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EXCLUSIVE: कोरबा में साढ़े 12 लाख की आबादी के लिए सिर्फ 18 वेंटिलेटर !

भले ही प्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण कंट्रोल में है लेकिन फिर भी स्वास्थ्य विभाग के पास उपलब्ध संसाधन नाकाफी हैं. कोरबा जिले की साढ़े 12 लाख की आबादी के लिए अस्पतालों में सिर्फ 18 वेंटिलेटर मौजूद हैं.

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कोरबा में साढ़े 12 लाख की आबादी के लिए सिर्फ 18 वेंटिलेटर !
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Published : Apr 8, 2020, 8:41 PM IST

Updated : Apr 9, 2020, 1:51 AM IST

कोरबा: स्वास्थ्य इमरजेंसी के समय मरीज को लाइफ सपोर्ट सिस्टम प्रदान करने वाले वेंटिलेटर की कमी पूरे देश में बनी हुई है. कोरबा की परिस्थितियां भी इससे जुदा नहीं है. जिले की कुल आबादी के अनुपात में उपलब्ध वेंटिलेटर की स्थिति बेहद निराशाजनक है, जिले की 12 लाख 50 हजार की आबादी के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास केवल 18 वेंटिलेटर मौजूद हैं, इसमें से भी 16 वेंटिलेटर निजी अस्पतालों के हैं. आपातस्थिति में यदि निजी अस्पताल अपने संस्थान में भर्ती मरीजों का इलाज न कर रहे हों, तभी सरकारी विभागों को ये वेंटिलेटर उपलब्ध होंगे. इसका मतलब ये हुआ कि स्वास्थ्य विभाग के पास सरकारी वेंटिलेटर की संख्या महज 2 ही है.

कोरबा में साढ़े 12 लाख की आबादी के लिए सिर्फ 18 वेंटिलेटर !
वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए पर्याप्त संसाधन नहींवैश्विक महामारी घोषित हो चुकी कोरोना वायरस से जंग के लिए जिले में वैसे तो प्रयास जारी हैं लेकिन इंतजाम अब भी नाकाफी हैं. आइसोलेशन वार्ड तो बना दिए गए हैं, लेकिन वहां पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं है. वेंटिलेटर जैसी मूलभूत आवश्यकता अब तक पूरी नहीं की जा सकी है. जिला अस्पताल के आइसोलेशन वॉर्ड में सिर्फ एक बेड में वेंटीलेटर लगाया गया है. ये वेंटीलेटर भी कोरोना संकट आने के बाद आनन-फानन में खरीदा गया. इस विषय में जब ETV भारत ने कोरबा विधायक व प्रदेश के आपदा मंत्री जयसिंह अग्रवाल से पूछा तो मंत्री जी ने वेंटिलेटर के ऑर्डर देने और जल्द आपूर्ति होने की बात कही, लेकिन आपूर्ति कब तक होगी इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है. हालांकि मंत्री ने कोरोना वायरस से उत्पन्न परिस्थितियों को पूरी तरह नियंत्रण में बताया.राज्य का दूसरा संवेदनशील जिला है कोरबाप्रदेश में राजधानी रायपुर के बाद सर्वाधिक 2 कोरोना पॉजिटिव मरीज कोरबा में ही मिले हैं. वातावरण प्रदूषित होने के कारण कोरोना संक्रमण के लिहाज से कोरबा बेहद संवेदनशील जिला माना गया है. बावजूद इसके यहां कोरोना से लड़ने के इंतजाम वैसे नहीं है जैसे होने चाहिए.


फिलहाल परिस्थितियां नियंत्रण में
इन सबके बीच अच्छी बात ये है कि प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमण के लिहाज से परिस्थितियां काफी हद तक नियंत्रण में हैं, अब तक कुल 10 संक्रमित मरीजों में से 9 पूरी तरह से ठीक होकर घर लौट चुके हैं, जबकि कोरबा के ही एक मरीज का इलाज एम्स, रायपुर में जारी है.

रायपुर एम्स में होगा कोरोना पॉजिटिव मरीज का इलाज
जिला स्तर के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश हैं कि कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर मरीज को सीधे रायपुर रेफर किया जाए, अब तक 2 कोरोना पॉजिटिव मरीजों को एम्स, रायपुर भेजा जा चुका है. जिसमें से एक ठीक होकर घर वापस लौट आया है, हालांकि कटघोरा में एक जमाती कोरोना पॉजिटिव पाया गया है, इसके बाद पूरे कटघोरा को कंप्लीट लॉकडाउन कर दिया गया है.

कोरबा: स्वास्थ्य इमरजेंसी के समय मरीज को लाइफ सपोर्ट सिस्टम प्रदान करने वाले वेंटिलेटर की कमी पूरे देश में बनी हुई है. कोरबा की परिस्थितियां भी इससे जुदा नहीं है. जिले की कुल आबादी के अनुपात में उपलब्ध वेंटिलेटर की स्थिति बेहद निराशाजनक है, जिले की 12 लाख 50 हजार की आबादी के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास केवल 18 वेंटिलेटर मौजूद हैं, इसमें से भी 16 वेंटिलेटर निजी अस्पतालों के हैं. आपातस्थिति में यदि निजी अस्पताल अपने संस्थान में भर्ती मरीजों का इलाज न कर रहे हों, तभी सरकारी विभागों को ये वेंटिलेटर उपलब्ध होंगे. इसका मतलब ये हुआ कि स्वास्थ्य विभाग के पास सरकारी वेंटिलेटर की संख्या महज 2 ही है.

कोरबा में साढ़े 12 लाख की आबादी के लिए सिर्फ 18 वेंटिलेटर !
वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए पर्याप्त संसाधन नहींवैश्विक महामारी घोषित हो चुकी कोरोना वायरस से जंग के लिए जिले में वैसे तो प्रयास जारी हैं लेकिन इंतजाम अब भी नाकाफी हैं. आइसोलेशन वार्ड तो बना दिए गए हैं, लेकिन वहां पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं है. वेंटिलेटर जैसी मूलभूत आवश्यकता अब तक पूरी नहीं की जा सकी है. जिला अस्पताल के आइसोलेशन वॉर्ड में सिर्फ एक बेड में वेंटीलेटर लगाया गया है. ये वेंटीलेटर भी कोरोना संकट आने के बाद आनन-फानन में खरीदा गया. इस विषय में जब ETV भारत ने कोरबा विधायक व प्रदेश के आपदा मंत्री जयसिंह अग्रवाल से पूछा तो मंत्री जी ने वेंटिलेटर के ऑर्डर देने और जल्द आपूर्ति होने की बात कही, लेकिन आपूर्ति कब तक होगी इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है. हालांकि मंत्री ने कोरोना वायरस से उत्पन्न परिस्थितियों को पूरी तरह नियंत्रण में बताया.राज्य का दूसरा संवेदनशील जिला है कोरबाप्रदेश में राजधानी रायपुर के बाद सर्वाधिक 2 कोरोना पॉजिटिव मरीज कोरबा में ही मिले हैं. वातावरण प्रदूषित होने के कारण कोरोना संक्रमण के लिहाज से कोरबा बेहद संवेदनशील जिला माना गया है. बावजूद इसके यहां कोरोना से लड़ने के इंतजाम वैसे नहीं है जैसे होने चाहिए.


फिलहाल परिस्थितियां नियंत्रण में
इन सबके बीच अच्छी बात ये है कि प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमण के लिहाज से परिस्थितियां काफी हद तक नियंत्रण में हैं, अब तक कुल 10 संक्रमित मरीजों में से 9 पूरी तरह से ठीक होकर घर लौट चुके हैं, जबकि कोरबा के ही एक मरीज का इलाज एम्स, रायपुर में जारी है.

रायपुर एम्स में होगा कोरोना पॉजिटिव मरीज का इलाज
जिला स्तर के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश हैं कि कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर मरीज को सीधे रायपुर रेफर किया जाए, अब तक 2 कोरोना पॉजिटिव मरीजों को एम्स, रायपुर भेजा जा चुका है. जिसमें से एक ठीक होकर घर वापस लौट आया है, हालांकि कटघोरा में एक जमाती कोरोना पॉजिटिव पाया गया है, इसके बाद पूरे कटघोरा को कंप्लीट लॉकडाउन कर दिया गया है.

Last Updated : Apr 9, 2020, 1:51 AM IST
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