कोरबा: केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी हड़ताल की तैयारियों के लिए एटक ने सम्मेलन का आयोजन किया. इसमें हड़ताल को सफल बनाने की रणनीति के साथ ही पदाधिकारियों की नियुक्ति भी की गई है. इस दौरान एटक के महासचिव हरिद्वार सिंह मौजूद रहे.
मजदूर संगठनों का मानना है कि सरकार लगातार मजदूर विरोधी कानून बना रही है. जिससे मजदूरों की माली हालत और बिगड़ती जा रही है. देश गरीबी के दलदल में धंस रहा है. जबकि दूसरी तरफ उद्योगपति और अमीर होते जा रहे हैं. मजदूर विरोधी और देश विरोधी नीतियों की खिलाफत करने के लिए 10 केंद्रीय श्रम संगठनों ने 8 जनवरी को एकदिवसीय हड़ताल का ऐलान किया है. इसे सफल बनाने के लिए गुरुवार की शाम कोरबा के मुड़ापार स्थित एटक के कार्यालय में क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया.
मजदूर संगठनों की प्रमुख मांगें:
- कोयला उद्योग में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को वापस ले.
- कोल इंडिया विघटन के खिलाफ
- सभी तरह की नियुक्ति को बहाल किया जाए
- मंहगाई पर नियंत्रण
- सभी को रोजगार
- न्यूनतम मजदूरी कम से कम प्रतिमा 21000 प्रति माह
- समान काम, समान वेतन
- असंगठित क्षेत्र के सभी कामगारों को सामाजिक सुरक्षा
तीन पदाधिकारियों की नियुक्ति
सम्मेलन में मजदूर संघ कोरबा के क्षेत्रीय समिति का पुनर्गठन किया गया है. इसमें धर्माराव को अध्यक्ष, सुभाष सिंह को कार्यवाहक अध्यक्ष और दीपेश मिश्रा को क्षेत्रीय सचिव का दायित्व भी मिला है.