कोरबा : छत्तीसगढ़ के कई ग्रामीण क्षेत्रों में आदिवासी परिवार महुआ शराब बनाकर उसे चोरी छिपे बाजार में बेचते हैं. लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जो इसे मुनाफे का धंधा मानकर बड़े पैमाने में घरों में इसे बनाते हैं. ये पूरी प्रक्रिया चोरी छिपे अवैध तरीके से की जाती है. ऐसा ही एक मामला कोरबा के सीतामढ़ी में सामने आया है.जहां पर मकान के सेप्टिक टैंक में महुआ शराब बन रही थी.जिसे लेने के लिए टैंक में उतरे शख्स की मौत हो गई.जिस सेप्टिक टैंक में ये हादसा हुआ उसका मुआयना करने पर कई खुलासे हुए. वहां प्लास्टिक के केन में महुआ शराब भी रखी हुई मिली है.
कहां का है मामला : मृतक का नाम नरेंद्र कुमार सिहस है, जो निर्माणधीन सेप्टिक टैंक में चोरी छिपे महुआ शराब बनाता था. नरेंद्र इस मकान का मालिक भी था.जिस समय ये घटना हुई. नरेंद्र सेप्टिक टैंक के अंदर शराब लेने के लिए गया था.लेकिन वापस नहीं आया.परिजनों ने झांक कर देखा तो वो बेहोश पड़ा था.जिसे निकालने के लिए उसके दो लोग भी सेप्टिक टैंक में उतरे लेकिन वो भी बेहोश हो गए. जिसके बाद बस्ती वालों की मदद से तीनों को निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया. जहां नरेंद्र की मौत हो गई. ऐसा माना जा रहा है कि महुआ शराब के गैस की वजह से तीनों सेप्टिक टैंक में बेहोश हुए थे.
अस्पताल में एक की मौत,दो गंभीर : इस हादसे के बाद अस्पताल में लाकर तीनों का इलाज शुरु किया गया. लेकिन मकान मालिक नरेंद्र सहिस को बचाया ना जा सका.वहीं उसे सेप्टिक टैंक से निकालने वाले दोनों लोगों की हालत गंभीर है. मकान मालिक की मौत के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दिया.फिलहाल जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई करने की बात पुलिस कह रही है.
''4 अगस्त रात साढ़े दस बजे सूचना मिली थी कि सीतामढ़ी मोहल्ले के एक युवक को बेहोशी की हालत में अस्पताल में दाखिल कराया गया है.जहां उसकी मौत हुई है.पुलिस जांच के बाद आगे की कार्रवाई करेगी..'' रूपक शर्मा, टीआई कोतवाली
फॉरेंसिक जांच के बाद पता चलेगी मौत की वजह : पुलिस ने महुआ शराब के निर्माण को लेकर भी जांच की बात कही है. ये भी कहा है कि मकान मालिक की मौत किन परिस्थितियों में हुई, यह जांच का विषय है. शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है. जहां से सैंपल फॉरेंसिक लैब भेजा जा रहा है. फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चल सकेगा
सेप्टिक टैंक में रखा था महुआ लाहन : जिस स्थान पर मकान मालिक की मौत हुई है. उस सेप्टिक टैंक में महुआ सड़ाने के लिए रखा गया था. स्थानीय भाषा में इसे महुआ लाहन कहा जाता है. यह महुआ शराब बनाने के पहले की प्रक्रिया होती है. जब महुआ को सड़ाया जाता है. इसके बाद ही इसी महुआ लाहन से शराब बनाया जाता है. सेप्टिक टैंक में महुआ लाहन को रखा गया था और यहीं पर तीन व्यक्ति बेहोश हुए थे. जिसके बाद मकान मालिक की मौत हुई है.
क्या हो सकता है मौत का कारण ? : शासकीय ईवीपीजी कॉलेज में प्रोफेसर सुशील अग्रवाल के मुताबिक जब महुआ को सड़ाकर शराब बनाई जाती है. तब इस प्रक्रिया में कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन होता है. सेप्टिक टैंक गहरा था और वहां पहले से ही ऑक्सीजन की कमी रही होगी. जिसके कारण कार्बन डाइऑक्साइड को वहां से बाहर निकलने का मौका नहीं मिला. ऑक्सीजन की कमी और कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा अधिक होने की वजह से लोगों का दम घुट गया होगा. यह मौत का एक कारण हो सकता है.
आपको बता दें कि कोरबा जिले को कई तरह के अवैध कार्यों के लिए जाना जाता है. अब सीतामढ़ी क्षेत्र से अवैध तरीके से महुआ शराब स्टोर करके रखा हुआ था. इस अवैध काम को किस तरह से अंजाम दिया जा रहा था. इसका अंदाजा इसी बात से लग रहा है कि बीच शहर में होने के बाद भी पुलिस को भी महुआ शराब रखने की भनक तक नहीं लगी.