ETV Bharat / state

Chhattisgarh assembly elections :कोरबा जिले की चार विधानसभाओं का सियासी गणित, जानिए इस बार किसका रहेगा जोर ?

छत्तीसगढ़ में इसी वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. ईटीवी भारत आपको विधानसभा चुनाव से जुड़ी हर जानकारी दे रहा है.आज हम आपको कोरबा जिले की विधानसभा सीटों के बारे में बताने जा रहे हैं. कोरबा जिले की चार विधानसभाओं में तीन पर कांग्रेस और एक विधानसभा पर बीजेपी का कब्जा है.आईए जानते हैं कोरबा विधानसभा के चारों विधानसभाओं का हाल.

Political equation of Korba
कोरबा जिले की विधानसभा सीटों का समीकरण
author img

By

Published : Apr 28, 2023, 7:29 PM IST

Updated : Aug 25, 2023, 1:46 PM IST

कोरबा : प्रदेश की ऊर्जाधानी कोरबा को कांग्रेस का गढ़ कहा जाता है. क्योंकि कोरबा की 4 में से 3 सीटों पर लगातार पिछले तीन चुनावों से 3 सीट पर कांग्रेसी विधायक काबिज होते रहे हैं. इस बार कोरबा विधानसभा से बीजेपी ने लखनलाल देवांगन को टिकट दिया है. इस विधानसभा से मौजूदा समय में जयसिंह अग्रवाल कांग्रेस विधायक हैं. जयसिंह अग्रवाल कांग्रेस शासन में कैबिनेट मंत्री भी हैं. कटघोरा और पालीतानाखार विधानसभा भी कांग्रेस के ही कब्जे में हैं.कटघोरा से पुरुषोत्तम कंवर और पालीतानाखार से मोहित केरकट्टा ने जीत दर्ज की थी.वहीं रामपुर विधानसभा से पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने बीजेपी को एक सीट दिलाई थी.

वहीं पाली तानाखार सीट पर बीजेपी पिछले तीनों चुनाव में लगातार तीसरे नंबर पर रही है. इस साल अमित शाह से लेकर गिरिराज सिंह भी कोरबा दौरे पर आ चुके हैं. बीजेपी के संगठन को मजबूत करने की कवायद ना सिर्फ प्रदेश बल्कि केंद्र स्तर से हो रही है. बीजेपी आगामी चुनाव में उलटफेर की तैयारियों में जुटी है. दूसरी तरफ कांग्रेस भी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं. कांग्रेस को पूरा भरोसा है जो पिछले डेढ़ दशक में नहीं बदला, वो नतीजे इस बार भी नहीं बदलेंगे.

2008 में जयसिंह का उदय प्यारेलाल का सूर्यास्त : रामपुर विधानसभा ने अविभाजित मध्यप्रदेश से लेकर छत्तीसगढ़ को बड़े आदिवासी लीडर दिए हैं. यहां से अविभाजित मध्यप्रदेश के समय डिप्टी सीएम रहे प्यारेलाल कंवर को ननकीराम कंवर ने हरा दिया. ननकीराम को 58415 वोट मिले. जबकि प्यारेलाल कंवर को 50094 वोट मिले. वोटों का अंतर 8321(6.55%) रहा. वर्ष 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में पहली बार कोरबा शहर की सीट अस्तित्व में आई और कोरबा जिले में कुल 4 विधानसभा सीटें हो गई. इसी चुनाव में जयसिंह अग्रवाल ने पहली बार जीत दर्ज की. बेहद करीबी चुनाव में जयसिंह अग्रवाल को कोरबा विधानसभा से 48277 वोट मिले. विधानसभा के उपाध्यक्ष रह चुके बीजेपी के बनवारी लाल अग्रवाल को 47690 वोट प्राप्त हुए. हार का अंतर महज 587 (0.50%) वोट रहा. कटघोरा विधानसभा से बोधराम कंवर ने जीत दर्ज की. बोधराम को 38929 वोट मिले. जबकि बीजेपी के ज्योति नंद दुबे को 31963 वोट प्राप्त हुए. वोट का अंतर 6966(6%) का रहा. पाली तानाखार में कांग्रेस के रामदयाल उइके को 56676 वोट मिले. दूसरे नंबर पर यहां फिर से गोंगपा के सुप्रीमो हीरा सिंह मरकाम रहे. जिन्हें 27233 वोट प्राप्त हुए. वोटों का अंतर 29443(22.99%) रहा. बीजेपी फिर से यहां तीसरे पायदान पर चली गई.

2013 में ननकी हारे तो लखन जीत गए : 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में रामपुर विधानसभा से पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर हार गए थे. यहां से बीजेपी ने सीट गंवाई तो कांग्रेस से कटघोरा की सीट छीन कर लखन लाल देवांगन विजयी हुए. उलटफेर के बाद भी बीजेपी की सीट जिले में एक और कांग्रेस के पास 3 ही रही है. रामपुर से श्यामलाल कंवर ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और 67868 वोट पाकर जीत दर्ज की. ननकी को 57953 वोट मिले. हार का अंतर 9915(6.53%) वोटों का रहा. कोरबा से लगातार दूसरी बार जयसिंह अग्रवाल ने जीत दर्ज की. जिन्हें 72386 वोट प्राप्त किए. जबकि बीजेपी प्रत्याशी जोगेश लांबा को मेयर रहते हुए भी 57 हजार 937 वोट मिले. वोटों का अंतर 14449(10.10%) का रहा. कटघोरा में कांग्रेस के बड़े आदिवासी लीडर छत्तीसगढ़ के गांधी बोधराम कंवर को बीजेपी के लखन ने हरा दिया. लखन को 61646 वोट मिले, जबकि 48516 वोट पाकर बोधराम दूसरे नंबर पर रहे. वोटों का अंतर 13130(9.76%) का रहा. पाली तानाखार में हर बार की तरह कांग्रेस के रामदयाल उइके ने 69450 वोट पाकर बड़ी जीत दर्ज की. दूसरे नंबर पर गोंगपा के हीरासिंह मरकाम रहे, जिन्हें 40637 वोट मिले. हार का अंतर 28813(18.93%) वोट का रहा.

2018 के चुनाव में ननकी की वापसी जयसिंह की हैट्रिक : छत्तीसगढ़ में पिछली बार बार 2018 में विधानसभा चुनाव हुए थे. अब साढ़े 4 साल बीत चुके हैं. रामपुर सीट से बीजेपी के ननकीराम कंवर 65048 वोट पाकर विजयी हुए. जनता कांग्रेस के फूल सिंह राठिया को 46873 वोट मिले. हार का अंतर 18175 (11.12%) मतों का रहा. इस बार कांग्रेस यहां तीसरे नंबर पर चली गयी. कोरबा में जयसिंह अग्रवाल 70119 वोट के साथ विजयी रहे. बीजेपी के विकास महतो 58313 वोट के साथ दूसरे नंबर पर रहे. हार का अंतर 11806(7.3%) वोट था. यहां से जयसिंह ने जीत की हैट्रिक लगाई. कटघोरा में पूर्व विधायक बोधराम कंवर के पुत्र पुरुषोत्तम कंवर ने पिता की हार के बाद यह सीट वापस कांग्रेस को दिलाई. पुरुषोत्तम 59227 वोट पाकर जीते. बीजेपी के लखन लाल देवांगन पहली बार जीतने के बाद दूसरी बार चुनाव हार गए. उन्हें 47716 वोट मिले. हार का अंतर 11511(7.62%) वोटों का रहा. पाली तानाखार से नाटकीय घटनाक्रम में रामदयाल उइके के आखिरी समय में बीजेपी प्रवेश के बाद कांग्रेस ने मोहित केरकेट्टा को टिकट दिया. मोहित ने 66 हजार 971 वोट पाकर जीत दर्ज की. गोंगपा के सुप्रीमो हीरा सिंह मरकाम 57315 वोट के साथ दूसरे नंबर पर रहे. हार का अंतर 9656(5.73%) वोटों का था. बीजेपी यहां तीसरे नंबर पर खिसक गई.

संगठन मजबूत, इस बार जीतेंगे चारों सीट : पिछले चुनाव परिणाम और संगठन की बागडोर के सवाल पर बीजेपी के जिला अध्यक्ष डॉ राजीव सिंह का कहना है कि "कोरबा शहर हो या अन्य विधानसभा इस बार सभी स्थानों पर परिवर्तन होगा. संगठन का काम मजबूती से चल रहा है. कोरबा शहर में भी लोग परिवर्तन चाहते हैं. इस चुनाव में हम चारों सीट जीतेंगे. कोरबा को पूरी तरह से बदल कर रख देंगे".


इस बार बची हुई 1 सीट भी जीतेंगे : पाली तानाखार से कांग्रेस के विधायक मोहित केरकेट्टा का कहना है कि "इस चुनाव में कांग्रेस काफी मजबूती से काम कर रही है. कांग्रेस के काम से जनता प्रभावित है. कोरबा जिले में इस बार हम बची हुई 1 सीट भी जीत लेंगे. इस बार हम चारों सीट जीतकर आएंगे. मजबूती से कांग्रेस की सरकार बनाएंगे".

दावों में कितनी सच्चाई : कांग्रेस इस बार दावा कर रही है कि, वो कोरबा की चारों विधानसभा सीटों पर कब्जा करेगी.सरकार के काम से जनता खुश है.इसलिए कांग्रेस को यकीन है कि जनता का आशीर्वाद उन्हें प्रचंड बहुमत से जीत दिलाएगी.लेकिन जिस तरह से बीजेपी ने हर लोकसभा में मोर्चाबंदी करनी शुरु की है.उससे ये कहना गलत नहीं होगा कि, आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की राह इतनी आसान नहीं होगी. जितनी पार्टी सोच रही है.

कोरबा : प्रदेश की ऊर्जाधानी कोरबा को कांग्रेस का गढ़ कहा जाता है. क्योंकि कोरबा की 4 में से 3 सीटों पर लगातार पिछले तीन चुनावों से 3 सीट पर कांग्रेसी विधायक काबिज होते रहे हैं. इस बार कोरबा विधानसभा से बीजेपी ने लखनलाल देवांगन को टिकट दिया है. इस विधानसभा से मौजूदा समय में जयसिंह अग्रवाल कांग्रेस विधायक हैं. जयसिंह अग्रवाल कांग्रेस शासन में कैबिनेट मंत्री भी हैं. कटघोरा और पालीतानाखार विधानसभा भी कांग्रेस के ही कब्जे में हैं.कटघोरा से पुरुषोत्तम कंवर और पालीतानाखार से मोहित केरकट्टा ने जीत दर्ज की थी.वहीं रामपुर विधानसभा से पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने बीजेपी को एक सीट दिलाई थी.

वहीं पाली तानाखार सीट पर बीजेपी पिछले तीनों चुनाव में लगातार तीसरे नंबर पर रही है. इस साल अमित शाह से लेकर गिरिराज सिंह भी कोरबा दौरे पर आ चुके हैं. बीजेपी के संगठन को मजबूत करने की कवायद ना सिर्फ प्रदेश बल्कि केंद्र स्तर से हो रही है. बीजेपी आगामी चुनाव में उलटफेर की तैयारियों में जुटी है. दूसरी तरफ कांग्रेस भी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं. कांग्रेस को पूरा भरोसा है जो पिछले डेढ़ दशक में नहीं बदला, वो नतीजे इस बार भी नहीं बदलेंगे.

2008 में जयसिंह का उदय प्यारेलाल का सूर्यास्त : रामपुर विधानसभा ने अविभाजित मध्यप्रदेश से लेकर छत्तीसगढ़ को बड़े आदिवासी लीडर दिए हैं. यहां से अविभाजित मध्यप्रदेश के समय डिप्टी सीएम रहे प्यारेलाल कंवर को ननकीराम कंवर ने हरा दिया. ननकीराम को 58415 वोट मिले. जबकि प्यारेलाल कंवर को 50094 वोट मिले. वोटों का अंतर 8321(6.55%) रहा. वर्ष 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में पहली बार कोरबा शहर की सीट अस्तित्व में आई और कोरबा जिले में कुल 4 विधानसभा सीटें हो गई. इसी चुनाव में जयसिंह अग्रवाल ने पहली बार जीत दर्ज की. बेहद करीबी चुनाव में जयसिंह अग्रवाल को कोरबा विधानसभा से 48277 वोट मिले. विधानसभा के उपाध्यक्ष रह चुके बीजेपी के बनवारी लाल अग्रवाल को 47690 वोट प्राप्त हुए. हार का अंतर महज 587 (0.50%) वोट रहा. कटघोरा विधानसभा से बोधराम कंवर ने जीत दर्ज की. बोधराम को 38929 वोट मिले. जबकि बीजेपी के ज्योति नंद दुबे को 31963 वोट प्राप्त हुए. वोट का अंतर 6966(6%) का रहा. पाली तानाखार में कांग्रेस के रामदयाल उइके को 56676 वोट मिले. दूसरे नंबर पर यहां फिर से गोंगपा के सुप्रीमो हीरा सिंह मरकाम रहे. जिन्हें 27233 वोट प्राप्त हुए. वोटों का अंतर 29443(22.99%) रहा. बीजेपी फिर से यहां तीसरे पायदान पर चली गई.

2013 में ननकी हारे तो लखन जीत गए : 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में रामपुर विधानसभा से पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर हार गए थे. यहां से बीजेपी ने सीट गंवाई तो कांग्रेस से कटघोरा की सीट छीन कर लखन लाल देवांगन विजयी हुए. उलटफेर के बाद भी बीजेपी की सीट जिले में एक और कांग्रेस के पास 3 ही रही है. रामपुर से श्यामलाल कंवर ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और 67868 वोट पाकर जीत दर्ज की. ननकी को 57953 वोट मिले. हार का अंतर 9915(6.53%) वोटों का रहा. कोरबा से लगातार दूसरी बार जयसिंह अग्रवाल ने जीत दर्ज की. जिन्हें 72386 वोट प्राप्त किए. जबकि बीजेपी प्रत्याशी जोगेश लांबा को मेयर रहते हुए भी 57 हजार 937 वोट मिले. वोटों का अंतर 14449(10.10%) का रहा. कटघोरा में कांग्रेस के बड़े आदिवासी लीडर छत्तीसगढ़ के गांधी बोधराम कंवर को बीजेपी के लखन ने हरा दिया. लखन को 61646 वोट मिले, जबकि 48516 वोट पाकर बोधराम दूसरे नंबर पर रहे. वोटों का अंतर 13130(9.76%) का रहा. पाली तानाखार में हर बार की तरह कांग्रेस के रामदयाल उइके ने 69450 वोट पाकर बड़ी जीत दर्ज की. दूसरे नंबर पर गोंगपा के हीरासिंह मरकाम रहे, जिन्हें 40637 वोट मिले. हार का अंतर 28813(18.93%) वोट का रहा.

2018 के चुनाव में ननकी की वापसी जयसिंह की हैट्रिक : छत्तीसगढ़ में पिछली बार बार 2018 में विधानसभा चुनाव हुए थे. अब साढ़े 4 साल बीत चुके हैं. रामपुर सीट से बीजेपी के ननकीराम कंवर 65048 वोट पाकर विजयी हुए. जनता कांग्रेस के फूल सिंह राठिया को 46873 वोट मिले. हार का अंतर 18175 (11.12%) मतों का रहा. इस बार कांग्रेस यहां तीसरे नंबर पर चली गयी. कोरबा में जयसिंह अग्रवाल 70119 वोट के साथ विजयी रहे. बीजेपी के विकास महतो 58313 वोट के साथ दूसरे नंबर पर रहे. हार का अंतर 11806(7.3%) वोट था. यहां से जयसिंह ने जीत की हैट्रिक लगाई. कटघोरा में पूर्व विधायक बोधराम कंवर के पुत्र पुरुषोत्तम कंवर ने पिता की हार के बाद यह सीट वापस कांग्रेस को दिलाई. पुरुषोत्तम 59227 वोट पाकर जीते. बीजेपी के लखन लाल देवांगन पहली बार जीतने के बाद दूसरी बार चुनाव हार गए. उन्हें 47716 वोट मिले. हार का अंतर 11511(7.62%) वोटों का रहा. पाली तानाखार से नाटकीय घटनाक्रम में रामदयाल उइके के आखिरी समय में बीजेपी प्रवेश के बाद कांग्रेस ने मोहित केरकेट्टा को टिकट दिया. मोहित ने 66 हजार 971 वोट पाकर जीत दर्ज की. गोंगपा के सुप्रीमो हीरा सिंह मरकाम 57315 वोट के साथ दूसरे नंबर पर रहे. हार का अंतर 9656(5.73%) वोटों का था. बीजेपी यहां तीसरे नंबर पर खिसक गई.

संगठन मजबूत, इस बार जीतेंगे चारों सीट : पिछले चुनाव परिणाम और संगठन की बागडोर के सवाल पर बीजेपी के जिला अध्यक्ष डॉ राजीव सिंह का कहना है कि "कोरबा शहर हो या अन्य विधानसभा इस बार सभी स्थानों पर परिवर्तन होगा. संगठन का काम मजबूती से चल रहा है. कोरबा शहर में भी लोग परिवर्तन चाहते हैं. इस चुनाव में हम चारों सीट जीतेंगे. कोरबा को पूरी तरह से बदल कर रख देंगे".


इस बार बची हुई 1 सीट भी जीतेंगे : पाली तानाखार से कांग्रेस के विधायक मोहित केरकेट्टा का कहना है कि "इस चुनाव में कांग्रेस काफी मजबूती से काम कर रही है. कांग्रेस के काम से जनता प्रभावित है. कोरबा जिले में इस बार हम बची हुई 1 सीट भी जीत लेंगे. इस बार हम चारों सीट जीतकर आएंगे. मजबूती से कांग्रेस की सरकार बनाएंगे".

दावों में कितनी सच्चाई : कांग्रेस इस बार दावा कर रही है कि, वो कोरबा की चारों विधानसभा सीटों पर कब्जा करेगी.सरकार के काम से जनता खुश है.इसलिए कांग्रेस को यकीन है कि जनता का आशीर्वाद उन्हें प्रचंड बहुमत से जीत दिलाएगी.लेकिन जिस तरह से बीजेपी ने हर लोकसभा में मोर्चाबंदी करनी शुरु की है.उससे ये कहना गलत नहीं होगा कि, आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की राह इतनी आसान नहीं होगी. जितनी पार्टी सोच रही है.

Last Updated : Aug 25, 2023, 1:46 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.