कोरबा: जिले में दीपावली के एक दिन पहले एक नवजात की मौत का मामला सामने आया है. नवजात के पिता ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया है. साथ ही थाने में शिकायत भी दर्ज कराई है. इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने भी जांच की बात कही है. अस्पताल ने जांच के बाद कार्रवाई करने की बात कही है.
परिजनों ने अस्पताल स्टाफ पर लगाया लापरवाही का आरोप: मृत नवजात बच्चे के पिता राहुल सिंह ने अस्पताल के स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया है. राहुल सिंह ने बताया कि, "एक दिन पहले दोपहर 12:30 बजे नॉर्मल डिलीवरी से मेरे बेटे का जन्म हुआ था. सब कुछ ठीक था. अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. इसके बाद देर रात बच्चे को बुखार हो गया.मेरी पत्नी बच्चों को लेकर वार्ड में गई. नर्स से कहा कि बच्चे को बुखार आ रहा है. इस पर नर्स ने बच्चे को दवा दिया.इसके बाद कहा कि इसे वापस ले जाओ. मेरी पत्नी ने कहा कि बच्चों को भर्ती कर लीजिए. हालांकि नर्स ने यह कहते हुए वापस लौटा दिया कि सुबह 9:00 बजे जब डॉक्टर आएंगे, तब पर्ची काटने के बाद ही बच्चे को भर्ती किया जा सकता है. नर्स के दवा देने के कुछ देर बाद ही बच्चे ने लगभग सुबह 4:30 बजे दम तोड़ दिया. अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से बच्चे की मौत हुई है. मैंने इसकी शिकायत पुलिस में भी की है."
मृत नवजात के पिता ने शिकायत दर्ज कराई है. कार्रवाई की जा रही है. -राकेश गुप्ता, एएसआई
अस्पताल प्रबंधन ने भी जांच के बाद कार्रवाई का दिया भरोसा: वहीं, इस पूरे मामले में मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सहायक अधीक्षक डॉ अनमोल सिंह ने जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा है कि, "मामले में तत्काल जांच टीम का गठन कर दिया गया है. अब तक मिली जानकारी के अनुसार बच्चे का जन्म एक दिन पहले ही मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हुआ था. जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ थे. रात को बच्चे को बुखार आना बताया गया है. इसके बाद नर्स ने उसे दवा भी दी थी. इसके बाद जब दूसरी बार बच्चे को एसएनसीयू वार्ड में लेकर आए, तब वह मृत था. परिजनों ने लापरवाही की शिकायत की है. जांच रिपोर्ट मिलने के बाद हम ठोस कार्रवाई भी करेंगे. आवेदन पर हमने पोस्टमार्टम के आदेश भी दिए हैं.
अक्सर देखने को मिलती है अस्पताल की लापरवाही: कोरबा जिला अस्पताल से लगातार लापरवाही की शिकायतें आती रहती है. कभी स्टाफ द्वारा मरीज के साथ बदसलूकी के मामले सामने आते हैं तो कभी इलाज में लापरवाही के कारण मौत के मामले सामने आते हैं. वहीं, अस्पताल में स्टाफ की भी कमी देखने को मिलती रहती है.