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कोरबाः झरने के पानी से ग्रामीण बुझा रहे प्यास, प्रशासन बेखबर

कोरबा जिले के करतला विकासखंड के ग्राम पंचायत डोंगाआमा में ग्रामीण पेयजल जैसी बुनियादी जरूरत के लिए जूझ रहे हैं. ग्रामीण अपनी प्यास बुझाने के लिए पहाड़ से निकलने वाले झरने के पानी पर निर्भर हैं.

problem of drinking water
पेयजल की समस्या
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Published : May 16, 2020, 6:55 PM IST

Updated : May 16, 2020, 8:44 PM IST

कोरबा : छत्तीसगढ़ में जहां एक ओर हर शख्स को पेयजल और स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने की बात हो रही है. वहीं कोरबा जिले के करतला विकासखंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत डोंगाआमा में, आज भी ग्रामीण पेयजल जैसी बुनियादी जरूरत से जूझ रहे हैं. ग्रामीण आज भी अपनी प्यास पहाड़ से निकलने वाली पानी से बुझाने को मजबूर हैं.

पेयजल की समस्या

डोंगाआमा के ग्रामीण बताते हैं कि, गांव में जगह-जगह हैंडपंप हैं, लेकिन हैंडपंप से लाल पानी निकलता है, जो पीने लायक नहीं है. ग्रामीण इस पानी का उपयोग नहाने, कपड़ा धोने और घर के बाहरी काम करने के लिए करते हैं. पेयजल की समस्या से ग्रामीण बहुत ज्यादा परेशान हैं और चिंता की लकीरें उनके माथे पर साफ दिखाई देती हैं.

झरने के पानी के भरोसे ग्रामीण

ग्रामीण पीने के लिए तुर्री पहाड़ के अंदर से निकलने वाले पानी का उपयोग कर रहे हैं. पहाड़ से निकलने वाले इस झरने के पानी को कपड़े से छानकर ग्रामीण अपनी प्यास बुझा रहे हैं. फिलहाल यह पानी ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हो रहा है और झरने के पानी के भरोसे ही कई साल से वो अपना जीवन-यापन करते आ रहे हैं.

15 साल से इस समस्या से जूझ रहे हैं ग्रामीण

करतला ब्लॉक के ग्राम पंचायत डोंगाआमा के ग्रामीणों ने बताया कि 'इस समस्या से वे पिछले 15 साल से जूझ रहे हैं. ग्रामीण ने मुताबिक यहां निकलने वाला पानी आयरन युक्त होता है, जिसके कारण उस पीने के उपायोग में नहीं ला सकते हैं, हालांकि पीएचई विभाग ने हैंडपंपों में फील्टर लगाया है, लेकिन इसका कोई लाभ नहीं हो रहा है. गांव में पेयजल की समस्या को दूर करने के लिए पंचायत की ओर से भी कोशिश की जा रही है, लेकिन वह भी अब तक नाकाम साबित हुआ है'. अब देखना है यह है की शासन- प्रशासन डोंगाआमा के लोगों की समस्या का समाधान कब तक कर पाता है.

पढ़ेंः-SPECIAL: नहीं रुक रहा पलायन, साइकिल से निकले UP-बिहार के सफर पर मजदूर

देश और प्रदेश में केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने पेय जल की समस्या को दूर करने के लिए कई योजनाओं को लागू किया है. बावजूद इसके डोंगाआमा जैसे दूरस्थ वनांचल गांवों में अब तक इन योजनाओं का कोई फायदा देखने को नहीं मिल है और यहां के ग्रामीणों को पेयजल की समस्या से जूझना पड़ रहा है.

कोरबा : छत्तीसगढ़ में जहां एक ओर हर शख्स को पेयजल और स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने की बात हो रही है. वहीं कोरबा जिले के करतला विकासखंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत डोंगाआमा में, आज भी ग्रामीण पेयजल जैसी बुनियादी जरूरत से जूझ रहे हैं. ग्रामीण आज भी अपनी प्यास पहाड़ से निकलने वाली पानी से बुझाने को मजबूर हैं.

पेयजल की समस्या

डोंगाआमा के ग्रामीण बताते हैं कि, गांव में जगह-जगह हैंडपंप हैं, लेकिन हैंडपंप से लाल पानी निकलता है, जो पीने लायक नहीं है. ग्रामीण इस पानी का उपयोग नहाने, कपड़ा धोने और घर के बाहरी काम करने के लिए करते हैं. पेयजल की समस्या से ग्रामीण बहुत ज्यादा परेशान हैं और चिंता की लकीरें उनके माथे पर साफ दिखाई देती हैं.

झरने के पानी के भरोसे ग्रामीण

ग्रामीण पीने के लिए तुर्री पहाड़ के अंदर से निकलने वाले पानी का उपयोग कर रहे हैं. पहाड़ से निकलने वाले इस झरने के पानी को कपड़े से छानकर ग्रामीण अपनी प्यास बुझा रहे हैं. फिलहाल यह पानी ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हो रहा है और झरने के पानी के भरोसे ही कई साल से वो अपना जीवन-यापन करते आ रहे हैं.

15 साल से इस समस्या से जूझ रहे हैं ग्रामीण

करतला ब्लॉक के ग्राम पंचायत डोंगाआमा के ग्रामीणों ने बताया कि 'इस समस्या से वे पिछले 15 साल से जूझ रहे हैं. ग्रामीण ने मुताबिक यहां निकलने वाला पानी आयरन युक्त होता है, जिसके कारण उस पीने के उपायोग में नहीं ला सकते हैं, हालांकि पीएचई विभाग ने हैंडपंपों में फील्टर लगाया है, लेकिन इसका कोई लाभ नहीं हो रहा है. गांव में पेयजल की समस्या को दूर करने के लिए पंचायत की ओर से भी कोशिश की जा रही है, लेकिन वह भी अब तक नाकाम साबित हुआ है'. अब देखना है यह है की शासन- प्रशासन डोंगाआमा के लोगों की समस्या का समाधान कब तक कर पाता है.

पढ़ेंः-SPECIAL: नहीं रुक रहा पलायन, साइकिल से निकले UP-बिहार के सफर पर मजदूर

देश और प्रदेश में केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने पेय जल की समस्या को दूर करने के लिए कई योजनाओं को लागू किया है. बावजूद इसके डोंगाआमा जैसे दूरस्थ वनांचल गांवों में अब तक इन योजनाओं का कोई फायदा देखने को नहीं मिल है और यहां के ग्रामीणों को पेयजल की समस्या से जूझना पड़ रहा है.

Last Updated : May 16, 2020, 8:44 PM IST
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