कोरबा : कोयंबटूर से छत्तीसगढ़ के लिए चली श्रमिक स्पेशल ट्रेन बुधवार को सुबह 10 बजे कोरबा पहुंची. श्रमिक ट्रेन के आने की जानकारी के बाद से ही जिला प्रशासन और रेलवे प्रबंधन ने पहले से ही पूरी तैयारी कर ली थी. सुबह से ही प्रसाशन के आलाधिकारी स्टेशन परिसर में मौजूद थे.
ट्रेन के स्टेशन पहुंचते ही, यात्रियों को आरपीएफ के जवानों ने एक-एक कर ट्रेन से उतारा, जिसके बाद यात्री और उनके लगेज को पूरी तरह सैनिटाइज किया गया. स्टेशन परिसर में असुविधा न हो इसलिए प्रसाशन ने ब्लॉक स्तरीय स्टॉल लगाए थे. जिसमें कोरबा,पाली,कटघोरा,करतला,पोड़ी ब्लॉक के यात्रियों की एक-एक कर स्क्रीनिंग की गई. जिसके बाद सभी का पूरा ब्योरा दर्ज किया गया. जहां से उन्हें ब्लॉक के क्वॉरेंटाइन सेंटर भेजने के लिए बस में बैठाया गया.
अन्य राज्य और जिले के मजदूर पहुंचे कोरबा
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन को केवल 114 यात्रियों के आने की जानकारी थी. लेकिन प्लेटफार्म में प्रशासन ने यात्रियों का विवरण दर्ज करवाया, जहां आंकड़ा कुछ और ही निकला. जिसमें कोरबा के अलावा अन्य राज्य और जिले के मजदूर भी गलती से ट्रेन में चढ़कर कोरबा पहुंच गए. जिला प्रशासन सभी मजदूरों को उनके राज्य के सीमाओं तक पहुंचाने के लिए प्रबंध कर रहा है.
- कोरबा पहुंचे कुल यात्री -378
- कोरबा के यात्री - 120
ब्लॉक के यात्री की संख्या
- पाली -14
- करतला -13
- कोरबा -38
- पोड़ी- 39
- कटघोरा -16
कोरबा पहुंचे अन्य जिलों के यात्रियों की संख्या
- रायगढ़ -67
- बलरामपुर -11
- सरगुजा- 2
- कोरिया -1
- कुल-81
मध्यप्रदेश, बिहार, उत्तरप्रदेश,झारखंड और ओडिसा से 177 लोग ट्रेन से कोरबा पहुंचे हैं.जिला प्रशासन सभी मजदूरों को उनके राज्य के सीमाओं तक पहुंचाने के लिए प्रबंध कर रहा है.
घर वापस लाने राज्य सरकार को धन्यवाद
श्रमिक ट्रेन से लौटे कोरबा जिला के पाली ब्लॉक के निवासी निलेश ने बताया कि वे 6 महीने पहले मजदूरी करने तमिलनाडु गए हुए थे.काम किए कुछ ही महीने हुआ था कि, देश में लॉकडाउन हो गया. जिससे उनकी मजदूरी भी बंद हो गई, काम बंद होने से खाने पीने और रहने में भी दिक्कत होने लगी. जिसके बाद अपने गांव से पैसे मंगवा कर राशन या अन्य जरूरतों को पूरा करते थे. नीलेश का कहना था कि लॉकडाउन को दौरान अन्य राज्य में फंसने से वे बहुत परेशानी में थे. लेकिन राज्य सरकार ने स्पेशल ट्रेन से उन्हें अपने घर बुला लिया, जिसके लिए वे सरकार को धन्यवाद देते है.
'अब नहीं जाएंगे काम करने दूसरे राज्य'
श्रमिक ट्रेन से कोरबा पहुंची पाली ब्लॉक की युवती बसंती ने बताया कि वह अब दूसरे राज्य काम करने नहीं जाना चाहती, उन्हें राज्य में काम नहीं मिलता और ना ही पर्याप्त रोजी, जिसके कारण वो काम करने तमिलनाडु गई थी.