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पाली नगर पंचायत: काम नहीं होने से नाराज है यहां की जनता - Municipal elections

कोरबा जिले का पाली भगवान शिव के नगरी के नाम से पूरे छत्तीसगढ़ में प्रसिद्ध है. पाली को 2008 में ग्राम पंचायत से नगर पंचायत का दर्जा दिया गया. जब पाली को नगर पंचायत का दर्जा दिया गया, तो उस वक्त के सरपंच कौशल सिंह इसका पहला अध्यक्ष बनाया गया. स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर पंचायत बनने के बाद जितना विकास शहर में होना चाहिए था, उतना नहीं हुआ है. शहर के कुछ इलाकों में साफ-सफाई के साथ पेयजल की भीषण समस्या है. इसके लिए अध्यक्ष कुछ विशेष नहीं कर रहे हैं.

पाली नगर पंचायत
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Published : Oct 19, 2019, 12:02 AM IST

कोरबा: पाली भगवान शिव की नगरी के नाम से पूरे छत्तीसगढ़ में प्रसिद्ध है. यहां का शिव मंदिर पूरे देश में प्रसिद्ध है, जिसे 870-900 ईसा पूर्व वाण वंश के शासक विक्रमादित्य ने बनवाया था. पाली को 2008 में ग्राम पंचायत से नगर पंचायत का दर्जा दिया गया.

काम नहीं होने से नाराज है यहां की जनता

जब पाली को नगर पंचायत का दर्जा दिया गया, तो उस वक्त के सरपंच कौशल सिंह को इसका पहला अध्यक्ष बनाया गया. इसके बाद 2009 में निकाय चुनाव में बीजेपी के अजय जयसवाल चुनाव जीतकर यहां के पहले निर्वाचित अध्यक्ष बने. परिसीमन के बाद नगर पंचायत में 15 वार्ड का निर्माण कराया गया है. शहर में ओबीसी वोटर चुनाव में निर्णायक भूमिका में रहते हैं.

काम नहीं होने से लोग नाराज
वर्तमान में शहर की जनसंख्या करीब 11 हजार बताई जा रही है. ग्राम पंचायत को नगर पंचायत बनने के बाद इलाके में सकड़, पानी और साफ-सफाई के काम तो हुए हैं, लेकिन स्थानीय इससे उतना खुश नहीं हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर पंचायत बनने के बाद जितना विकास शहर में होना चाहिए था, उतना नहीं हुआ है. शहर के कुछ इलाकों में साफ-सफाई के साथ पेयजल की भीषण समस्या है. इसके लिए अध्यक्ष कुछ विशेष नहीं कर रहे हैं.

कोरबा: पाली भगवान शिव की नगरी के नाम से पूरे छत्तीसगढ़ में प्रसिद्ध है. यहां का शिव मंदिर पूरे देश में प्रसिद्ध है, जिसे 870-900 ईसा पूर्व वाण वंश के शासक विक्रमादित्य ने बनवाया था. पाली को 2008 में ग्राम पंचायत से नगर पंचायत का दर्जा दिया गया.

काम नहीं होने से नाराज है यहां की जनता

जब पाली को नगर पंचायत का दर्जा दिया गया, तो उस वक्त के सरपंच कौशल सिंह को इसका पहला अध्यक्ष बनाया गया. इसके बाद 2009 में निकाय चुनाव में बीजेपी के अजय जयसवाल चुनाव जीतकर यहां के पहले निर्वाचित अध्यक्ष बने. परिसीमन के बाद नगर पंचायत में 15 वार्ड का निर्माण कराया गया है. शहर में ओबीसी वोटर चुनाव में निर्णायक भूमिका में रहते हैं.

काम नहीं होने से लोग नाराज
वर्तमान में शहर की जनसंख्या करीब 11 हजार बताई जा रही है. ग्राम पंचायत को नगर पंचायत बनने के बाद इलाके में सकड़, पानी और साफ-सफाई के काम तो हुए हैं, लेकिन स्थानीय इससे उतना खुश नहीं हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर पंचायत बनने के बाद जितना विकास शहर में होना चाहिए था, उतना नहीं हुआ है. शहर के कुछ इलाकों में साफ-सफाई के साथ पेयजल की भीषण समस्या है. इसके लिए अध्यक्ष कुछ विशेष नहीं कर रहे हैं.

Intro:कोरबा जिले के पाली नगर पालिका के इतिहासBody:पाली एक शिव नगरी के नाम से जाना जाता है शिव मंदिर का निर्माण वाण वंश के शासक विक्रमादित्य(870-900 ई) के द्वारा किया गया था । 2008 में ग्राम पंचायत से पाली को नगर पंचायत पाली बनाया गया था, उस समय के वर्तमान सरपंच कौशल सिंह राज को अध्यक्ष बनाया गया था । नगर पंचायत पाली की जनसंख्या उस समय 4500 के आसपास थी । 2009 में नगर निकाय चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अजय जयसवाल ने 200 वोटों से विजय हासिल कर अध्यक्ष बनाए गए थे , 2014 में अजय जयसवाल की पत्नी संजू अजय जयसवाल को भाजपा प्रत्याशी उम्मीदवार उतारा था जहां संजू अजय जायसवाल ने 160 वोटों से विजय हासिल कर निर्दलीय प्रत्याशी को धूल चटा आया था , नगर पंचायत पाली में 15 वार्ड थे ,जो कि परिसीमन होने के बाद भी 15 वार्ड अभी है 2014 से अब तक संजू अजय जायसवाल ने अनेक रोड सीसी रोड अन्य तथा कार्य कराए गए हैं आज भी पाली में ओबीसी वोटर चुनाव तो नतीजे लाते हैं अब देखने वाली बात है कि यहां हर बार भाजपा ने अपना झंडा लहराया है अब इस चुनाव में कांग्रेश किस तरह अपना प्रत्याशी खड़ा करती है अभी वर्तमान में पाली में 11000 के आसपास जनसंख्या है 4500 इस चुनाव में मतदान कर अपना मत का प्रयोग करेंगे नगर पंचायत के अध्यक्ष पद किससे बनाते हैं।Conclusion:...
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