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कप में गर्म पानी डालते ही बनती है चाय कॉफी और सूप, एक आइडिया ने बदली जिंदगी, पढ़िए स्टार्टअप की कहानी - ONE CUP INTERFACE STARTUP

लॉकडाउन में चाय की दुकानें बंद थीं. इस प्रॉब्लम से एक आइडिया आया और फिर शुरू हुई एक स्टार्टअप की कामयाबी की कहानी.

ONE CUP INTERFACE STARTUP
वन कप इंटरफेस स्टार्टअप (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 15, 2025, 10:58 PM IST

रायपुर : आप चाय, कॉफी और सूप पीने के शौकीन हैं तो यह आपके लिए बेहद दिलचस्प खबर है. यह कहानी शुरू होती है लॉकडाउन से. कोरोना काल में चाय, कॉफी पीने के शौकीन लोगों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. दूसरी दुकानों की तरह ही चाय, कॉफी की दुकान भी बंद थी. बस इसी समस्या ने एक स्टार्टअप का आइडिया दिमाग में लाया और एक ऐसा कप बनाया गया, जिसमें सिर्फ गर्म पानी डालने पर आप चाय, कॉफी, सूफ का मजा ले सकते हैं.

क्या है "वन कप इंटरफेस" स्टार्टअप : दरअसल यह एक ऐसा डिस्पोजल कप है, जिसमें चायपत्ती, कॉफी और सूप के रॉ मटेरियल संतुलित मात्रा में डिस्पोजल कप में पहले से डले हुए हैं. सिर्फ और सिर्फ गर्म पानी डालने के बाद आप चाय, कॉफी और सूप का मजा ले सकते हैं. इस स्टार्टअप से रायपुर के देवेश और उनकी टीम ने साल 2023-24 में 1.62 करोड़ रुपए का बिजनेस किया था. अब उन्होंने साल 2024-25 में 3 करोड़ रुपए के बिजनेस का टारगेट रखा है. इस डिस्पोजल कप की एक्सपायरी डेट 9 से 12 महीने की रहती है.

स्टार्टअप के आइडिया ने बदली जिंदगी (ETV Bharat)

मिल्क प्रोडक्ट में मिल्क पाउडर, शुगर एक संतुलित मात्रा में मिलाई जाती है. ग्रीन टी का अलग फ्लेवर है और मिल्क पाउडर वाले चाय का अलग फ्लेवर है. इन दोनों में केवल गर्म पानी डालने से ही चाय और कॉफी का मजा लिया जा सकता है : आरती पटेल, को-फाउंडर, वन कप इंटरफेस

कैसे आया इस स्टार्टअप का आइडिया : रायपुर के रहने वाले गुजराती परिवार के 4 युवकों ने मिलकर स्टार्टअप तैयार किया है. वन कप इंटरफेस के फाउंडर देवेश पटेल ने बताया कि हम फार्मा फील्ड से हैं. कोविड काल में लॉकडाउन के समय दवाइयों का व्यवसाय चालू था. उस समय चाय की जो रिक्वायरमेंट थी, उस प्रॉब्लम को सॉल्व करते-करते कुछ स्टडी और रिसर्च किया. करीब साल भर की रिसर्च हुई. इसमें दो वेरिएंट में काम किया गया है. फिल्टर कॉन्सेप्ट में ग्रीन टी. ग्रीन टी में भी हमारे पास 11 वेरिएंट हैं, जिसमें मुलेठी चाय, अश्वगंधा चाय, लेमन टी, लेमन जिंजर टी. इसके अलावा दूध वाली चाय, दूध वाली कॉफी है. हमारे पास सूप की भी वैरायटी है, जिसमें टोमेटो सूप, मिक्स वेज जैसे टेस्ट मिल जाएंगे.

दो ढाई साल पहले यह आइडिया आया था, लेकिन एक साल के रिसर्च के बाद यह पूरी तरह से सफल हुआ. इसके बाद इसका कमर्शियल प्रोडक्शन चालू किया गया. इसके साथ किस टाइप की चाय या कॉफी किस एरिया में पसंद की जाती है, यह जानना जरूरी था. चाय के साथ एक इमोशनल अटैचमेंट भी रहता है. गुजरात की तरफ जाने से वहां के लोग मीठी चाय पसंद करते हैं. दिल्ली की तरफ जाएंगे तो वहां के लोग कड़क चाय पसंद करते हैं. उन्हीं चीजों को हमने 1 साल तक स्टडी किया : देवेश पटेल, फाउंडर, वन कप इंटरफेस

देश के 18 शहरों में हो रही मार्केटिंग : देश के 17 से 18 शहरों में इसकी मार्केटिंग हो रही है. दिल्ली, जयपुर, कोटा, वाराणसी, सूरत, बड़ौदा, अहमदाबाद, मुंबई, चेन्नई, सलाम कोलकाता, सिलीगुड़ी, गुवाहाटी जैसे शहरों में भी इसकी सप्लाई हो रही है. मैन्युफैक्चरिंग के लिए दो प्लांट लगाए गए हैं, जिसमें पहला प्लांट चेन्नई में है और दूसरा प्लांट रायपुर में ऑपरेशनल है.

मार्केटिंग देखने के साथ ही सोशल मीडिया का काम देखना पड़ता है. यह प्रोडक्ट FSSAI (Food Safety and Standards Authority of India) से सर्टिफाइड है. इसकी एक्सपायरी डेट 9 महीने से लेकर 12 महीने तक रहती है. चाहे आप सूप, कॉफी या चाय लीजिए, एक कप की कीमत मात्र 20 रुपए है. साथ ही ग्रीन टी को कुछ घंटे के बाद दूसरी बार और 3 घंटे के बाद भी यूज किया जा सकता है. उसका भी समान टेस्ट मिलेगा. सोशल प्लेटफॉर्म पर वर्क अच्छे से कर रहे हैं और मार्केटिंग भी अच्छी हो रही है : आरती पटेल, को-फाउंडर, वन कप इंटरफेस

पिछले साल 1.62 करोड़ का किया बिजनेस : स्टार्टअप वन कप इंटरफेस के लॉजिस्टिक और ऑपरेशन देख रहे परम पटेल का कहना है कि इसमें ऑर्डर दो तरीके से आते हैं. लॉजिस्टिक के साथ ही दूसरे डायरेक्ट कस्टमर आते हैं. इसके साथ ही ऑनलाइन बिक्री भी होती है. मौजूदा हालात में रायपुर में इसकी डिमांड कम है, लेकिन दूसरे राज्यों में इसकी डिमांड ज्यादा है. साल 2023- 24 में 1.62 करोड़ रुपए का बिजनेस हुआ था.

ग्राहकों को पसंद आया "वन कप इंटरफेस" : चाय के शौकीन आनंद पटेल ने बताया कि वन कप इंटरफेस काफी स्मूद है और इसे यूज करना काफी आसान है. मैंने इसमें केवल गर्म पानी डाला और 15 सेकंड में चाय तैयार हो गई. पता भी नहीं चल रहा है कि यह रेडीमेड है. दूसरे तरह की चाय में चीनी, दूध जैसी चीजों की जरूरत पड़ती है, चायपत्ती चाहिए होती है. इसमें सिर्फ गर्म पानी डालने से चाय तैयार हो जाती है.

मैं हॉस्टल में रहता हूं. चाय बनाने के लिए दूध, शक्कर और चायपत्ती चाहिए होती है. ऐसे में काफी टाइम वेस्ट हो जाता है. इस चाय को मैं काफी समय से ट्राई कर रहा हूं. इसमें वन कप में गर्म पानी डालकर पी जाते हैं. अलग-अलग फ्लेवर में भी उपलब्ध है. रात में पढ़ाई करते समय आसानी से रिफ्रेशमेंट मिल जाती है : अनुभव वाडेकर, ग्राहक

मैं पिछले 2 साल से वन कप खरीद रही हूं. यह बहुत ही जल्दी और अच्छी बनती है. इसमें काफी सारे फ्लेवर्स हैं. इसे तैयार करना बेहद आसान है. इसे बच्चे, बड़े और बूढ़े आसानी से अपने पास रखकर सफर पर, पिकनिक या पार्टी में भी ले जा सकते हैं : अनीता पटेल, ग्राहक

रायपुर में डिमांड कम, लेकिन बाहर ज्यादा : वन कप इंटरफेस के फाउंडर देवेश पटेल ने बताया कि 11 शहरों के 20 डिस्ट्रीब्यूटर को इसकी सेलिंग की जाती है. जिसमें दिल्ली, वाराणसी, कोटा, जयपुर, सूरत, अहमदाबाद, नागपुर और रायपुर जैसे शहर शामिल हैं. फिलहाल, रायपुर जैसे शहर में इसकी डिमांड नहीं है. यह प्रीमियम होने के कारण थोड़ा महंगा है, जिसकी वजह से रायपुर जैसे शहर में इसकी डिमांड कम है.

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रायपुर : आप चाय, कॉफी और सूप पीने के शौकीन हैं तो यह आपके लिए बेहद दिलचस्प खबर है. यह कहानी शुरू होती है लॉकडाउन से. कोरोना काल में चाय, कॉफी पीने के शौकीन लोगों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. दूसरी दुकानों की तरह ही चाय, कॉफी की दुकान भी बंद थी. बस इसी समस्या ने एक स्टार्टअप का आइडिया दिमाग में लाया और एक ऐसा कप बनाया गया, जिसमें सिर्फ गर्म पानी डालने पर आप चाय, कॉफी, सूफ का मजा ले सकते हैं.

क्या है "वन कप इंटरफेस" स्टार्टअप : दरअसल यह एक ऐसा डिस्पोजल कप है, जिसमें चायपत्ती, कॉफी और सूप के रॉ मटेरियल संतुलित मात्रा में डिस्पोजल कप में पहले से डले हुए हैं. सिर्फ और सिर्फ गर्म पानी डालने के बाद आप चाय, कॉफी और सूप का मजा ले सकते हैं. इस स्टार्टअप से रायपुर के देवेश और उनकी टीम ने साल 2023-24 में 1.62 करोड़ रुपए का बिजनेस किया था. अब उन्होंने साल 2024-25 में 3 करोड़ रुपए के बिजनेस का टारगेट रखा है. इस डिस्पोजल कप की एक्सपायरी डेट 9 से 12 महीने की रहती है.

स्टार्टअप के आइडिया ने बदली जिंदगी (ETV Bharat)

मिल्क प्रोडक्ट में मिल्क पाउडर, शुगर एक संतुलित मात्रा में मिलाई जाती है. ग्रीन टी का अलग फ्लेवर है और मिल्क पाउडर वाले चाय का अलग फ्लेवर है. इन दोनों में केवल गर्म पानी डालने से ही चाय और कॉफी का मजा लिया जा सकता है : आरती पटेल, को-फाउंडर, वन कप इंटरफेस

कैसे आया इस स्टार्टअप का आइडिया : रायपुर के रहने वाले गुजराती परिवार के 4 युवकों ने मिलकर स्टार्टअप तैयार किया है. वन कप इंटरफेस के फाउंडर देवेश पटेल ने बताया कि हम फार्मा फील्ड से हैं. कोविड काल में लॉकडाउन के समय दवाइयों का व्यवसाय चालू था. उस समय चाय की जो रिक्वायरमेंट थी, उस प्रॉब्लम को सॉल्व करते-करते कुछ स्टडी और रिसर्च किया. करीब साल भर की रिसर्च हुई. इसमें दो वेरिएंट में काम किया गया है. फिल्टर कॉन्सेप्ट में ग्रीन टी. ग्रीन टी में भी हमारे पास 11 वेरिएंट हैं, जिसमें मुलेठी चाय, अश्वगंधा चाय, लेमन टी, लेमन जिंजर टी. इसके अलावा दूध वाली चाय, दूध वाली कॉफी है. हमारे पास सूप की भी वैरायटी है, जिसमें टोमेटो सूप, मिक्स वेज जैसे टेस्ट मिल जाएंगे.

दो ढाई साल पहले यह आइडिया आया था, लेकिन एक साल के रिसर्च के बाद यह पूरी तरह से सफल हुआ. इसके बाद इसका कमर्शियल प्रोडक्शन चालू किया गया. इसके साथ किस टाइप की चाय या कॉफी किस एरिया में पसंद की जाती है, यह जानना जरूरी था. चाय के साथ एक इमोशनल अटैचमेंट भी रहता है. गुजरात की तरफ जाने से वहां के लोग मीठी चाय पसंद करते हैं. दिल्ली की तरफ जाएंगे तो वहां के लोग कड़क चाय पसंद करते हैं. उन्हीं चीजों को हमने 1 साल तक स्टडी किया : देवेश पटेल, फाउंडर, वन कप इंटरफेस

देश के 18 शहरों में हो रही मार्केटिंग : देश के 17 से 18 शहरों में इसकी मार्केटिंग हो रही है. दिल्ली, जयपुर, कोटा, वाराणसी, सूरत, बड़ौदा, अहमदाबाद, मुंबई, चेन्नई, सलाम कोलकाता, सिलीगुड़ी, गुवाहाटी जैसे शहरों में भी इसकी सप्लाई हो रही है. मैन्युफैक्चरिंग के लिए दो प्लांट लगाए गए हैं, जिसमें पहला प्लांट चेन्नई में है और दूसरा प्लांट रायपुर में ऑपरेशनल है.

मार्केटिंग देखने के साथ ही सोशल मीडिया का काम देखना पड़ता है. यह प्रोडक्ट FSSAI (Food Safety and Standards Authority of India) से सर्टिफाइड है. इसकी एक्सपायरी डेट 9 महीने से लेकर 12 महीने तक रहती है. चाहे आप सूप, कॉफी या चाय लीजिए, एक कप की कीमत मात्र 20 रुपए है. साथ ही ग्रीन टी को कुछ घंटे के बाद दूसरी बार और 3 घंटे के बाद भी यूज किया जा सकता है. उसका भी समान टेस्ट मिलेगा. सोशल प्लेटफॉर्म पर वर्क अच्छे से कर रहे हैं और मार्केटिंग भी अच्छी हो रही है : आरती पटेल, को-फाउंडर, वन कप इंटरफेस

पिछले साल 1.62 करोड़ का किया बिजनेस : स्टार्टअप वन कप इंटरफेस के लॉजिस्टिक और ऑपरेशन देख रहे परम पटेल का कहना है कि इसमें ऑर्डर दो तरीके से आते हैं. लॉजिस्टिक के साथ ही दूसरे डायरेक्ट कस्टमर आते हैं. इसके साथ ही ऑनलाइन बिक्री भी होती है. मौजूदा हालात में रायपुर में इसकी डिमांड कम है, लेकिन दूसरे राज्यों में इसकी डिमांड ज्यादा है. साल 2023- 24 में 1.62 करोड़ रुपए का बिजनेस हुआ था.

ग्राहकों को पसंद आया "वन कप इंटरफेस" : चाय के शौकीन आनंद पटेल ने बताया कि वन कप इंटरफेस काफी स्मूद है और इसे यूज करना काफी आसान है. मैंने इसमें केवल गर्म पानी डाला और 15 सेकंड में चाय तैयार हो गई. पता भी नहीं चल रहा है कि यह रेडीमेड है. दूसरे तरह की चाय में चीनी, दूध जैसी चीजों की जरूरत पड़ती है, चायपत्ती चाहिए होती है. इसमें सिर्फ गर्म पानी डालने से चाय तैयार हो जाती है.

मैं हॉस्टल में रहता हूं. चाय बनाने के लिए दूध, शक्कर और चायपत्ती चाहिए होती है. ऐसे में काफी टाइम वेस्ट हो जाता है. इस चाय को मैं काफी समय से ट्राई कर रहा हूं. इसमें वन कप में गर्म पानी डालकर पी जाते हैं. अलग-अलग फ्लेवर में भी उपलब्ध है. रात में पढ़ाई करते समय आसानी से रिफ्रेशमेंट मिल जाती है : अनुभव वाडेकर, ग्राहक

मैं पिछले 2 साल से वन कप खरीद रही हूं. यह बहुत ही जल्दी और अच्छी बनती है. इसमें काफी सारे फ्लेवर्स हैं. इसे तैयार करना बेहद आसान है. इसे बच्चे, बड़े और बूढ़े आसानी से अपने पास रखकर सफर पर, पिकनिक या पार्टी में भी ले जा सकते हैं : अनीता पटेल, ग्राहक

रायपुर में डिमांड कम, लेकिन बाहर ज्यादा : वन कप इंटरफेस के फाउंडर देवेश पटेल ने बताया कि 11 शहरों के 20 डिस्ट्रीब्यूटर को इसकी सेलिंग की जाती है. जिसमें दिल्ली, वाराणसी, कोटा, जयपुर, सूरत, अहमदाबाद, नागपुर और रायपुर जैसे शहर शामिल हैं. फिलहाल, रायपुर जैसे शहर में इसकी डिमांड नहीं है. यह प्रीमियम होने के कारण थोड़ा महंगा है, जिसकी वजह से रायपुर जैसे शहर में इसकी डिमांड कम है.

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