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कोरबा: गंदगी से भरे तालाब में मिली स्थानीय गोताखोर अशोक की लाश - Korba local diver Ashok corpse found

कोरबा के रामसागर पारा में गोताखोर आशोक नायडू की लाश 8 दिन के बाद बरामद हुई है. पुलिस ने बताया कि अशोक ने कई बार सफलतापूर्वक शवों और लोगों को बाढ़ जैसे हालात से भी बचाकर बाहर निकाला है, लेकिन इस बार वे खुद डूब गए और बच नहीं सके.

sdrf found local diver Ashok Naidu drowned in Korba
गंदगी से भरे तालाब में मिली डूबे स्थानीय गोताखोर अशोक की लाश
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Published : Nov 24, 2020, 12:21 PM IST

कोरबा: वार्ड क्रमांक 1 रामसागरपारा की गंदगी से भरे तालाब में डूबे स्थानीय गोताखोर अशोक नायडू की लाश 8 दिन के बाद बरामद हुई है. स्थानीय लोगों ने बताया कि दिवाली की रात और उसके एक दिन पहले इस तालाब में दो लोग डूबे थे. जिसमें से पहले डूबे कमल गोंड का शव डूबने के दो-तीन दिन बाद ही बरामद कर लिया गया था. बताया जा रहा है कि कमल दिवाली की रात जुआ खेलते वक्त पुलिस से बचने की फिराक में था, लेकिन वह वहां पास के तालाब में कूदकर बह गया.

गंदगी से भरे तालाब में मिली डूबे स्थानीय गोताखोर अशोक की लाश
पहली घटना जब शव को ढूंढने में लग गए 8 दिन

रामसागरपारा की यह घटना अपने आप में ऐसी पहली घटना है, जब तालाब में डूबे किसी व्यक्ति को ढूंढने में 8 दिनों का समय लग गया. दरअसल रामसागर पारा के जिस तालाब में दो व्यक्ति डूब गए थे, उसके आसपास व्यापक पैमाने पर अतिक्रमण हो चुका है. जहां चारपहिया वाहन के जाने लायक भी स्थान बाकी नहीं बचा है. गंदगी के साथ ही जलकुंभी और बड़ी झाड़ियां उग गई है, जिसे हटाने के लिए बिलासपुर से आई SDRF की टीम को ट्रैक्टर और हाईवा जैसे वाहनों का सहारा लेना पड़ा है. तालाब में नाममात्र का ही पानी बचा है, जबकि गंदगी से तालाब भरा हुआ है. यही कारण है कि डूबने के बाद दोनों ही व्यक्ति ऊपर नहीं आ पाए.

पढ़ें- सूरजपुर: नहीं थम रहा है अवैध रेत का उत्खनन, प्रशासन सो रहा कुंभकर्णी नींद


स्थानीय गोताखोर के तौर पर थी अशोक की पहचान

सोमवार को ठीक 8 दिन बाद अशोक नायडू का शव तालाब से SDRF की टीम ने बरामद कर लिया. पुलिस बताती है कि अशोक ने कई बार सफलतापूर्वक शवों और लोगों को भी बाढ़ जैसे हालात से बचाकर बाहर निकाला था.

राजस्व मंत्री पहुंचे थे मुआयना करने

सोमवार को ही राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल SDRF से शव को ढूंढने संबंधी अभियान का मुआयना करने रामसागर पारा पहुंचे थे. मंत्री अग्रवाल ने अशोक के परिजनों से मुलाकात कर उनका हालचाल भी पूछा था.

निगम के सरोवर धरोहर योजना की भी खुल रही पोल

तालाब की सफाई और उनके उन्नयन, सौंदर्यीकरण पर निगम से पानी की तरह पैसा बहाया जाता है, लेकिन निगम क्षेत्र में ही गंदगी से अटे इस तरह के तालाब मौजूद हैं, जहां कोई व्यक्ति गिर जाए, तो उस डूबे हुए व्यक्ति को ढूंढने में 8 दिन का समय लग रहा है. सरोवर-धरोहर योजना के तहत तालाबों के उन्नयन पर निगम करोड़ों की राशि खर्च करती है, लेकिन इसका असर कहीं भी नहीं दिखता. यह घटना निगम प्रशासन के लिए बड़ा सबक भी है.

कोरबा: वार्ड क्रमांक 1 रामसागरपारा की गंदगी से भरे तालाब में डूबे स्थानीय गोताखोर अशोक नायडू की लाश 8 दिन के बाद बरामद हुई है. स्थानीय लोगों ने बताया कि दिवाली की रात और उसके एक दिन पहले इस तालाब में दो लोग डूबे थे. जिसमें से पहले डूबे कमल गोंड का शव डूबने के दो-तीन दिन बाद ही बरामद कर लिया गया था. बताया जा रहा है कि कमल दिवाली की रात जुआ खेलते वक्त पुलिस से बचने की फिराक में था, लेकिन वह वहां पास के तालाब में कूदकर बह गया.

गंदगी से भरे तालाब में मिली डूबे स्थानीय गोताखोर अशोक की लाश
पहली घटना जब शव को ढूंढने में लग गए 8 दिन

रामसागरपारा की यह घटना अपने आप में ऐसी पहली घटना है, जब तालाब में डूबे किसी व्यक्ति को ढूंढने में 8 दिनों का समय लग गया. दरअसल रामसागर पारा के जिस तालाब में दो व्यक्ति डूब गए थे, उसके आसपास व्यापक पैमाने पर अतिक्रमण हो चुका है. जहां चारपहिया वाहन के जाने लायक भी स्थान बाकी नहीं बचा है. गंदगी के साथ ही जलकुंभी और बड़ी झाड़ियां उग गई है, जिसे हटाने के लिए बिलासपुर से आई SDRF की टीम को ट्रैक्टर और हाईवा जैसे वाहनों का सहारा लेना पड़ा है. तालाब में नाममात्र का ही पानी बचा है, जबकि गंदगी से तालाब भरा हुआ है. यही कारण है कि डूबने के बाद दोनों ही व्यक्ति ऊपर नहीं आ पाए.

पढ़ें- सूरजपुर: नहीं थम रहा है अवैध रेत का उत्खनन, प्रशासन सो रहा कुंभकर्णी नींद


स्थानीय गोताखोर के तौर पर थी अशोक की पहचान

सोमवार को ठीक 8 दिन बाद अशोक नायडू का शव तालाब से SDRF की टीम ने बरामद कर लिया. पुलिस बताती है कि अशोक ने कई बार सफलतापूर्वक शवों और लोगों को भी बाढ़ जैसे हालात से बचाकर बाहर निकाला था.

राजस्व मंत्री पहुंचे थे मुआयना करने

सोमवार को ही राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल SDRF से शव को ढूंढने संबंधी अभियान का मुआयना करने रामसागर पारा पहुंचे थे. मंत्री अग्रवाल ने अशोक के परिजनों से मुलाकात कर उनका हालचाल भी पूछा था.

निगम के सरोवर धरोहर योजना की भी खुल रही पोल

तालाब की सफाई और उनके उन्नयन, सौंदर्यीकरण पर निगम से पानी की तरह पैसा बहाया जाता है, लेकिन निगम क्षेत्र में ही गंदगी से अटे इस तरह के तालाब मौजूद हैं, जहां कोई व्यक्ति गिर जाए, तो उस डूबे हुए व्यक्ति को ढूंढने में 8 दिन का समय लग रहा है. सरोवर-धरोहर योजना के तहत तालाबों के उन्नयन पर निगम करोड़ों की राशि खर्च करती है, लेकिन इसका असर कहीं भी नहीं दिखता. यह घटना निगम प्रशासन के लिए बड़ा सबक भी है.

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