महासमुंद : छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के पांच ब्लॉक की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आज कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे. इस दौरान उन्होंने अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन में कहा है कि आईसीडीएस 6 सेवाओं और 5 उद्देश्यों को लेकर पूरे देश में संचालित हो रहा है. लेकिन जिस प्रकार से हमारे ऊपर विभागीय और गैर विभागीय कार्य लादा जा रहा है, उतना काम करना अवास्तविक और असम्भव है. हमारी मांग है कि विभागीय कार्यों में आने वाली तमाम समस्याओं को तत्काल दूर किया जाए. साथ ही गैर विभागीय कार्य कराना तत्काल बंद किया जाए.
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता संयुक्त मंच की 15 सूत्रीय मांग :
- पोषण ट्रैकर ऐप के नए वर्जन में आधार कार्ड, फोन नंबर और ईकेवाईसी आदि तत्काल बंद किया जाए.
- प्रत्येक गतिविधि का अनावश्यक फोटो अपलोड बंद करवाया जाए. हितग्राही के किसी एक ही सदस्य का रजिस्ट्रेशन फोटो बंद कर पहले की तरह कार्य हो.
- सभी कार्यकर्ताओं को अच्छे स्तर का 5G मोबाइल खरीदने के लिए ₹20000 प्रति कार्यकर्ता दिया जाए.
- सुपोषण चौपाल, मोबाइल इंसेंटिव तथा इंटरनेट चार्ज 350 रुपया प्रति माह दिया जाए. ईंधन की राशि बढ़ाई जाए या गैस सिलेंडर के लिए प्रति माह कार्यकर्ता के खाते में पैसा जमा किया जाए. चावल की मात्रा प्रति बच्चा 100 ग्राम किया जाए.
- गैर विभागीय कार्य कराना तत्काल बंद किया जाए. अगर दूसरे काम कराना बंद नहीं किया गया तो हम इसका बहिष्कार करेंगे.
- बड़े शहरी क्षेत्र में आंगनबाड़ी भवन किराया ₹7000, छोटे शहरों में ₹5000 और ग्रामीण क्षेत्रों में ₹3000 प्रतिमाह दिया जाए.
- प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र को प्रतिमाह ₹500 आकस्मिक निधि प्रदान की जाए.
- गुजरात हाईकोर्ट के निर्णय अनुसार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए.
- सुप्रीम कोर्ट के निर्णयानुसार ग्रेच्युटी का कानून आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं पर लागू किया जाए.
- शासकीय कर्मचारी घोषित करने तक श्रम कानून के तहत न्यूनतम पारिश्रमिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को प्रति माह 21000 और सहायिका बहनों को 18000 स्वीकृत किया जाए.
- सामाजिक सुरक्षा के रूप मे प्रोविडेंट फंड (भविष्य निधि), ग्रेच्युटी व चिकित्सा खर्च आदि लागू किया जाए.
- सभी को जीने लायक पेंशन न्यूनतम ₹10000 प्रति प्रतिमाह लागू किया जाए.
- कार्यकर्ता को बिना किसी बाधा के शत प्रतिशत सुपरवाइजर पदों पर पदोन्नति दी जाए और सहायिका को शत प्रतिशत कार्यकर्ता के पद पर पदोन्नति दी जाए.
- कार्यकर्ता व सहायिका की आकस्मिक मृत्यु होने पर परिवार को 10 लाख रुपए व एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति दिया जाए.
- सेवानिवृत्ति होने पर कार्यकर्ता को ₹10 लाख व सहायिका को ₹8 लाख दिए जाएं.
- कार्यकर्ता एवं सहायिका को स्वयं तथा परिवार के लिए चिकित्सा खर्च एवं सवैतनिक अवकाश दिया जाए. विभाग के शासकीय कर्मचारियों को जो अवकाश मिलते हैं, उन्हें लागू किया जाए.