कोरबा: प्रशासन और एसईसीएल के लगातार आश्वासन के बाद भी मांग पूरी नहीं होने से भू-विस्थापित आक्रोशित हैं. विस्थापितों के संगठन ने कोल इंडिया के सरायपाली बुड़बुड़ स्थित नई परियोजना का विरोध करने का फैसला लिया है. विस्थापितों ने जानकारी दी है कि वे 14 जून से कंपनी के खिलाफ अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे.
स्थानीय भू-विस्थापितों ने को-ऑपरेटिव सोसाइटी के माध्यम से कोयला ट्रांसपोर्टेशन कार्य कराये जाने की योजना बनायी है. कॉर्पोरेट अफेयर्स डिपार्टमेंट एसईसीएल के पत्र SECL/BSP/CAD/ 642 FD Extracts/18-19/198 दिनांक 30 मई 2018 के अनुसार फंक्शनल डायरेक्टर्स की मीटिंग में फैसला लेते हुए इसे एसईसीएल कोरबा क्षेत्र के सरायपाली बुड़बुड़ परियोजना से शुरु किया जाना था. इस सबंध में जिले के पूर्व कलेक्टर अब्दुल कैसर हक की उपस्थिति में त्रिपक्षीय वार्ता में भी आश्वासन दिया गया था, लेकिन इन दो साल के दौरान एसईसीएल के अधिकारी टाल मटोल की नीति बनाए हुए थे.
SECL ने किया ओपन ई-टेंडर जारी
संगठन के अध्यक्ष सपूरण कुलदीप ने बताया कि इस संबंध में 21 मई 2020 को इस आशय पर ज्ञापन देकर मांगों को उचित कार्रवाई के लिए एसईसीएल के अधिकारियों को प्रेषित किया गया था, लेकिन भू-विस्थापितों के अच्छे वैकल्पिक रोजगार के माध्यम और कोल इंडिया और फंक्शनल डायरेक्टर्स के फैसले को ही नजर अंदाज कर 26 मई 2020 को एसईसीएल ने ओपन ई-टेंडर जारी कर दिया गया है.
SECL की मनमानी
देश में कोरोना महामारी के कारण हुए लॉकडाउन का पालन करते हुए सकारात्मक कार्रवाई की अपेक्षा कर रहे थे, लेकिन लॉकडाउन का फायदा उठाकर किसी तरह विरोध से बेपरवाह होकर एसईसीएल अपनी मनमानी कर रहा है.
विस्थापित करेंगे अनिश्चितकालीन आंदोलन
भू-विस्थापित संगठन ने आंदोलन का फैसला लिया है. एसईसीएल कोरबा क्षेत्र के सरायपाली बुड़बुड़ परियोजना में 14 जून 2020 से ‘नहीं दोगे काम, तो रहेगा गेट जाम’ के तहत विस्थापित अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करने जा रहे हैं. इसके लिए एसईसीएल प्रबंधन और प्रशासन जिम्मेदार हैं.