जशपुर: पारंपरिक जतरा मेला के आयोजन स्थल को लेकर जशपुर नगर पालिका परिषद में नीलामी प्रक्रिया के दौरान हंगामा और विवाद की स्थिति बन गई. बोली लगाने आए ठेकेदार आयोजन स्थल निर्धारित करने की जिम्मेदारी नगर पालिका की बता रहे थे. शुरुआत में ही बोलीदारों ने पालिका के अधिकारियों से आयोजन स्थल स्पष्ट करने का अनुरोध किया. गौ शाला समिति की ओर से आए प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि उन्हें जमीन किराया के रूप में निर्धारित राशि देनी होगी, तभी वे आयोजन की अनुमति देगें.
28 लाख से ज्यादा में जतरा मेला आयोजन स्थल की नीलामी: हंगामे के बीच आयोजित हुई नीलामी में 28 लाख 25 हजार की अधिकतम बोली लगाकर नरेंद्र भगत ने मेला आयोजन का अधिकार हासिल किया. इस सरकारी बोली के अतिरिक्त 7 लाख रुपये ठेकेदार को आयोजन स्थल के भू स्वामी गौशाला समिति को देना होगा. इस तरह मेला का आयोजन 35 लाख 25 हजार रुपये पहुंच गया.
13 लाख से ज्यादा का मिलेगा राजस्व: जतरा मेला के लिए बीते साल 2023-24 की नीलामी राशि 15 लाख 51 हजार रुपये मिली थी. इस साल इसमें 10 प्रतिशत की वृद्धि कर 17 लाख 100 रुपये निर्धारित किया गया. नीलामी प्रक्रिया में 11 बोलीदारों ने भाग लिया. न्यूनतम बोली से शुरू होकर 28 लाख 25 हजार रुपये तक पहुंची. इस तरह नगर पालिका को बीते साल की तुलना में जतरा मेला के आयोजन से 13 लाख से ज्यादा का राजस्व मिलेगा.
जशपुर नगर पालिका के सीएमओ योगेश्वर उपाध्याय ने बताया कि अधिकतम बोली की राशि को संबंधित ठेकेदार को 24 घंटे के अंदर नगरपालिका में कैश जमा कराना होगा. चूक होने पर अधिकतम दो बोलीदारों को मौका दिया जाएगा. सीएमओ ने बताया कि सरकारी बोली की राशि से किसी को भी राशि देने का कोई प्रावधान नहीं है. आखिर में अधिकतम बोली के अतिरिक्त गौ शाला समिति को निर्धारित जमीन किराया देने पर सहमति बनी और इसके बाद नीलामी की प्रक्रिया पूरी की गई.