कार्यक्रम में एक-एक करके सभी मंत्री और सांसद लोगों को संबोधित कर रहे थे. संबोधन कार्यक्रम में उमेश पटेल ने कोरबा में सिपेट के लिए केंद्र सरकार का आभार जताते हुए प्रदेश में एक और सिपेट खोलने की मांग की. इसके बाद जब छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल मंच पर लोगों को संबोधित करने पहुंचे तो उन्होंने केंद्रीय मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा के सामने ही केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कोरबा की उपेक्षा का आरोप लगा दिया.
जयसिंह अग्रवाल ने सिपेट की बिल्डिंग पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि, इस बिल्डिंग को पहले एजुकेशन हब बनाना था, लेकिन जब इसके लिए बच्चे नहीं मिले तो तत्कालीन राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से इस बिल्डिंग में सिपेट संचालित करने की मांग रखी. जिसपर केंद्र सरकार ने इस मांग को सही बताते हुए इसमें सिपेट संचालन की अनुमति दे दी. जयसिंह अग्रवाल ने बताया कि, बिल्डिंग का निर्माण डीएमएफ से किया गया था. जबकि डीएमएफ का उपयोग जिले में सड़क बनाने और कोयला खदानों से प्रभावित भू-विस्थापितों के लिए खर्च किया जाना है. लेकिन इसका उपयोग केंद्र की योजना के लिए किया गया.
जयसिंह ने मंच से केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, 82 करोड़ की लागत से बने इस बिल्डिंग के 50 प्रतिशत रकम यानी 41 करोड़ रुपये उन्हें वापस चाहिए. जिसे वे जिले के भू-विस्थापितों के उत्थान के लिए खर्च करना चाहते हैं. इसके अलावा अग्रवाल ने जिले में उर्वरक कारखाना नहीं खोले जाने पर भी केंद्र सरकार को निशाने पर लिया. अग्रवाल ने कहा कि, इसके पहले वर्तमान सरकार के ही दो उर्वरक मंत्री जिले का दौरा करके गए हैं और उस समय दोनों ने जिले में उर्वरक कारखाना लगाने का आश्वासन दिया था. इसके लिए निरीक्षण का काम भी कर लिया गया है. लेकिन केंद्र सरकार का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है और आजतक इसपर कोई काम नहीं हुआ है.
इधर, मंच से अग्रावल के तंज और आरोप पर केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा ने तो कुछ नहीं बोला, लेकिन अग्रवाल की उर्वरक कारखाना की मांग पर जबाव देते हुए कहा कि, पूर्व के दो मंत्रियों के निरीक्षण का रिपोर्ट उनके पास है और वे जल्द ही इसपर कोई बड़ा फैसला लेने जा रहे हैं. गौड़ा ने कहा कि उन्हें कारखाना खोलने में कोई एतराज नहीं है, वे जल्द ही कारखाना खोलने की औपचारिक घोषणा करेंगे.