कोरबा: कोरबा में गेवरा कोयला खदान के जुनाडीह साइडिंग में मालगाड़ी के पहिए पटरी से उतर गए. मालगाड़ी के चार पहिये इससे प्रभावित हुए, जिसके कारण लगभग 4 घंटे तक कोयला लोडिंग का काम प्रभावित रहा. बताया जा रहा है कि कोयला डस्ट के कारण ये हादसा हुआ.
डिमांड के अनुसार परिवहन किया जाता है कोयला: दरअसल, कोरबा रेलवे स्टेशन से जुनाडीह की दूरी 18 किलोमीटर है. जबकि जुनाडीह साइडिंग से गेवरा रोड रेलवे स्टेशन की दूरी लगभग 12 किलोमीटर है. जूनाडीह एसईसीएल की कोयला साइडिंग है. जहां साइलो के जरिए ट्रेन के डब्बों में कोयला लोडिंग का काम होता है. यहां से कोयला लोड कर डिमांड के अनुसार परिवहन किया जाता है. यह ट्रैक भी एसईसीएल के अधीन है. जहां से सिर्फ मालगाड़ियों का परिवहन होता है और पावर प्लांटो को कोयला आपूर्ति की जाती है. कोरोना काल से ही गेवरा रोड रेलवे स्टेशन से यात्री ट्रेन पूरी तरह से बंद है. जिसके कारण कोरबा से गेवरा रोड रेलवे स्टेशन की 8 किलोमीटर के ट्रेक पर भी यात्री ट्रेन फिलहाल नहीं चल रही है.
जुनाडीह साइडिंग में मालगाड़ी के पहिए डिरेल हुए थे. साइडिंग में इस तरह की घटनाओं को तत्काल दुरुस्त कर लिया जाता है. मौजूदा मामले में भी तत्काल सुधार काम किया गया. यह साइडिंग की अंदरूनी व्यवस्था होती है.समय समय पर ट्रैक की मरम्मत भी की जाती है. प्रत्येक दिन यहां से देश भर के पावर प्लांटों को कोयले की आपूर्ति होती. -सनीष चंद्र, जनसंपर्क अधिकारी, एसईसीएल
4 घंटे में क्लियर कराया गया ट्रैक : गेवरा कोयला खदान के भीतर जुनाडीह साइडिंग में मालगाड़ी के पहिए पटरी से उतर गए. सूचना मिलते ही रेलवे और एसईसीएल के अधिकारी मौके पर पहुंचे.अधिकारियों की ओर से इस घटना के पीछे के कारणों का पता लगाया जा रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार ट्रैक पर कोयला जमा होने के कारण ट्रेन डिरेल हुई है. हालांकि घटना के चार घंटे बाद ही ट्रैक को क्लियर कर दिया गया. अब कोयला परिवहन फिर से शुरू कर दिया गया है.