया है। यह वही गुफा है जहां प्रभु श्री राम माता सीता और लक्ष्मण जी ने कुछ दिन व्यतीत किए थे। अपने वनवास के दौरान यहां से गुजरते हुए उनकी मुलाकात अत्रि ऋषि मुनि से हुई थी। जिसका साक्षात प्रमाण राम लक्ष्मण के संग अत्रि ऋषि की पाषाण प्रतिमा गुफा के अंदर विराजमान है। जो प्रतिमा इतनी पुरानी है कि किसने और कब यहां रखी इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।
सीतामढ़ी का नाम माता सीता के आगमन और मढ़ीहार सांप की मौजूदगी के कारण पड़ा है। कहा यह भी जाता है की माता सीता का यहां से गुजरते वक्त मणि गिर गया था, लेकिन पुजारी जी का कहना है कि इन दोनों ही बातों में सच्चाई है। इसके अलावा रामसागर तालाब जो कि अब रामसागर पारा और लक्ष्मण बंद तालाब स्थित है। इन तीनों ही जगहों का नाम कलयुग की शुरुआत से ही पड़ा हुआ है। कहा जाता है कि भगवान श्री राम माता सीता और लक्ष्मण जी के यहां से गुजरने के बाद से ही इन जगहों के नाम उनके नाम पर रख दिए गए थे।
मंदिर के पुजारी मातादीन बाबा बताते हैं कि आज से 25 साल पहले एक लड़की उनके पास आई और उसने कहा कि यहां कुंड में एक शिवलिंग मौजूद है। उस लड़की ने पुजारी को बताया कि उसे सपना आया था कि इस कुंड के अंदर भगवान शिव की शिवलिंग मौजूद है। लड़की के कहने पर कुंड के अंदर पुजारी के साथ मिलकर कुछ लोगों ने इस शिवलिंग की खोज की और खोज के दौरान सचमुच पानी के अंदर से एक छोटा सा शिवलिंग निकला। पुजारी का कहना है की इन 25 सालों में शिवलिंग का आकार अपने आप बढ़ता चला गया है और यह बढ़ता ही जा रहा है। तब से शहर के लोगों में और जिले की जनता में इस शिवलिंग को लेकर काफी आस्था बढ़ गई है।
श्री राम गुफा मंदिर के अंदर माता सीता का चरण पादुका भी है। इसके साथ चरण पादुका के ऊपर गुफा की दीवार पर देव लिपि में एक वाक्य भी लिखा हुआ है। लेकिन पुजारी का कहना है कि इतने सालों में बहुत लोग आए और गए लेकिन कोई भी इसे पढ़ नहीं पाया और ना समझ पाया। पुरातत्व विभाग से लेकर सरकारी अधिकारी भी इसके बारे में पता लगाने आ चुके हैं लेकिन देव लिपि को समझने में कोई भी सफल नहीं हो पाया। आज से 25 साल पहले इस जगह की महत्ता और लोगों का गुफा के प्रति विश्वास बढ़ते देख सरकार ने इसे मंदिर का रूप दिया था इस मंदिर में रोजाना सैकड़ों लोग दर्शन के लिए आते हैं।


Conclusion:
Last Updated : Mar 29, 2019, 5:07 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.