कटघोरा/कोरबा : प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. शुरुआत में कोरबा जिले का कटघोरा कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते काफी सुर्खियों में रहा. यहां एक के बाद एक 27 मरीज पाए गए, जिनमें ज्यादातर मरीजों का संबंध तब्लीगी जमात से था. जाहिर है प्रदेश के किसी एक इलाके में एक साथ इतने मरीजों के मिलने से सरकार भी सक्ते में थी. शासन-प्रशासन के सामने कटघोरा को कोरोना वायरस से सुरक्षित बनाए रखने की चुनौती थी. लेकिन आज कटघोरा लगभग बहाल हो चुका है. ज्यादातर मरीज ठीक होकर घर लौट चुके है. ठीक होकर आए मरीजों ने प्लाज्मा डोनेट करने की इच्छा जताई है, ताकि दूसरे मरीजों की जान बचाई जा सके.
कोरोना को मात देकर लौटे लोगों से ETV भारत की टीम ने बातचीत की. अमन हसन प्रदेश के 25 वें कोरोना पॉजिटिव मरीज थे. पहले वे कोरोना हॉट स्पॉट इलाके में राहत कार्यों में भी जुट हुए थे, इसके साथ ही लगातार बड़े अधिकारियों से संपर्क में भी थे. लेकिन इसी दौरान उनकी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई. ETV भारत से बातचीत में उन्होंने उन तमाम बातों को सामने रखा और बताया है कि किस तरह डॉक्टरों ने उनका इलाज किया, उनकी दिनचर्या कैसी थी और वो किस तरह महज पांच दिनों में ठीक होकर वापस लौटे. अमन हसन ने एम्स के साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार का भी धन्यवाद किया है. वे मानते हैं कि अगर सरकार और डॉक्टर उनके साथ ना होते तो शायद ही आज वे यहां मौजूद होते.
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लेकिन इन तमाम अनुभवों से गुजरने वाले सिर्फ अमन हसन ही नहीं बल्कि कई और ऐसे पेशेंट रहे, जिन्होंने ETV भारत से बात की. उन्होंने ना सिर्फ कोरोना से जुड़ी बातें बताई बल्कि प्लाज्मा डोनेशन को लेकर की गई उनकी पहल पर भी चर्चा की. उन्होंने बताया कि एक नहीं बल्कि 15 लोग हैं जो अब एम्स को अपना प्लाज्मा डोनेट करना चाहते है.ताकि उनकी इस पहल से डॉक्टर ज्यादा से ज्यादा लोगों को स्वस्थ कर उनकी जान बचा सके.
'प्लाज्मा दान करने का अच्छा अवसर'
कोरोना से जंग जीत चुके इसहाक अली ने बताया कि वे तबलीगी जमात से संबंध रखते हैं और उनके जमात प्रमुख की तरफ से इस बात का ऐलान पहले ही कर दिया गया था कि ठीक होते ही हमें सबसे पहले इंसानियत की रक्षा करनी है. वे अपने प्रमुख को अपना सबसे बड़ा प्रेरणा स्रोत बताते हैं और उन्हें इस बात की खुशी है कि अब प्लाज्मा दान करने का एक अच्छा मौका उन्हें मिला है.
कटघोरा में सिर्फ एक एक्टिव केस
कटघोरा से 27 मरीज सामने आए थे. अब महज एक ही मरीज एक्टिव है, जिसका इलाज कोरबा के कोविड-19 अस्पताल में जारी है. उम्मीद हैं कि आने वाले दिनों में कटघोरा पहले की तरह सेहतमंद रहेगा और यहां नए मरीज नहीं मिलेंगे.