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घर भी तुड़वा दिया और राशि भी नहीं दी, 5 महीने से खुले में रहने को मजबूर है ये परिवार

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनने वाले मकान के आश्वासन पर गरीब बुजुर्ग ने अपना घर तुड़वा लिया और पूरी राशि न मिलने से परिवार परेशान हैं.

प्रधानमंत्री आवास योजना हुआ फेल
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Published : Oct 31, 2019, 5:26 PM IST

Updated : Oct 31, 2019, 6:32 PM IST

कोरबा: सीतामणी में रहने वाले गरीब बुजुर्ग से सरकारी योजना ने न सिर्फ सिर से छत छीन ली, बल्कि 5 महीने से खुले में रहने के लिए मजबूर कर दिया है. शासन की योजना के क्रियान्वयन में हुई लापरवाही की वजह से बुजुर्ग गणपत हर दिन परेशानी झेल रहा है. अधिकारियों की तरफ से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनने वाले मकान का आश्वासन पाकर उसने अपना घर तुड़वा तो दिया लेकिन पूरी राशि न मिलने की वजह से वो अपना नया घर नहीं बनवा पा रहा है.

वीडियो

कोरबा के वार्ड नंबर 8 में रहने वाले गणपति सारथी बताते हैं कि उनके परिवार में पत्नी और 4 बच्चे हैं. झाड़ू बेचकर घर चलता है. गणपत कहते हैं कि लगभग 5 माह पहले उनके नाम पर पीएम आवास स्वीकृत किया गया. अफसरों ने सर्वे की औपचारिकता पूरी करने के बाद पुराना घर तोड़कर नए का निर्माण कराने को कहा. गणपत का कहना है कि उसन अधिकारियों से बारिश के बाद नया घर बनवाने की बता कही, लेकिन टारगेट पूरा करने के चक्कर में वे नहीं माने.

PM housing scheme fails
गणपत का टूटा हुआ घर

गणपत का कहना है कि अफसरों ने 2 महीने के अंदर नया घर बनने की बात कही थी, जिसके बाद उसने अपना घर तुड़वा दिया. परेशानी तब शुरू हुई, जब शासन से मिलने वाली राशि की सिर्फ पहली किश्त इनके हिस्से आई. यानी कि गणपति को महज 57 हजार रुपए घर बनवाने के लिए मिले, वो अपने पैसों और कर्ज लेकर बाकी के पैसों का इंतजाम कर रहा है, जिससे घर बन जाए.

PM housing scheme failsगणपत का टूटा हुआ घर

गणपत ने आरोप लगाया कि अधिकारी दौरे पर आते हैं और धमकाते हुए कहते हैं कि जल्दी घर का निर्माण पूरा करो, वरना वारंट और नोटिस जारी होगा और पैसे भी वापस करने होंगे.

गणपत कहते हैं कि ढाई लाख का घर महज 57 हजार में कैसे बनाया जाए. पीएम घर देने की बात कहते हैं और अधिकारी धमकियां देते हैं. गणपत ने बताया कि वे काम भी नहीं कर पा रहा हैं. घर में 6 सदस्य हैं और बारिश में भीगते हुए वे एक ही कमरे में गुजारा करने को मजबूर हैं.

पढ़े:घर में अकेली युवती के साथ हुआ गैंगरेप, एक आरोपी गिरफ्तार

अफसर ने जांच की बात कही-
इस विषय में नगर निगम के आयुक्त राहुल देव का कहना है कि बरसात के मौसम के कारण काम बंद किया गया था, जिसके कारण कुछ हितग्राहियों का भुगतान लंबित हो सकता है. निगम द्वारा तत्काल राशि जारी की जा रही है. इस मामले में उचित संज्ञान लेकर अगली किश्त जल्द ही जारी की जाएगी.

कोरबा: सीतामणी में रहने वाले गरीब बुजुर्ग से सरकारी योजना ने न सिर्फ सिर से छत छीन ली, बल्कि 5 महीने से खुले में रहने के लिए मजबूर कर दिया है. शासन की योजना के क्रियान्वयन में हुई लापरवाही की वजह से बुजुर्ग गणपत हर दिन परेशानी झेल रहा है. अधिकारियों की तरफ से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनने वाले मकान का आश्वासन पाकर उसने अपना घर तुड़वा तो दिया लेकिन पूरी राशि न मिलने की वजह से वो अपना नया घर नहीं बनवा पा रहा है.

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कोरबा के वार्ड नंबर 8 में रहने वाले गणपति सारथी बताते हैं कि उनके परिवार में पत्नी और 4 बच्चे हैं. झाड़ू बेचकर घर चलता है. गणपत कहते हैं कि लगभग 5 माह पहले उनके नाम पर पीएम आवास स्वीकृत किया गया. अफसरों ने सर्वे की औपचारिकता पूरी करने के बाद पुराना घर तोड़कर नए का निर्माण कराने को कहा. गणपत का कहना है कि उसन अधिकारियों से बारिश के बाद नया घर बनवाने की बता कही, लेकिन टारगेट पूरा करने के चक्कर में वे नहीं माने.

PM housing scheme fails
गणपत का टूटा हुआ घर

गणपत का कहना है कि अफसरों ने 2 महीने के अंदर नया घर बनने की बात कही थी, जिसके बाद उसने अपना घर तुड़वा दिया. परेशानी तब शुरू हुई, जब शासन से मिलने वाली राशि की सिर्फ पहली किश्त इनके हिस्से आई. यानी कि गणपति को महज 57 हजार रुपए घर बनवाने के लिए मिले, वो अपने पैसों और कर्ज लेकर बाकी के पैसों का इंतजाम कर रहा है, जिससे घर बन जाए.

PM housing scheme failsगणपत का टूटा हुआ घर

गणपत ने आरोप लगाया कि अधिकारी दौरे पर आते हैं और धमकाते हुए कहते हैं कि जल्दी घर का निर्माण पूरा करो, वरना वारंट और नोटिस जारी होगा और पैसे भी वापस करने होंगे.

गणपत कहते हैं कि ढाई लाख का घर महज 57 हजार में कैसे बनाया जाए. पीएम घर देने की बात कहते हैं और अधिकारी धमकियां देते हैं. गणपत ने बताया कि वे काम भी नहीं कर पा रहा हैं. घर में 6 सदस्य हैं और बारिश में भीगते हुए वे एक ही कमरे में गुजारा करने को मजबूर हैं.

पढ़े:घर में अकेली युवती के साथ हुआ गैंगरेप, एक आरोपी गिरफ्तार

अफसर ने जांच की बात कही-
इस विषय में नगर निगम के आयुक्त राहुल देव का कहना है कि बरसात के मौसम के कारण काम बंद किया गया था, जिसके कारण कुछ हितग्राहियों का भुगतान लंबित हो सकता है. निगम द्वारा तत्काल राशि जारी की जा रही है. इस मामले में उचित संज्ञान लेकर अगली किश्त जल्द ही जारी की जाएगी.

Intro:

कोरबा. सरकारी योजनओं के क्रियांनवयन में लापरवाही से एक गरीब का घर उजड़ गया है. अफसरों की बातों में आकर सीतामणी में रहने वाले गणपत ने 5 महीने पहले अपना घर तोड़ दिया. यह घर पीएम आवास के तहत बनने वाले अपने मकान का सपना साकार होने की उम्मीद में टूटा था, लेकिन घर के साथ ही गरीब गणपत का वह सपना भी टूट रहा है. जिसमें उसने अपने परिवार की खुषियां संजोयी थीं.
नगर पलिक निगम के कोरबा वार्ड क्रमांक-8, सीतामणी में गणपत सारथी अपने परिवार के साथ निवासरत है. गणपत के परिवार में पत्नी सहित चार बच्चे हैं. झाडू बेचकर प्रतिदिन होने वाली 300 रूपए की आमदनी समेे किसी तरह घर का खर्चा चलता है.
Body:सुने गणपत की जुबानी
गणपत कहते हैं कि अब से लगभग 5 माह पहले मेरे नाम पर पीएम आवास के तहत मकान स्वीकृत किया गया. अफसरों ने सर्वे आदि की औपचारिकता पूरी की और कहा मकान तोड़कर इसी स्थान पर नया मकान बनेगा. गणपत ने कहा कि बरसात का मौसम बीत जाने के बाद मकान तोड़कर नया निर्माण करेंगे, लेकिन अफसर नहीं मानें, क्योंकि उन्हें अपने नंबर बढ़ाने के लिए सरकारी टार्गेट पूरा करने होते है. फिर चाहे किसी गरीब का घर ही क्यों न उजड़ जाए.
गणपत ने आगे बताया कि अफसरों ने कहा था कि 2 महीने में ही नया घर बन जाएगा. जिनकी बात मानकर मैने अपना घर तोड़ दिया. इसके बाद अब तक पहले किष्त के तहत केवल 57 हजार रूपए की राषि मुझे मिली है. जबकि जेब से व कर्ज लेकर 10 हजार और खर्च कर चुका हूं. अफसर दौरे पर आते हैं और धमकाते हुए कहते हैं कि जल्दी घर का निर्माण पूरा करो, वर्ना वारंट व नोटिस जारी होगा और पैसे भी वापस करने होंगे.
गणपत ने कहा कि ढ़ाई लाख रूपए का घर मैं सिर्फ 57 हजार कैसे बनाउं, प्रधानमं़त्री कहते हैं कि हम गरीबों को मकान बनाने के लिए पैसे देंगे और मुझे धमकियां मिल रही हैं’. मेरा घर 5 महीने सेे उजड़ा हुआ है. सिर्फ खिड़कियों तक का निर्माण पूरा हुआ है.
काम भी नहीं कर पा रहा हूं. 6 लोगों का परिवार है, पूरी बरसात हम भीगते हुए एक ही कमरे में रहकर गुजर बसर कर रहे हैं.
Conclusion:जांच कर राषि जारी करेंगे
इस विषय में नगर निगम के आयुक्त राहुल देव का कहना है कि बरसात के मौसम के कारण काब बंद किया गया था, जिसके कारण कुछ हितग्राहियों का भुगतान लंबित हो सकता है. निगम द्वारा तत्काल राषि जारी की जा रही है. इस मामले में उचित संज्ञान लेकर तत्काल किष्त की राषि जारी की जाएगी.
बाईट
1. राहुल देव, आयुक्त नगर निगम
2. गणपत सारथी, पीड़ित
फोटो.





Last Updated : Oct 31, 2019, 6:32 PM IST
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