कोरबा: लॉकडाउन में जिम संचालकों की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं, हालात ये है कि जिम संचालकों की जमापूंजी खत्म हो चुकी है लेकिन कर्ज लेकर उन्हें बैंकों की EMI चुकानी पड़ रही है.
जिम खोलने की मांग
जिले के बॉडी बिल्डर एसोसिएशन ने प्रेसवार्ता कर लॉकडाउन 5.0 में प्रशासन से जिम संचालन की अनुमति देने की मांग की है. जिम संचालकों का कहना है कि सरकार ने लगभग सभी तरह के दुकानों के संचालन की अनुमति दे दी है. यहां तक के मॉल और रेस्टोरेंट भी अब कुछ ही दिनों में खुलने लगेंगे लेकिन सिर्फ जिम खोलने पर रोक लगी हुई है.
'किराए के साथ EMI भी पड़ रही भारी'
बॉडी बिल्डर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष सुमित विश्वास के साथ ही पदाधिकारी मधुर साहू और मुकेश ने बताया कि कोविड-19 के प्रकोप के कारण सभी जिम 15 मार्च से ही बंद हैं. हमारे पास आय का और कोई भी साधन नहीं है. इस वजह से दिनों-दिन मुश्किलें बढ़ती जा रही है.हर महीने 30 से 40 हजार रुपये किराया देने के साथ ही बैंक की EMI भी देनी पड़ रही है. पिछले 3 महीने से लगभग यही सिलसिला चल रहा है लेकिन शासन-प्रशासन की तरफ से कोई रियायत नहीं दी जा रही है.
'3 महीने की छूट देने पर लग रहा कंपाउंट इंटरेस्ट'
केंद्र सरकार की तरफ से बैंक लोन के एवज में EMI में दी गई छूट पर जिम एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष ने बताया कि जब इस संबंध में बैंक में बात की गई तो बैंक प्रबंधन ने लोन की किश्त में 3 महीने की छूट देने पर कंपाउंड इंटरेस्ट चुकाने की बात कही. जिससे बचने के लिए हम लगातार EMI चुका रहे हैं, और इस वजह से जमा पूंजी भी खत्म हो गई है.
जिम खोलने की मिली अनुमति
बॉडी बिल्डर्स एसोसिएशन की मांग है कि सरकार जिम के संबंध में भी गाइडलाइन जारी करे और उन्हें संचालन की अनुमति दें, एसोसिएशन ने 10-10 लोगों का ग्रुप बनाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए जिम खोलने की अनुमति मांगी है.
बता दें कि कोरबा जिले में छोटे-बड़े मिलाकर कुल 22 जिम हैं, जहां ट्रेनर को मिलाकर कुल 71 लोगों को रोजगार मिलता है. लेकिन मौजूदा दौर में सभी के सामने जीविकोपार्जन की समस्या खड़ी हो गई है.