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कोरबा: लोको पायलट संघ ने खोला मोर्चा, माइलेज में की गई है भारी-भरकम कटौती - कोरबा में लोको पायलटो का मोर्चा

रेल प्रशासन के खिलाफ लोको पायलटों ने माइलेज कम किए जाने के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया.

Loco Pilot Association opened front against railway administration
लोको पायलट संघ ने खोला मोर्चा
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Published : Nov 30, 2019, 10:55 AM IST

Updated : Nov 30, 2019, 1:34 PM IST

कोरबा: लोको पायलटों ने रेल प्रशासन के खिलाफ माइलेज कम किए जाने के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया. रेलवे के रनिंग स्टाफ में आने वाले लोको पायलट माइलेज दर में कटौती से खासे आक्रोशित हैं.

लोको पायलटों ने माइलेज कम किए जाने के विरोध में जमकर प्रदर्शन

शुक्रवार को सभी ने क्षेत्रीय रेल प्रबंधक कार्यालय, कोरबा के सामने नारेबाजी करते हुए सांकेतिक प्रदर्शन किया. पायलटों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो वह भूख हड़ताल पर जाएंगे.

कोरबा जिले में रनिंग स्टाफ की ओर से ज्यादातर समय कोल साइडिंग से कोयला लोड कर देश भर के कई स्थानों में कोयले से लदी मालगाड़ियों का परिवहन करने की जिम्मेदारी होती है. इस कार्य के लिए रनिंग स्टाफ को दिन में किए गए प्रति घंटे के लिए निर्धारित माइलेज दर के अनुसार वेतन के अलावा TA प्रदान किया जाता है. रनिंग स्टाफ की माइलेज दर का निर्धारण रिव्यू कमेटी की ओर से तय किया जाता है.

मायलेज दर में 70 फीसदी की कटौती
लोको पायलटों का आरोप है कि 'रिव्यू किए बिना ही उनके माइलेज दर में सीधे-सीधे 70 फीसदी की कटौती कर दी गई है. जोकि न्यायसंगत नहीं है. पहले इसमें दिन में तय की गई दूरी और अन्य बिंदुओं के मद्देनजर पूरे दिन 10 घंटे के हिसाब से माइलेज दर का निर्धारण किया जाता रहा था. वर्तमान में इस माइलेज दर में कटौती कर दी गई है'.

प्रदर्शन करने वालों में कोरबा के लोको पायलट, सहायक लोको पायलट और गार्ड भी शामिल रहे. जिन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान समय में सबसे अधिक लोडिंग कोरबा से होती हैं. लोडिंग का टारगेट हर साल बढ़ रहा है. लेकिन इसके विपरीत माइलेज दर में कटौती की जा रही है. जिससे कोरबा के लगभग 850 रनिंग स्टाफ प्रभावित होंगे. प्रदर्शन के दौरान संत भूषण पाटिल, मुकेश राजपूत, एके सिंह, यादवेश यादव, पीके राजवाड़े आदि मौजूद रहे.

पढ़ें- कोरबा : छाने लगा कोहरा, गुलाबी ठंड ने दी दस्तक

वहीं कर्मचारियों का एक डेलिगेशन रेल प्रशासन से चर्चा के लिए बिलासपुर गया हुआ है. उचित निर्णय नहीं होने पर और भी उग्र आंदोलन की बात रेलवे रनिंग स्टाफ ने कही है.

कोरबा: लोको पायलटों ने रेल प्रशासन के खिलाफ माइलेज कम किए जाने के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया. रेलवे के रनिंग स्टाफ में आने वाले लोको पायलट माइलेज दर में कटौती से खासे आक्रोशित हैं.

लोको पायलटों ने माइलेज कम किए जाने के विरोध में जमकर प्रदर्शन

शुक्रवार को सभी ने क्षेत्रीय रेल प्रबंधक कार्यालय, कोरबा के सामने नारेबाजी करते हुए सांकेतिक प्रदर्शन किया. पायलटों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो वह भूख हड़ताल पर जाएंगे.

कोरबा जिले में रनिंग स्टाफ की ओर से ज्यादातर समय कोल साइडिंग से कोयला लोड कर देश भर के कई स्थानों में कोयले से लदी मालगाड़ियों का परिवहन करने की जिम्मेदारी होती है. इस कार्य के लिए रनिंग स्टाफ को दिन में किए गए प्रति घंटे के लिए निर्धारित माइलेज दर के अनुसार वेतन के अलावा TA प्रदान किया जाता है. रनिंग स्टाफ की माइलेज दर का निर्धारण रिव्यू कमेटी की ओर से तय किया जाता है.

मायलेज दर में 70 फीसदी की कटौती
लोको पायलटों का आरोप है कि 'रिव्यू किए बिना ही उनके माइलेज दर में सीधे-सीधे 70 फीसदी की कटौती कर दी गई है. जोकि न्यायसंगत नहीं है. पहले इसमें दिन में तय की गई दूरी और अन्य बिंदुओं के मद्देनजर पूरे दिन 10 घंटे के हिसाब से माइलेज दर का निर्धारण किया जाता रहा था. वर्तमान में इस माइलेज दर में कटौती कर दी गई है'.

प्रदर्शन करने वालों में कोरबा के लोको पायलट, सहायक लोको पायलट और गार्ड भी शामिल रहे. जिन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान समय में सबसे अधिक लोडिंग कोरबा से होती हैं. लोडिंग का टारगेट हर साल बढ़ रहा है. लेकिन इसके विपरीत माइलेज दर में कटौती की जा रही है. जिससे कोरबा के लगभग 850 रनिंग स्टाफ प्रभावित होंगे. प्रदर्शन के दौरान संत भूषण पाटिल, मुकेश राजपूत, एके सिंह, यादवेश यादव, पीके राजवाड़े आदि मौजूद रहे.

पढ़ें- कोरबा : छाने लगा कोहरा, गुलाबी ठंड ने दी दस्तक

वहीं कर्मचारियों का एक डेलिगेशन रेल प्रशासन से चर्चा के लिए बिलासपुर गया हुआ है. उचित निर्णय नहीं होने पर और भी उग्र आंदोलन की बात रेलवे रनिंग स्टाफ ने कही है.

Intro:कोरबा। रेल प्रशासन के खिलाफ लोको पायलटो ने माइलेज कम किए जाने के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया। रेलवे के रनिंग स्टाफ के अंतर्गत आने वाले लोको पायलट माइलेज दर में कटौती से खासे आक्रोशित हैं। शुक्रवार को सभी ने क्षेत्रीय रेल प्रबंधक कार्यालय, कोरबा के समक्ष नारेबाजी करते हुए सांकेतिक प्रदर्शन किया। जिन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो वह भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे।Body:कोरबा जिले में रनिंग स्टाफ द्वारा ज्यादातर समय कोल साइडिंग से कोयला लोड कर देश भर के विभिन्न स्थानों में कोयले से लदी मालगाड़ियों का परिवहन करने की जिम्मेदारी होती है। इस कार्य के लिए रनिंग स्टाफ को दिन में किए गए प्रति घंटे के लिए निर्धारित माइलेज दर के अनुसार वेतन के अलावा एलोवेन्स(TA) प्रदान किया जाता है। रनिंग स्टाफ की माइलेज दर का निर्धारण रिव्यू कमेटी द्वारा तय किया जाता है। लोको पायलटों का आरोप है कि रिव्यू किए बिना ही उनके माइलेज दर में सीधे-सीधे 70 फ़ीसदी की कटौती कर दी गई है।
जोकि न्यायसंगत नहीं है पूर्व में दिन में तय की गई दूरी व अन्य बिंदुओं के मद्देनजर पूरे दिन 10 घंटे के हिसाब से माइलेज दर का निर्धारण किया जाता रहा है। वर्तमान में इस माइलेज दर में कटौती कर दी गई है।
Conclusion:प्रदर्शन करने वालों में कोरबा के लोको पायलट, सहायक लोको पायलट व गार्ड भी शामिल रहे। जिन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान समय में सबसे अधिक लोडिंग कोरबा से होती हैं। लोडिंग का टारगेट हर साल बढ़ रहा है। लेकिन इसके विपरीत माइलेज दर में कटौती की जा रही है। जिससे कोरबा के लगभग 850 रनिंग स्टाफ प्रभावित होंगे। प्रदर्शन के दौरान संत भूषण पाटिल, मुकेश राजपूत, एके सिंह, यादवेश यादव, पीके राजवाड़े आदि मौजूद रहे।
कर्मचारियों का एक डेलिगेशन रेल प्रशासन से चर्चा के लिए बिलासपुर गया हुआ है। उचित निर्णय नहीं होने पर और भी उग्र आंदोलन की बात रेलवे रनिंग स्टाफ ने कही है।

बाइट। दुष्यंत कुमार, लोको पायलट
Last Updated : Nov 30, 2019, 1:34 PM IST
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