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Dadarkhurd sub station in Korba: शहर की चरमराई बिजली व्यवस्था को दादरखुर्द सब स्टेशन से मिलेगा बड़ा सहारा

Dadarkhurd sub station in Korba: बिजली समस्या को दूर करने को कोरबा शहर से लेकर दादरखुर्द-खरमोरा में 132 केवी के स्विचिंग सब स्टेशन का काम जनवरी में पूरा कर इसे ट्रांसमिशन से डिस्ट्रीब्यूशन विभाग को सौंप दिए जाने की योजना है.

City crumbling power system
शहर की चरमराई बिजली व्यवस्था
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Published : Jan 3, 2022, 8:52 PM IST

कोरबा: साल 2022 में जिले की चरमराई बिजली व्यवस्था को एक बड़ी सौगात मिलेगी. खास कर गर्मी के दिनों में होने वाले फॉल्ट और बिजली समस्या को दूर करने के लिए शहर से लेकर दादरखुर्द-खरमोरा में 132 केवी के स्विचिंग सब स्टेशन का काम जनवरी में पूरा कर इसे ट्रांसमिशन से डिस्ट्रीब्यूशन विभाग को सौंप दिए जाने की योजना है. इस सब-स्टेशन का काम अब अंतिम चरण में पहुंच चुका है. जिसका निर्माण छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत ट्रांसमिशन कंपनी की तरफ से किया जा रहा है. काम पूरा करने के बाद इसे डिस्ट्रीब्यूशन विभाग को सौंपा जाएगा. जिससे जिले के 300 गांव के साथ ही शहरी क्षेत्र के 2 लाख आबादी को बिजली से जुड़ी समस्याओं से आजादी मिलेगी और विद्युत वितरण की व्यवस्था भी सुदृढ़ होगी.

दादरखुर्द सब स्टेशन से मिलेगा बड़ा सहारा

लागत बढ़कर 29 करोड़ रुपये हुई

सब स्टेशन के निर्माण के लिए फॉर्म डीएमएफ से उपलब्ध कराया गया था. जब निर्माण शुरू हुआ था, तब इसकी लागत 20 करोड़ रुपये थी. लेकिन अब यह लागत बढ़कर 29 करोड़ रुपये हो चुकी है. जिसका निर्माण लगभग 3 वर्ष पहले शुरू हुआ था. लॉकडाउन के पहले ही काम पूरा कर लिया जाना था, हालांकि लॉकडाउन और जमीन अधिग्रहण से जुड़ी समस्याओं के कारण निर्माण बीच में ही अटक गया और काम अधूरे रह गए. अब अधिकारियों का दावा है कि जनवरी के अंत तक इसका काम पूरा कर लिया जाएगा और इसे संबंधित विभाग को सौंप दिया जाएगा. इसके पहले ट्रांसमिशन विभाग सब स्टेशन की टेस्टिंग करेगी. इसे चार्ज कर हर तरह से रखा जाएगा, इसके बाद ही इसे आगे के उपयोग के लिए डिस्ट्रीब्यूशन विभाग को हैंड ओवर कर दिया जाएगा.

यह भी पढ़ेंः कोरबा के कबाड़ चोरों ने सरगुजा संभाग के कई जिलों की बिजली की गुल

इन क्षेत्रों को मिलेगा लाभ

अभी स्टेशन के चार्ज होने के बाद ग्रामीण क्षेत्र के करतला ब्लॉक के फीडर उरगा, भैसमा, बरपाली, रजगामार, चिर्रा, करतला, सोहागपुर, रामपुर सहित गांव की परेशानी दूर होगी. औद्योगिक एरिया के साथ ही कोरबा के मुख्य शहर को भी राहत मिलेगी. ग्रामीण क्षेत्र के 300 गांव सहित शहर की बड़ी आबादी को इस सब स्टेशन का लाभ मिलेगा. दादर खुर्द सब-स्टेशन के अस्तित्व में आने के बाद मुख्य शहर को बिजली की सप्लाई इसी सबस्टेशन से की जानी है. फिलहाल डीएसपीएम प्लांट के सब स्टेशन से मुख्य शहर को बिजली की सप्लाई होती है. जहां फाल्ट आने के बाद पूरे शहर में ब्लैकआउट जैसी स्थिति निर्मित होती है. बैकअप सपोर्ट नहीं होने के कारण बिजली अधिकारियों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो जाती है. दादरखुद सब स्टेशन के अस्तित्व में आने के बाद बिजली विभाग के पाद हमेशा एक बैकअप मौजूद होगा. फिलहाल डीएसपीएम प्लांट स्थित सब स्टेशन से मुख्य शहर व 300 गांव में बिजली पहुंचाई जाती है. जिस पर क्षमता से अधिक लोड है. खराबी आने पर विभाग की मुश्किल बढ़ जाती है. दादारखुर्द सब स्टेशन के अस्तित्व में आते ही अलग-अलग चार फीडर से बिजली सप्लाई की जाएगी. इससे डीएसपीएम प्लांट के सब स्टेशन का भार कम होगा.

यह भी पढ़ेंः मानिकपुर खदान से ग्रामीण करते हैं कोयले की चोरी, हादसों में मौत के बाद भी प्रबंधन लापरवाह !

शहर को मिलेगी राहत

इस संबंध में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण विभाग के कार्यपालन अभियंता नवीन राठी का कहना है कि 'दादरखुर्द सब स्टेशन जैसे ही हमें हैंड ओवर होगा, हम इसका संचालन शुरू कर देंगे. जिला मुख्यालय के अधिकतर भाग को यहीं से सप्लाई देंगे. वर्तमान में डीएसपीएम सब स्टेशन पर लोड अधिक होने के कारण हमारे सामने यह चुनौती होती है कि फाल्ट कैसे दूर करें. इसी दौरान निर्बाध बिजली की आपूर्ति भी करनी होती है. हमारे पास कोई बैकअप नहीं होता. दादरखुर्द सब स्टेशन का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि डीएसपीएम प्लांट के सब स्टेशन में फाल्ट आने पर हम बिजली दादर से सप्लाई कर सकेंगे.

कोरबा: साल 2022 में जिले की चरमराई बिजली व्यवस्था को एक बड़ी सौगात मिलेगी. खास कर गर्मी के दिनों में होने वाले फॉल्ट और बिजली समस्या को दूर करने के लिए शहर से लेकर दादरखुर्द-खरमोरा में 132 केवी के स्विचिंग सब स्टेशन का काम जनवरी में पूरा कर इसे ट्रांसमिशन से डिस्ट्रीब्यूशन विभाग को सौंप दिए जाने की योजना है. इस सब-स्टेशन का काम अब अंतिम चरण में पहुंच चुका है. जिसका निर्माण छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत ट्रांसमिशन कंपनी की तरफ से किया जा रहा है. काम पूरा करने के बाद इसे डिस्ट्रीब्यूशन विभाग को सौंपा जाएगा. जिससे जिले के 300 गांव के साथ ही शहरी क्षेत्र के 2 लाख आबादी को बिजली से जुड़ी समस्याओं से आजादी मिलेगी और विद्युत वितरण की व्यवस्था भी सुदृढ़ होगी.

दादरखुर्द सब स्टेशन से मिलेगा बड़ा सहारा

लागत बढ़कर 29 करोड़ रुपये हुई

सब स्टेशन के निर्माण के लिए फॉर्म डीएमएफ से उपलब्ध कराया गया था. जब निर्माण शुरू हुआ था, तब इसकी लागत 20 करोड़ रुपये थी. लेकिन अब यह लागत बढ़कर 29 करोड़ रुपये हो चुकी है. जिसका निर्माण लगभग 3 वर्ष पहले शुरू हुआ था. लॉकडाउन के पहले ही काम पूरा कर लिया जाना था, हालांकि लॉकडाउन और जमीन अधिग्रहण से जुड़ी समस्याओं के कारण निर्माण बीच में ही अटक गया और काम अधूरे रह गए. अब अधिकारियों का दावा है कि जनवरी के अंत तक इसका काम पूरा कर लिया जाएगा और इसे संबंधित विभाग को सौंप दिया जाएगा. इसके पहले ट्रांसमिशन विभाग सब स्टेशन की टेस्टिंग करेगी. इसे चार्ज कर हर तरह से रखा जाएगा, इसके बाद ही इसे आगे के उपयोग के लिए डिस्ट्रीब्यूशन विभाग को हैंड ओवर कर दिया जाएगा.

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इन क्षेत्रों को मिलेगा लाभ

अभी स्टेशन के चार्ज होने के बाद ग्रामीण क्षेत्र के करतला ब्लॉक के फीडर उरगा, भैसमा, बरपाली, रजगामार, चिर्रा, करतला, सोहागपुर, रामपुर सहित गांव की परेशानी दूर होगी. औद्योगिक एरिया के साथ ही कोरबा के मुख्य शहर को भी राहत मिलेगी. ग्रामीण क्षेत्र के 300 गांव सहित शहर की बड़ी आबादी को इस सब स्टेशन का लाभ मिलेगा. दादर खुर्द सब-स्टेशन के अस्तित्व में आने के बाद मुख्य शहर को बिजली की सप्लाई इसी सबस्टेशन से की जानी है. फिलहाल डीएसपीएम प्लांट के सब स्टेशन से मुख्य शहर को बिजली की सप्लाई होती है. जहां फाल्ट आने के बाद पूरे शहर में ब्लैकआउट जैसी स्थिति निर्मित होती है. बैकअप सपोर्ट नहीं होने के कारण बिजली अधिकारियों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो जाती है. दादरखुद सब स्टेशन के अस्तित्व में आने के बाद बिजली विभाग के पाद हमेशा एक बैकअप मौजूद होगा. फिलहाल डीएसपीएम प्लांट स्थित सब स्टेशन से मुख्य शहर व 300 गांव में बिजली पहुंचाई जाती है. जिस पर क्षमता से अधिक लोड है. खराबी आने पर विभाग की मुश्किल बढ़ जाती है. दादारखुर्द सब स्टेशन के अस्तित्व में आते ही अलग-अलग चार फीडर से बिजली सप्लाई की जाएगी. इससे डीएसपीएम प्लांट के सब स्टेशन का भार कम होगा.

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शहर को मिलेगी राहत

इस संबंध में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण विभाग के कार्यपालन अभियंता नवीन राठी का कहना है कि 'दादरखुर्द सब स्टेशन जैसे ही हमें हैंड ओवर होगा, हम इसका संचालन शुरू कर देंगे. जिला मुख्यालय के अधिकतर भाग को यहीं से सप्लाई देंगे. वर्तमान में डीएसपीएम सब स्टेशन पर लोड अधिक होने के कारण हमारे सामने यह चुनौती होती है कि फाल्ट कैसे दूर करें. इसी दौरान निर्बाध बिजली की आपूर्ति भी करनी होती है. हमारे पास कोई बैकअप नहीं होता. दादरखुर्द सब स्टेशन का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि डीएसपीएम प्लांट के सब स्टेशन में फाल्ट आने पर हम बिजली दादर से सप्लाई कर सकेंगे.

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