कोरबा: प्रदेश में रोका-छेका अभियान चल रहा है. लेकिन अभियान का असर जिले में दिख नहीं रहा है. सरकार ने सड़क में बेतरतीब घूमते मवेशियों को गौठान तक पहुंचाने के लिए और फसल को बचाने के लिए अभियान की शुरुआत की थी, लेकिन मवेशियों को सड़कों से अब तक पूरी तरह नहीं हटाया जा सका है. आलम ये है कि 10 जुलाई को बाइक सवार युवक मवेशी से टकराकर दुर्घटना का शिकार हो गया. उसका इलाज कोरबा के निजी अस्पताल में चल रहा है. जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है.
बता दें घायल युवक का परिवार बेहद गरीब है. युवक के इलाज के लिए उनके पास पैसे तक नहीं है. ऐसे में परिवार ने शासन-प्राशासन से मदद की गुहार लगाई है. जानकारी के मुताबिक युवक ICU में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा है.
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मां ने लगाई मदद की गुहार
घायल युवक की मां जब घटना के बारे में बता रही थी तो उसकी आंखों से आंंसू छलक पड़े. उन्होंने बताया कि उनका बेटा विक्की चौहान मामा के साथ मोटरसाइकिल पर सवार होकर मानिकपुर से घर की ओर जा रहा था. लेकिन मुड़ापार पहुंचने से पहले ही मवेशी की वजह से दुर्घटना का शिकार हो गया. दुर्घटना के बाद से ही युवक को होश नहीं आया है. गरीबी ने हमें बेहद मजबूर कर दिया है. उन्होंने इलाज के लिए शासन-प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है. युवक के 2 दिनों के इलाज के दौरान ही अस्पताल का बिल 80 हजार रुपये पहुंच चुका है. इसके बाद भी अब तक विक्की को होश नहीं आया है.