सुकमा: छत्तीसगढ़ के पंचायत चुनाव में लोकतंत्र की मिसाल देने वाली खबरें और तस्वीरें आई है. सुकमा का कोंटा इलाका बेहद नक्सल प्रभावित इलाका है. यहां का पूवर्ती गांव मोस्ट वांटेड नक्सली हिड़मा का गांव है. कई अरसे तक यहां पहुंच पाना शासन के लिए भी चुनौती थी. अब यह चुनौती खत्म हो चुकी है. नक्सली हिड़मा के गांव में फोर्स ने कैंप खोला और उसके बाद से वहां विकास कार्य पहुंच रहा है.
पूवर्ती में हुई वोटिंग: अब तो वहां चुनाव के दौरान वोटिंग भी हो रही है. आजादी के सात दशक बाद पूवर्ती गांव में 23 फरवरी को वोटिंग हुई है.सुदूर माओवाद प्रभावित इलाकों में पेंटाचिमली, केरलापेंदा, दुलेड़, सुन्नमगुड़ा और पूवर्ती जैसे सुदूर क्षेत्र के मतदाता निर्भीक होकर वोटिंग करते नजर आए.
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ग्रामीणों ने की वोटिंग: पहले ऐसा समय था कि ग्रामीण हिड़मा के नाम से लोग खौफ़ में आ जाते थे. वोट डालने के लिए अपने घरों से नहीं निकलते थे. आज इसी गांव के मतदाता पंचायत चुनाव के लिए बढ़-चढ़कर मतदान में हिस्सा लेते नजर आए. उत्साह और उमंग के साथ महिला, पुरुष, बुजुर्ग एवं नवीन मतदाता मतदान करते दिखे. युवा जोगा मड़कामी, डोड्डी लालु, संतोष बोड़के, बड़दरस बोड़के और अन्य मतदाताओं ने वोट डाले.
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गांव में मतदान केंद्र खुलने से हम लोग बहुत खुश हैं. हम लोग अपने गांव में ही भयमुक्त माहौल में मतदान कर रहे हैं- जोगा मड़कामी, स्थानीय निवासी
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गांव में पहली बार मतदान हो रहा है. गांव के विकास के लिए वोट करना आवश्यक है. पंचायत चुनाव को लेकर हम सब बहुत ख़ुश हैं-मड़कम नंदे, स्थानीय निवासी
नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार लगातार बस्तर में प्रयास कर रही है. बस्तर में नक्सलवाद खात्मे की ओर है. यहां लगातार फोर्स का ऑपरेशन चल रहा है. सुकमा सहित सम्पूर्ण बस्तर में लोकतंत्र की जीत हो रही है.