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ज्योत्सना महंत ने शौचालय निर्माण पर उठाए सवाल, अंडे की राजनीति को बताया बेतुका - गड़बड़ी

अंडे पर हो रहे विवाद पर सांसद ज्योत्सना महंत ने कहा कि, जिसे खाना है वो खाए और जिसे नहीं खाना वो न खाए. इसके साथ ही उन्होंने शौचालय निर्माण को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा.

ज्योत्सना महंत
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Published : Jul 21, 2019, 12:11 AM IST

Updated : Jul 21, 2019, 2:03 AM IST

कोरबा: सांसद ज्योत्सना महंत ने शौचालय निर्माण में हो रही गड़बड़ी का मामला संसद में उठाया था. महंत ने कहा कि सरकार मंच से स्वच्छ भारत का नारा देने के बजाय जमीनी हकीकत पर नजर डाले. उन्होंने अंडे पर हो रही राजनीति को बेतुका बताते हुए कहा कि 'जिसे खाना है खाए और जिसे नहीं खाना है वो ना खाए.

ज्योत्सना महंत ने शौचालय निर्माण पर उठाए सवाल, अंडे की राजनीति को बताया बेतुका

'आज भी बाहर शौच जाने को मजबूर हैं लोग'
ज्योत्सना महंत ने कहा कि 'केंद्र सरकार जिले में 1 लाख 43 हजार शौचालय बनाने का दावा करती है, लेकिन धरातल पर स्थिति चिंताजनक है. जिले में अब भी ऐसे कई गांव हैं, जहां शौचालय नहीं बने हैं. आज भी लोग इधर-उधर जाकर शौच करने को मजबूर हैं'.

'घटिया निर्माण की मिली शिकायत'
उन्होंने बताया कि 'उन्होंने लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान इसकी हक़ीक़त देखी थी. ज्योत्सना का कहना है कि 'लोगों से प्रचार के दौरान शौचालय निर्माण को लेकर काफी शिकायतें मिली थीं.

'गड़बड़ी पाए जाने पर फौरन हो कार्रवाई'
केंद्र की भाजपा सरकार पर सांसद ने तंज कसते हुए कहा कि 'मंच से स्वच्छ भारत का नारा देने के बजाय जमीनी हकीकत पर ध्यान दिया जाए'. उन्होंने सरकार से मांग की है कि शौचालय निर्माण की हकीकत जानने के लिए सरकार ऑडिट कराए और गड़बड़ी पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई की जाए.

'जिसे खाना है वो खाए, जिसे नहीं खाना वो न खाए'
अंडे पर हो रही राजनीति को लेकर सांसद ज्योत्सना महंत ने कहा कि 'जिसे खाना है वे खाए और जिसे नहीं खाना वो न खाए'. उन्होंने कहा कि इस पर हो रही राजनीति बेकार है और जिन्हें विरोध करने की आदत है वो हमेशा ही विरोध करेंगे'.

'किसी से कोई जबरदस्ती नहीं है'
सांसद का कहना है कि 'मतदाताओं का मन जानकर ही प्रदेश सरकार ने अंडा देने की योजना बनाई. जो नहीं खाते हैं उनके लिए कोई जबरदस्ती नहीं है, मैं भी नहीं खाती हूं, लेकिन कई आदिवासी क्षेत्रों में इसकी बहुत मांग है और कुपोषण को रोकने के लिए अंडा वितरण अच्छी पहल है' हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि 'अगर इसका विरोध बढ़ेगा तो सरकार अंडा बांटने की योजना बंद कर देगी'.

कोरबा: सांसद ज्योत्सना महंत ने शौचालय निर्माण में हो रही गड़बड़ी का मामला संसद में उठाया था. महंत ने कहा कि सरकार मंच से स्वच्छ भारत का नारा देने के बजाय जमीनी हकीकत पर नजर डाले. उन्होंने अंडे पर हो रही राजनीति को बेतुका बताते हुए कहा कि 'जिसे खाना है खाए और जिसे नहीं खाना है वो ना खाए.

ज्योत्सना महंत ने शौचालय निर्माण पर उठाए सवाल, अंडे की राजनीति को बताया बेतुका

'आज भी बाहर शौच जाने को मजबूर हैं लोग'
ज्योत्सना महंत ने कहा कि 'केंद्र सरकार जिले में 1 लाख 43 हजार शौचालय बनाने का दावा करती है, लेकिन धरातल पर स्थिति चिंताजनक है. जिले में अब भी ऐसे कई गांव हैं, जहां शौचालय नहीं बने हैं. आज भी लोग इधर-उधर जाकर शौच करने को मजबूर हैं'.

'घटिया निर्माण की मिली शिकायत'
उन्होंने बताया कि 'उन्होंने लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान इसकी हक़ीक़त देखी थी. ज्योत्सना का कहना है कि 'लोगों से प्रचार के दौरान शौचालय निर्माण को लेकर काफी शिकायतें मिली थीं.

'गड़बड़ी पाए जाने पर फौरन हो कार्रवाई'
केंद्र की भाजपा सरकार पर सांसद ने तंज कसते हुए कहा कि 'मंच से स्वच्छ भारत का नारा देने के बजाय जमीनी हकीकत पर ध्यान दिया जाए'. उन्होंने सरकार से मांग की है कि शौचालय निर्माण की हकीकत जानने के लिए सरकार ऑडिट कराए और गड़बड़ी पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई की जाए.

'जिसे खाना है वो खाए, जिसे नहीं खाना वो न खाए'
अंडे पर हो रही राजनीति को लेकर सांसद ज्योत्सना महंत ने कहा कि 'जिसे खाना है वे खाए और जिसे नहीं खाना वो न खाए'. उन्होंने कहा कि इस पर हो रही राजनीति बेकार है और जिन्हें विरोध करने की आदत है वो हमेशा ही विरोध करेंगे'.

'किसी से कोई जबरदस्ती नहीं है'
सांसद का कहना है कि 'मतदाताओं का मन जानकर ही प्रदेश सरकार ने अंडा देने की योजना बनाई. जो नहीं खाते हैं उनके लिए कोई जबरदस्ती नहीं है, मैं भी नहीं खाती हूं, लेकिन कई आदिवासी क्षेत्रों में इसकी बहुत मांग है और कुपोषण को रोकने के लिए अंडा वितरण अच्छी पहल है' हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि 'अगर इसका विरोध बढ़ेगा तो सरकार अंडा बांटने की योजना बंद कर देगी'.

Intro:हाल ही में कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत ने शौचालय निर्माण में हो रही गड़बड़ी का मामला संसद में उठाया था। सांसद महंत ने कहा कि सरकार मंच से स्वच्छ भारत का नारा देने के बजाय जमीनी हकीकत पर नजर डाले। उन्होंने अंडे पर हो रही राजनीति को बेतुका बताते हुए कहा कि जिसे खाना है खाए जिसे नहीं खाना है वो ना खाए।


Body:सांसद ज्योत्सना महंत ने कहा कि केंद्र सरकारजिले में 1 लाख 43 हजार शौचालय बनाने का दावा करती है लेकिन धरातल पर स्थिति चिंताजनक है। जिले में अब भी ऐसे कई गांव है जहां शौचालय नहीं बने हैं आज भी लोग इधर उधर जाकर शौच करने को मजबूर हैं उन्होंने बताया कि उन्होंने लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान इसकी हक़ीक़त देखी थी। उनका कहना है कि लोगों से प्रचार के दौरान शौचालय निर्माण को लेकर काफी शिकायतें मिली थी। केंद्र की भाजपा सरकार पर सांसद ने तंज कसते हुए कहा कि मंच से स्वच्छ भारत का नारा देने के बजाय जमीनी हकीकत पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने सरकार से मांग की है कि शौचालय निर्माण की हकीकत जानने के लिए सरकार ऑडिट कराए और गड़बड़ी पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई की जाए।


Conclusion:अंडे पर हो रही राजनीति को लेकर सांसद ज्योत्सना महंत ने कहा कि जिसे खाना है वह खाए और जिसे नहीं खाना वह ना खाए। उन्होंने कहा कि इस पर हो रही राजनीति बेकार है और जिन्हें विरोध करने की आदत है वह हमेशा ही विरोध करेंगे। सांसद का कहना है कि मतदाताओं का मन जानकर ही प्रदेश सरकार ने अंडा देने की योजना बनाई। उन्होंने यह भी कहा कि जो नहीं खाते हैं उनके लिए कोई जबरदस्ती नहीं है, मैं भी नहीं खाती हूं। लेकिन कई आदिवासी क्षेत्रों में इसकी बहुत मांग है और कुपोषण को रोकने के लिए अंडा वितरण अच्छी पहल है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर इसका विरोध बढ़ेगा तो सरकार अंडा बांटने की योजना बंद कर देगी।

बाइट- ज्योत्सना महंत, सांसद, कांग्रेस
Last Updated : Jul 21, 2019, 2:03 AM IST
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