कोरबा: कोरोना वायरस से बचाव लिए किए गए लॉकडाउन का असर सभी क्षेत्रों पर पड़ रहा है. औधोगिक नगरी कोरबा के करीब 2300 ऑटो के पहिए 38 दिनों से थमे हुए हैं. इससे ऑटो चालक को आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है. जिसके कारण परिवारों के लिए भोजन की व्यवस्था कर पाने में भी खासा दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.
दिल्ली में दी जा रही 5000 की सहायता राशि
इस समस्या को देखते हुए जिला ऑटो संघ के अध्यक्ष आजम खान ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से राहत पहुंचने के लिए राशि दिए जाने की मांग की है. उन्होने कहा कि,' जिस तरह से दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने प्रति ऑटो चालकों को 5000 रुपये राहत राशि दी है, इसी तरह से छत्तीसगढ़ के सभी ऑटो चालकों को भी राहत दिया जाना उचित होगा.'
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चावल से ही पेट नहीं भारता
उनका कहना है कि, 'ऑटो चालक रोजना की कमाई पर आश्रित है. लॉकडाउन की वजह से उनके जीवन पर व्यापक असर पड़ा है. प्रदेश में हर परिवारों को सरकार की ओर से चावल दी जा रही है, लेकिन सिर्फ चावल से ही पेट नहीं भरता है अन्य खाद्य सामग्री की जरूरत है. इसकी आपूर्ति के लिए राज्य सरकार को राहत राशि सुनिश्चित किया जाना चाहिए.'