कोरबा: हिट एंड रन कानून के विरोध में देश भर के ट्रक ड्राइवर्स ने आंदोलन शुरू कर दिया है. यह आक्रोश कोरबा जिले के कोयला खदानों तक पहुंच चुका है. कुसमुंडा खदान के ट्रक ड्राइवर्स ने हड़ताल शुरू कर दी है जो 3 जनवरी तक चलेगी.
बीते सप्ताह लोकसभा में तीन विधेयक पारित किये गए हैं. जिनमें एक हिट एंड रन विधेयक भी था. राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद अब यह कानून का रूप ले चुका है. हिट एंड रन कानून के अंतर्गत एक्सीडेंट के मामलों की सजा में बदलाव किया गया हैं. जिसके मुताबिक रोड एक्सीडेंट के बाद यदि ड्राइवर मौके से भागता है, तो ऐसी स्थिति में 10 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान होगा. इस कानून को लेकर ड्राइवरों में काफी आक्रोश है.
ड्राइवर नहीं चलाना चाहते वाहन : कुसमुंडा चालक संघ के एस कुलकर्णी ने बताया कि "कानून में मिलने वाली सजा के डर से ड्राइवर काम छोड़ने का मन बना रहे हैं. जिससे गाड़ी मालिकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.कोई भी ड्राइवर जानबूझकर किसी का एक्सीडेंट नहीं करता है, हादसे अनजाने में होते हैं. यदि ड्राइवर मौके से फरार नहीं होता है तो ऐसी स्थिति में भीड़ ड्राइवर के साथ कुछ भी अनहोनी कर सकती है. उसकी जवाबदेही किसकी होगी? सरकार को यह काला कानून वापस लेना होगा. हम 3 जनवरी तक कुसमुंडा कोयला खदान में कोयला परिवहन का काम नहीं करेंगे. यह हमारा सांकेतिक प्रदर्शन है."
आईओसीएल में वापस लौटे ड्राइवर : केंद्र सरकार के नए कानून हिट एंड रन के खिलाफ अंदोलन कर रहे ड्राइवरों की हड़ताल गोपालपुर में खत्म हो गई. आइओसीएल के टर्मिनल में पुलिस की समझाइश के बाद टैंकर चालक वापस काम पर लौट चुके हैं. हिंट एंड रन के विरोध में सभी ट्रक ड्राइवर्स गोपालपुर चौक में हड़ताल पर उतर गए थे. हड़ताल की खबर मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर टैंकर चालकों को समझाइश दी. उन्होंने कहा यह कानून उन लोगों के लिए है जो दुर्घटना के बाद फरार हो जाते है और वाहन मालिक भी अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश करते हैं. ऐसे लोगों पर केंद्र सरकार का हिट एंड रन कानून शिकंजा कसेगा. जबकि अपनी जिम्मेदारी निभाने वाले ड्राइवर्स पर यह कानून लागू नहीं होगा. समझाइश पर इंडियन ऑयल कॉरपोरेट लिमिटेड के टैंकर चालकों ने हड़ताल खत्म करते हुए वापस स्टेरिंग थाम ली है.