ETV Bharat / state

जान हथेली पर लेकर ये जर्जर पुल पार करते हैं लोग, नहीं हो रही मरम्मत

पुल जर्जर होने और दूसरा कोई रास्ता न होने की वजह से लोग जान हथेली पर रखकर पुल पार करते हैं. SECL प्रबंधन इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है.

जर्जर पुल
author img

By

Published : Jul 17, 2019, 5:07 PM IST

कोरबा: एसईसीएल ने मानिकपुर को रापाखर्रा समेत कई गांवों से जोड़ने के लिए करीब 15 साल पहले पुल बनवाया था, जो अब जर्जर हो चुका है. मरम्मत न होने की वजह से पुल पर दरारें पड़ गई हैं, जिससे लोगों को खतरा बना रहता है. SECL प्रबंधन इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है.

जर्जर पुल पार करने को मजबूर हैं ग्रामीण

पुल की जर्जरता से लोग परेशान
बताया जा रहा है कि यह पुल अस्थाई रुप से एसईसीएल द्वारा अपनी सुविधा के लिए बनवाया गया था. लोग लगातार इसका इस्तेमाल करते रहे और अब ये स्थिति है कि कभी भी हादसा हो सकता है. गांव के लोग दूसरा रास्ता न होने की वजह से जान हथेली पर रखकर पुल पार करते हैं.

प्रबंधन नहीं उठा रहा ठोस कदम
गांव के लोगों ने इसकी शिकायत स्थानीय प्रबंधन से की लेकिन अधिकारियों ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई और न ही पुल की मरम्मत कराई. ऐसे में भविष्य में बड़ी दुर्घटना घटने की आशंका बनी रहती है. इस मामले में प्रबंधन की लापरवाही से इनकार नहीं किया जा सकता है.

कोरबा: एसईसीएल ने मानिकपुर को रापाखर्रा समेत कई गांवों से जोड़ने के लिए करीब 15 साल पहले पुल बनवाया था, जो अब जर्जर हो चुका है. मरम्मत न होने की वजह से पुल पर दरारें पड़ गई हैं, जिससे लोगों को खतरा बना रहता है. SECL प्रबंधन इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है.

जर्जर पुल पार करने को मजबूर हैं ग्रामीण

पुल की जर्जरता से लोग परेशान
बताया जा रहा है कि यह पुल अस्थाई रुप से एसईसीएल द्वारा अपनी सुविधा के लिए बनवाया गया था. लोग लगातार इसका इस्तेमाल करते रहे और अब ये स्थिति है कि कभी भी हादसा हो सकता है. गांव के लोग दूसरा रास्ता न होने की वजह से जान हथेली पर रखकर पुल पार करते हैं.

प्रबंधन नहीं उठा रहा ठोस कदम
गांव के लोगों ने इसकी शिकायत स्थानीय प्रबंधन से की लेकिन अधिकारियों ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई और न ही पुल की मरम्मत कराई. ऐसे में भविष्य में बड़ी दुर्घटना घटने की आशंका बनी रहती है. इस मामले में प्रबंधन की लापरवाही से इनकार नहीं किया जा सकता है.

Intro:SECL मानिकपुर को रापाखर्रा सहित आधा दर्जन गांवों को जोड़ने के लिए बनाया गया लोहे का पुल समय के साथ काफी जर्जर हो गया है। डेढ़ दशक पहले SECL के द्वारा पुल को बनाया गया था। लेकिन मरम्मत के अभाव में यह पुल आम जनता के लिए खतरे का सबब बना हुआ है। पुल के कारण कई बार हादसे भी हो चुके हैं, बावजूद इसके प्रबंधन गंभीर नहीं है।


Body:तस्वीर में दिख रहा यह लोहे का पुल डेढ दशक पहले SECL ने अपने सुविधा के लिए अस्थाई रूप से तैयार किया था। समय के साथ पुल की उपयोगिता बढ़ने से यह अब काफी जर्जर हो चुका है। जिसे पार करना जान जोखिम में डालने से कम नहीं है। इस जर्जर पुल पर करीब आधा दर्जन गांव के ग्रामीण निर्भर हैं, बावजूद इसके कुल की जर्जरता को दूर करने को लेकर प्रबंधन का रवैया सकारात्मक नजर नहीं आ रहा है। इस पुल के माध्यम से छोटे-छोटे बच्चे स्कूल आना-जाना करते हैं।
दूसरा रास्ता नहीं होने के कारण जान हथेली पर रखकर लोग आना-जाना करते हैं। आधा दर्जन गांव के आवागमन का एकमात्र रास्ता कई मवेशियों की मौत की वजह बन चुका है। इतना ही नहीं कई बाइक सवार भी रात के अंधेरे में पुल से गिर चुके हैं। पुल को बदलने के लिए लोग कई बार प्रबंधन से शिकायत कर चुके हैं। लेकिन पुल की स्थिति को सुधारने किसी तरह का प्रयास नहीं किया गया है।


Conclusion:फिसलन बढ़ने के कारण हादसे की आशंका कई गुना बढ़ जाती है। समय रहते पुल को दुरुस्त करने के प्रति प्रबंधन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो बड़ी दुर्घटना की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

बाइट- आशा बाई, क्षेत्रवासी
बाइट- सागर बाई, क्षेत्रवासी(बच्चों के साथ खड़ी महिला की बाइट)
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.