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इस नवरात्र मां सर्वमंगला की सूनी रहेगी दहलीज, नहीं प्रज्ज्वलित किए जाएंगे ज्योति कलश

कोरबा के मां सर्वमंगला मंदिर में चैत्र नवरात्र के मौके पर दूर-दूर से श्रद्धालु आते थे, सुबह से ही लोगों की भीड़ लगी होती थी, लेकिन इस साल यहां शांति पसरी हुई है. इसका कारण है विश्वव्यापी महामारी घोषित हो चुका कोरोना वायरस. 9 दिनों तक मां के मंदिर में न किसी तरह की कोई रौनक होगी, न कोई मेला लगेगा और न ही भक्तों का हुजूम उमड़ेगा. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन ने मंदिर के गेट भी बंद करा दिए हैं.

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सर्वमंगला मंदिर में नहीं प्रज्जवलित किए जाएंगे ज्योति कलश
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Published : Mar 25, 2020, 10:23 AM IST

Updated : Mar 25, 2020, 11:17 AM IST

कोरबा: चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है. पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित है. जहां इन दिनों मंदिरों में घंटी की आवाजें गूंजा करती थीं, वहां अब सन्नाटा पसरा हुआ है. जहां लोगों की भीड़ माता रानी के दर्शन को जाती थी, मंदिरों में रौनक हुआ करती थी, वे सारे मंदिर आज सूने पड़े हैं. ज्योति कलश की जगमगाहट से जहां चारों ओर रोशनी होती थी, वहां अब अंधेरा होगा. इसका कारण है विश्वव्यापी महामारी घोषित हो चुका कोरोना वायरस.

सर्वमंगला मंदिर में नहीं प्रज्ज्वलित किए जाएंगे ज्योति कलश

कोरबा के मां सर्वमंगला मंदिर में चैत्र नवरात्र के मौके पर दूर-दूर से श्रद्धालु आते थे, सुबह से ही लोगों की भीड़ लगी होती थी, लेकिन इस साल यहां शांति पसरी हुई है. कोरोना वायरस के प्रकोप ने भक्तों को मंदिरों से दूर कर दिया है. जिले में आस्था का केंद्र बिंदु कहलाने वाली मां सर्वमंगला की दहलीज इस साल सूनी है. 9 दिनों तक मां के मंदिर में न किसी तरह की कोई रौनक होगी, न कोई मेला लगेगा और न ही भक्तों का हुजूम उमड़ेगा. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन ने मंदिर के गेट भी बंद करा दिए हैं.

प्रज्ज्वलित नहीं होंगे मनोकामना कलश

आमतौर पर बीते वर्षों में चैत्र नवरात्र पर सर्वमंगला मंदिर में 12 से 13 हजार मनोकामना ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए जाते थे, लेकिन इस साल इनकी संख्या शून्य है. मान्यता है कि नवरात्रि के 9 दिनों तक लगातार मनोकामना ज्योति कलश प्रज्जवलित किए जाने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. ज्योति कलश प्रज्ज्वलित करने के लिए महीनों पहले से ही मंदिरों में लोग पर्ची कटा लिया करते थे, उस प्रक्रिया को भी इस साल स्थगित कर दिया गया.

छोटे व्यापारियों का हुआ बड़ा नुकसान

इस महामारी से बेखबर सर्वमंगला मंदिर के बाहर पूजन सामग्रियों का व्यवसाय करने वाले छोटे व्यापारियों का बड़ा नुकसान हुआ है. इन छोटे व्यापारियों के साल भर का व्यापार पूरी तरह से नवरात्र के इन 9 दिनों पर आश्रित रहता है. कई व्यापारी ऐसे हैं, जिन्होंने नवरात्रि के लिए सामान मंगवा लिया था, लेकिन अब वह सभी धरे के धरे रह जाएंगे. व्यापारियों का कहना है कि यह उनके लिए बेहद दुःखद है, अब इसकी भरपाई कैसे होगी, यह तो मां सर्वमंगला ही जानें. गुजारा कैसे होगा इसका भी कुछ पता नहीं.

इसके साथ ही नवरात्र से पहले हर बार मंदिर भवन और परिसर का सौंदर्यीकरण किया जाता था, वह भी इस बार नहीं किया गया. हालात ऐसे हैं कि इस महामारी ने सभी चीजों पर पाबंदी लगा दी है, हालांकि ये सभी प्रयास देशवासियों के लिए ही हैं, इसलिए वे भी इन पाबंदियों का समर्थन करके सच्ची देशभक्ति का परिचय दे रहे हैं.

कोरबा: चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है. पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित है. जहां इन दिनों मंदिरों में घंटी की आवाजें गूंजा करती थीं, वहां अब सन्नाटा पसरा हुआ है. जहां लोगों की भीड़ माता रानी के दर्शन को जाती थी, मंदिरों में रौनक हुआ करती थी, वे सारे मंदिर आज सूने पड़े हैं. ज्योति कलश की जगमगाहट से जहां चारों ओर रोशनी होती थी, वहां अब अंधेरा होगा. इसका कारण है विश्वव्यापी महामारी घोषित हो चुका कोरोना वायरस.

सर्वमंगला मंदिर में नहीं प्रज्ज्वलित किए जाएंगे ज्योति कलश

कोरबा के मां सर्वमंगला मंदिर में चैत्र नवरात्र के मौके पर दूर-दूर से श्रद्धालु आते थे, सुबह से ही लोगों की भीड़ लगी होती थी, लेकिन इस साल यहां शांति पसरी हुई है. कोरोना वायरस के प्रकोप ने भक्तों को मंदिरों से दूर कर दिया है. जिले में आस्था का केंद्र बिंदु कहलाने वाली मां सर्वमंगला की दहलीज इस साल सूनी है. 9 दिनों तक मां के मंदिर में न किसी तरह की कोई रौनक होगी, न कोई मेला लगेगा और न ही भक्तों का हुजूम उमड़ेगा. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन ने मंदिर के गेट भी बंद करा दिए हैं.

प्रज्ज्वलित नहीं होंगे मनोकामना कलश

आमतौर पर बीते वर्षों में चैत्र नवरात्र पर सर्वमंगला मंदिर में 12 से 13 हजार मनोकामना ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए जाते थे, लेकिन इस साल इनकी संख्या शून्य है. मान्यता है कि नवरात्रि के 9 दिनों तक लगातार मनोकामना ज्योति कलश प्रज्जवलित किए जाने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. ज्योति कलश प्रज्ज्वलित करने के लिए महीनों पहले से ही मंदिरों में लोग पर्ची कटा लिया करते थे, उस प्रक्रिया को भी इस साल स्थगित कर दिया गया.

छोटे व्यापारियों का हुआ बड़ा नुकसान

इस महामारी से बेखबर सर्वमंगला मंदिर के बाहर पूजन सामग्रियों का व्यवसाय करने वाले छोटे व्यापारियों का बड़ा नुकसान हुआ है. इन छोटे व्यापारियों के साल भर का व्यापार पूरी तरह से नवरात्र के इन 9 दिनों पर आश्रित रहता है. कई व्यापारी ऐसे हैं, जिन्होंने नवरात्रि के लिए सामान मंगवा लिया था, लेकिन अब वह सभी धरे के धरे रह जाएंगे. व्यापारियों का कहना है कि यह उनके लिए बेहद दुःखद है, अब इसकी भरपाई कैसे होगी, यह तो मां सर्वमंगला ही जानें. गुजारा कैसे होगा इसका भी कुछ पता नहीं.

इसके साथ ही नवरात्र से पहले हर बार मंदिर भवन और परिसर का सौंदर्यीकरण किया जाता था, वह भी इस बार नहीं किया गया. हालात ऐसे हैं कि इस महामारी ने सभी चीजों पर पाबंदी लगा दी है, हालांकि ये सभी प्रयास देशवासियों के लिए ही हैं, इसलिए वे भी इन पाबंदियों का समर्थन करके सच्ची देशभक्ति का परिचय दे रहे हैं.

Last Updated : Mar 25, 2020, 11:17 AM IST
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