कोरबा: कटघोरा तहसील तहत आने वाली दीपका नगर पालिका में एशिया की सबसे बड़ी कोयला खदान है. दीपका नगर पालिका 2003 से पहले ग्राम पंचायत थी, जिसे जनसंख्या बढ़ने के बाद नगर पालिका का दर्जा दिया गया.
नगर पालिका बनने के बाद 2004 में यहां पहला नगरीय निकाय चुनाव हुआ. जिसमें बीजेपी के बुगल दुबे ने कांग्रेस के तनवीर अहमद को हरा अध्यक्ष पद पर कब्जा किया. इसके बाद 2009 के चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी मनोज शर्मा ने एक बार फिर कांग्रेस के तनवीर अहमद को पराजित करते हुए जीत दर्ज की. 2014 के चुनाव में बीजेपी ने फिर से बुगल दुबे को चुनाव में उतारा और कांग्रेस तनवीर अहमद को फिर एक बार हार का सामना करना पड़ा.
दीपका नगर पालिका चुनाव शहर से ज्यादा एसईसीएल कॉलोनी के वोटरों पर निर्भर करता है. एसईसीएल कॉलोनी के वोटर ही नगर पालिका के अध्यक्ष चेहरा तय करते हैं. नगर पालिका दीपका में पहले 18 वार्ड थे, लेकिन परिसीमन होने के बाद इसे 21 वार्डों में बांट दिया गया है. वर्तमान में 7 वार्ड पर बीजेपी, 6 पर कांग्रेस और 5 पर निर्दलीय पार्षदों का कब्जा है. वर्तमान में दीपका नगर पालिका में कुल 18000 के करीब वोटर हैं. इलाके में सबसे बड़ा कोल खदान होने के कारण यहां प्रदूषण की समस्या भी बड़ी है.
शहर में बिजली पानी के साथ सड़कों की हालत भी बेहद खराब है. एसईसीएल का इलाका होने के कारण यहां भारी गाड़ियों का ज्यादा आवागमन होता है. इसके कारण सड़कों की हालत बेहद खराब हो गई है. शहर में शुद्ध पेयजल की भी भीषण समस्या है. इलाके को लोग धूल और प्रदूषण से परेशान हैं. धूल के कारण इलाके के लोग सांस की बीमारी के पीड़ित बताये जाते हैं. वहीं शहर में स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल भी बेहाल है.