कोरबा: लोको पायलटों ने रेल प्रशासन के खिलाफ माइलेज कम किए जाने के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया. रेलवे के रनिंग स्टाफ में आने वाले लोको पायलट माइलेज दर में कटौती से खासे आक्रोशित हैं.
शुक्रवार को सभी ने क्षेत्रीय रेल प्रबंधक कार्यालय, कोरबा के सामने नारेबाजी करते हुए सांकेतिक प्रदर्शन किया. पायलटों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो वह भूख हड़ताल पर जाएंगे.
कोरबा जिले में रनिंग स्टाफ की ओर से ज्यादातर समय कोल साइडिंग से कोयला लोड कर देश भर के कई स्थानों में कोयले से लदी मालगाड़ियों का परिवहन करने की जिम्मेदारी होती है. इस कार्य के लिए रनिंग स्टाफ को दिन में किए गए प्रति घंटे के लिए निर्धारित माइलेज दर के अनुसार वेतन के अलावा TA प्रदान किया जाता है. रनिंग स्टाफ की माइलेज दर का निर्धारण रिव्यू कमेटी की ओर से तय किया जाता है.
मायलेज दर में 70 फीसदी की कटौती
लोको पायलटों का आरोप है कि 'रिव्यू किए बिना ही उनके माइलेज दर में सीधे-सीधे 70 फीसदी की कटौती कर दी गई है. जोकि न्यायसंगत नहीं है. पहले इसमें दिन में तय की गई दूरी और अन्य बिंदुओं के मद्देनजर पूरे दिन 10 घंटे के हिसाब से माइलेज दर का निर्धारण किया जाता रहा था. वर्तमान में इस माइलेज दर में कटौती कर दी गई है'.
प्रदर्शन करने वालों में कोरबा के लोको पायलट, सहायक लोको पायलट और गार्ड भी शामिल रहे. जिन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान समय में सबसे अधिक लोडिंग कोरबा से होती हैं. लोडिंग का टारगेट हर साल बढ़ रहा है. लेकिन इसके विपरीत माइलेज दर में कटौती की जा रही है. जिससे कोरबा के लगभग 850 रनिंग स्टाफ प्रभावित होंगे. प्रदर्शन के दौरान संत भूषण पाटिल, मुकेश राजपूत, एके सिंह, यादवेश यादव, पीके राजवाड़े आदि मौजूद रहे.
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वहीं कर्मचारियों का एक डेलिगेशन रेल प्रशासन से चर्चा के लिए बिलासपुर गया हुआ है. उचित निर्णय नहीं होने पर और भी उग्र आंदोलन की बात रेलवे रनिंग स्टाफ ने कही है.