कोरबा: स्वास्थ्य इमरजेंसी के समय मरीज को लाइफ सपोर्ट सिस्टम प्रदान करने वाले वेंटिलेटर की कमी पूरे देश में बनी हुई है. कोरबा की परिस्थितियां भी इससे जुदा नहीं है. जिले की कुल आबादी के अनुपात में उपलब्ध वेंटिलेटर की स्थिति बेहद निराशाजनक है, जिले की 12 लाख 50 हजार की आबादी के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास केवल 18 वेंटिलेटर मौजूद हैं, इसमें से भी 16 वेंटिलेटर निजी अस्पतालों के हैं. आपातस्थिति में यदि निजी अस्पताल अपने संस्थान में भर्ती मरीजों का इलाज न कर रहे हों, तभी सरकारी विभागों को ये वेंटिलेटर उपलब्ध होंगे. इसका मतलब ये हुआ कि स्वास्थ्य विभाग के पास सरकारी वेंटिलेटर की संख्या महज 2 ही है.
फिलहाल परिस्थितियां नियंत्रण में
इन सबके बीच अच्छी बात ये है कि प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमण के लिहाज से परिस्थितियां काफी हद तक नियंत्रण में हैं, अब तक कुल 10 संक्रमित मरीजों में से 9 पूरी तरह से ठीक होकर घर लौट चुके हैं, जबकि कोरबा के ही एक मरीज का इलाज एम्स, रायपुर में जारी है.
रायपुर एम्स में होगा कोरोना पॉजिटिव मरीज का इलाज
जिला स्तर के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश हैं कि कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर मरीज को सीधे रायपुर रेफर किया जाए, अब तक 2 कोरोना पॉजिटिव मरीजों को एम्स, रायपुर भेजा जा चुका है. जिसमें से एक ठीक होकर घर वापस लौट आया है, हालांकि कटघोरा में एक जमाती कोरोना पॉजिटिव पाया गया है, इसके बाद पूरे कटघोरा को कंप्लीट लॉकडाउन कर दिया गया है.