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कोरोना वैक्सीन के नाम पर लाखों की ठगी की कोशिश, आरोपी फरार - कोरबा न्यूज

कोरबा में कोरोना वैक्सीन के नाम पर ऑनलाइन ठगी का मामला सामने आया है. हालांकि पुलिस की मुस्तैदी से ठगी को रोक दिया गया. लेकिन आरोपियों का पता नहीं चल पाया है.

Online fraud in the name of Corona vaccine in korba
कोरोना वैक्सीन के नाम पर ऑनलाइन ठगी
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Published : Mar 21, 2021, 2:35 PM IST

Updated : Mar 21, 2021, 7:11 PM IST

कोरबा: कोरोना वैक्सीन लगवाने के नाम पर एक व्यक्ति से ऑनलाइन ठगी की गई. शख्स से 4 लाख रुपये की ठगी की गई. बैंकों की हड़ताल होने की वजह से प्रार्थी को सहायता नहीं मिल रही थी. जिसके कारण उसने पुलिस से संपर्क किया तो पता चला कि पैसे एसबीआई के अकाउंट से इंडसइंड बैंक के खाते में ट्रांसफर हुए हैं. निजी बैंक से पुलिस ने पत्राचार किया, काफी मशक्कत के बाद प्रार्थी के खाते से कटे पैसे उसके खाते में वापस पहुंच गए और 4 लाख रुपये की ठगी को आरोपी अंजाम नहीं दे सके.

कोरोना वैक्सीन के नाम पर लाखों की ठगी की कोशिश

मामले में ठगी की रकम तो प्रार्थी को वापस मिल गई, लेकिन अपराधियों के विषय में पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला है. आरोपी कौन है, इस संबंध में पुलिस के पास फिलहाल कोई जानकारी नहीं है.

इस तरह हुई ठगी
चौकी मानिकपुर क्षेत्रांतर्गत SECL में पदस्थ हर प्रसाद साहू को ठगों ने कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लगवाने के लिए फोन किया. आरोपियों ने पीड़ित के मोबाईल मे प्ले स्टोर से क्वीक सपोर्ट एप (Team Viewer) को डाउनलोड करवाया. योनो एसबीआई बैकिंग का एप्प डाऊनलोड कराया गया. यूपीआई आईडी पासवर्ड को रिमोट एक्सेस कर एक लिंक भेजा गया. लिंक क्लिक करने पर कुछ जानकारी मांगी गई. जिसे भरते ही उनके खाते से 4 लाख रुपए इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से कट गए. ठगी का शिकार हुए हर प्रसाद साहू शिकायत लेकर पहले बैंक पहुंचे, लेकिन बैंकों की हड़ताल के चलते उनकी सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद उन्होंने जिला कोरबा की साइबर सेल से संपर्क किया.

बादल सरोज से जानिए किसान आंदोलन कब खत्म होगा

आरोपियों का पता नहीं चला
मामले में जांच शुरू हुई. जिसमें ये खुलासा हुआ कि आवेदक के मोबाइल मे आए हुए मैसेज से 4 लाख रुपये इण्डसइंड बैंक मे ट्रॉस्फर होना पाया गया. लेकिन किस अकाउंट में राशि ट्रांसफर हुई इसका पता नहीं चल पाया है. सायबर की टीम ने इण्डसइंड बैंक से संपर्क किया और बैंक को मेल कर ट्रॉजेक्शन को होल्ड करने को कहा. लगातार बैंक से संपर्क कर ट्रॉजेक्शन को होल्ड कराया गया. जिससे आखिरकार पीड़ित को अपने रुपये वापस मिल गए.

बैंक कर्मियों को पुलिस ने किया पुरस्कृत
इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले बैंक कर्मियों को पुलिस ने पुरस्कृत किया. पूरी कार्रवाई रामगोपाल करियारे उप पुलिस अधीक्षक कार्यालय कोरबा के मार्गदर्शन में सायबर सेल की टीम ASI दुर्गेश राठौर, आर विरकेश्वर प्रताप सिंह, आर प्रशांत सिंह, आर रवि कुमार चौबे, आर गुनाराम सिन्हा, रेणु टोप्पो एवं इण्डसइंड बैंक के कर्मचारी गुरमित सिंह (उप शाखा प्रबंधक, कोरबा ब्रांच) टीपी नगर कोरबा का महत्वपूर्ण योगदान रहा.

कोरबा: कोरोना वैक्सीन लगवाने के नाम पर एक व्यक्ति से ऑनलाइन ठगी की गई. शख्स से 4 लाख रुपये की ठगी की गई. बैंकों की हड़ताल होने की वजह से प्रार्थी को सहायता नहीं मिल रही थी. जिसके कारण उसने पुलिस से संपर्क किया तो पता चला कि पैसे एसबीआई के अकाउंट से इंडसइंड बैंक के खाते में ट्रांसफर हुए हैं. निजी बैंक से पुलिस ने पत्राचार किया, काफी मशक्कत के बाद प्रार्थी के खाते से कटे पैसे उसके खाते में वापस पहुंच गए और 4 लाख रुपये की ठगी को आरोपी अंजाम नहीं दे सके.

कोरोना वैक्सीन के नाम पर लाखों की ठगी की कोशिश

मामले में ठगी की रकम तो प्रार्थी को वापस मिल गई, लेकिन अपराधियों के विषय में पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला है. आरोपी कौन है, इस संबंध में पुलिस के पास फिलहाल कोई जानकारी नहीं है.

इस तरह हुई ठगी
चौकी मानिकपुर क्षेत्रांतर्गत SECL में पदस्थ हर प्रसाद साहू को ठगों ने कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लगवाने के लिए फोन किया. आरोपियों ने पीड़ित के मोबाईल मे प्ले स्टोर से क्वीक सपोर्ट एप (Team Viewer) को डाउनलोड करवाया. योनो एसबीआई बैकिंग का एप्प डाऊनलोड कराया गया. यूपीआई आईडी पासवर्ड को रिमोट एक्सेस कर एक लिंक भेजा गया. लिंक क्लिक करने पर कुछ जानकारी मांगी गई. जिसे भरते ही उनके खाते से 4 लाख रुपए इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से कट गए. ठगी का शिकार हुए हर प्रसाद साहू शिकायत लेकर पहले बैंक पहुंचे, लेकिन बैंकों की हड़ताल के चलते उनकी सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद उन्होंने जिला कोरबा की साइबर सेल से संपर्क किया.

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आरोपियों का पता नहीं चला
मामले में जांच शुरू हुई. जिसमें ये खुलासा हुआ कि आवेदक के मोबाइल मे आए हुए मैसेज से 4 लाख रुपये इण्डसइंड बैंक मे ट्रॉस्फर होना पाया गया. लेकिन किस अकाउंट में राशि ट्रांसफर हुई इसका पता नहीं चल पाया है. सायबर की टीम ने इण्डसइंड बैंक से संपर्क किया और बैंक को मेल कर ट्रॉजेक्शन को होल्ड करने को कहा. लगातार बैंक से संपर्क कर ट्रॉजेक्शन को होल्ड कराया गया. जिससे आखिरकार पीड़ित को अपने रुपये वापस मिल गए.

बैंक कर्मियों को पुलिस ने किया पुरस्कृत
इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले बैंक कर्मियों को पुलिस ने पुरस्कृत किया. पूरी कार्रवाई रामगोपाल करियारे उप पुलिस अधीक्षक कार्यालय कोरबा के मार्गदर्शन में सायबर सेल की टीम ASI दुर्गेश राठौर, आर विरकेश्वर प्रताप सिंह, आर प्रशांत सिंह, आर रवि कुमार चौबे, आर गुनाराम सिन्हा, रेणु टोप्पो एवं इण्डसइंड बैंक के कर्मचारी गुरमित सिंह (उप शाखा प्रबंधक, कोरबा ब्रांच) टीपी नगर कोरबा का महत्वपूर्ण योगदान रहा.

Last Updated : Mar 21, 2021, 7:11 PM IST
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