कोरबा: आकांक्षी जिलों के लिए केंद्र सरकार की नीति आयोग के तरफ से जारी ताजा डेल्टा रैंकिंग में कोरबा बुरी तरह पिछड़ गया है. 6 महीने पहले इस रैंकिंग में कोरबा 54वें पायदान पर था, जबकि ताजा रैंकिंग में कोरबा को 109वें स्थान पर है. विकास की संभावनाओं वाले देशभर के 112 जिलों को नीति आयोग ने आकांक्षी जिलों (Aspirational districts) के तौर पर चिन्हित किया है.
इन आकांक्षी जिलों की लिस्ट में छत्तीसगढ़ के 10 जिले शामिल हैं. इस लिस्ट में कोरबा को भी शामिल किया गया है. हैरानी वाली बात यह है कि 6 महीने में ही कोरबा 54वें स्थान से सीधे 109वें स्थान पर पहुंच गया है, जबकि इसी सूची में धुर नक्सल क्षेत्र वाले जिले बीजापुर ने देशभर में पहला स्थान हासिल किया है.
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आकांक्षी जिलों का मुख्य तौर पर 5 क्षेत्रों में किए गए कार्यों के आधार पर आंकलन किया जाता है. जिसमें शिक्षा, चिकित्सा, कृषि, स्किल डेवलपमेंट और जल संसाधन जैसे क्षेत्रों को शामिल किया गया है. अमूमन हर 6 महीने में जिले में किए गए विकास कार्यों के मद्देनजर नीति आयोग डेल्टा रैंकिंग जारी करती है. जिसमें जिलों की वर्तमान स्थिति को आधार माना जाता है. केंद्रीय सचिव सीधे इन पांच क्षेत्रों में केंद्र और राज्य की चलाई जा रही योजनाओं की समीक्षा करते हैं. नियमित अंतराल पर इसकी बैठक भी की जाती है. जिले से लगातार सीधे केंद्र सरकार को रिपोर्टिंग भेजी जाती है. जिसके आधार पर ही रैंकिंग जारी होती है.
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क्षेत्रवार पहले और वर्तमान की रैंकिंग
क्षेत्र | जनवरी 2020 में | वर्तमान में |
स्वास्थ्य | 12वां स्थान | 96वां स्थान |
शिक्षा | 33वां स्थान | 44वां स्थान |
कृषि | 80वां स्थान | 112वां स्थान |
स्किल डेवलपमेंट | 12वां स्थान | 76वां स्थान |
इंफ्रास्ट्रक्चर | 56वां स्थान | 58वां स्थान |
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नीति आयोग ने कोरबा को दिया 109वां स्थान
वर्तमान रैंकिंग में कोरबा का काफी बुरा हाल है. कोरबा को नीति आयोग ने 109वें स्थान पर रखा है. जिसका मतलब यह हुआ कि देशभर के 112 आकांक्षी जिलों में कोरबा जिला सिर्फ 3 जिलों से ही बेहतर है, जो कि जिले के लिए बेहद चिंता की स्थिति है. यह एक तरह से जिले के प्रशासनिक तंत्र के साथ ही राजनैतिक इच्छा शक्ति को भी आईना दिखाने जैसा है. पिछले 2 से ढाई साल से जिले में सड़क का नेटवर्क पूरी तरह से ध्वस्त है. सड़क जैसी मूलभूत सुविधा को भी शासन-प्रशासन मिलकर पूरा नहीं कर पा रहे हैं. जिसका नतीजा यह हुआ कि नीति आयोग ने जिले को 109वां स्थान दिया है.
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पूरे नहीं किए जा सके जिले में सिंचाई के बड़े प्रोजेक्ट
ऊर्जाधानी होने के बाद भी जिले में कृषि और सिंचाई के क्षेत्र में बेहद खराब काम हुआ है. देश में वर्तमान में 112 जिले आकांक्षी जिलों के तौर पर चिन्हित किए गए हैं. फरवरी में जिले को 24 अंक मिले थे. वर्तमान में यह अंक गिरकर 7.9 हो गए. जिले में सिंचाई के बड़े प्रोजेक्ट पूरे नहीं किए जा सके हैं. जमीन अधिग्रहण की समस्याएं भी बनी हुई है. इसी तरह खेती का रकबा भी बढ़ नहीं पा रहा है. आर्थिक स्थिति में सुधार है और कौशल प्रशिक्षण में कई केंद्र संचालित योजनाएं हैं, लेकिन रैंकिंग के मामले में देखा जाए तो कोरबा पिछड़ गया.
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स्वास्थ्य सेवा में नंबर वन, अब पहुंचे 96 स्थान पर
नीति आयोग ने जब आकांक्षी जिलों को चिन्हित करने की योजना शुरू की थी, तब कोरबा जिले का स्वास्थ्य विभाग नंबर वन पोजीशन पर था. एक साल पहले गांव स्तर पर ओपीडी जैसी सुविधाएं शुरू की गई थी, साप्ताहिक हाट बाजार में भी लोगों का इलाज किया जा रहा था. लेकिन यह नवाचार नीति आयोग की ताजा रैंकिंग के आधार पर फेल नजर आ रहा है. वर्तमान में चिकित्सा के क्षेत्र में कोरबा को 96वां स्थान मिला है.