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कोरबा में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों को सम्मान, 21 को नियुक्ति पत्र जारी - Tribal Department Korba

कोरबा में विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर राष्ट्रपति के 21 दत्तक पुत्रों को चिन्हांकित करके उन्हें शासकीय नौकरी छत्तीसगढ़ सरकार ने दी (Honor and goverment job to the adopted sons of the President in Korba) है.

Honor and goverment job to the adopted sons of the President in Korba
कोरबा में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों को सम्मान
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Published : Aug 9, 2022, 6:59 PM IST

कोरबा : राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र का तमगा रखकर जंगल में घूमने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति के आदिवासियों को सरकार ने सरकारी नौकरी देने का निर्णय लिया (Honor and goverment job to the adopted sons of the President in Korba) है. विश्व आदिवासी दिवस (world tribal day) पर ऐसे 21 आदिवासियों को प्रशासन ने नियुक्ति पत्र जारी कर दिया है. कोरबा जिले में पहाड़ी कोरवा और बिरहोर समुदाय से आने वाले 343 शिक्षित बेरोजगारों की सूची प्रशासन ने तैयार की है. इन सभी को सरकारी नौकरी के लिए पात्र माना गया है. प्रथम चरण में कलेक्ट्रेट के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हॉल में 21 लोगों को नियुक्ति पत्र सौंपा गया है. इस दौरान पाली तानाखार से आदिवासी विधायक मोहित केरकेट्टा सहित कलेक्टर संजीव झा और प्रशासन के समस्त अधिकारी मौजूद (korba news) रहे.

कोरबा में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों को सम्मान, 21 को नियुक्ति पत्र जारी

किस विभाग में मिली नियुक्ति : आदिवासी विभाग ने कोरबा (Tribal Department Korba) जिले के विशेष पिछड़ी जनजाति से आने वाले पहाड़ी कोरवा और बिरहोरो का सर्वे किया था. जनपदों के माध्यम से सर्वे में विशेष पिछड़ी जनजाति के 343 शिक्षित बेरोजगारी को चिन्हित किया गया है. इनमें पांचवी पास बेरोजगारों को भी उनकी योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी प्रदान करने के निर्देश हैं. जिसके तहत प्रशासन ने यह काम शुरू किया है. कोरबा जिले में विशेष पिछड़ी जनजाति से आने वाले हैं पहाड़ी कोरवा और बिरहोर समुदाय के कुल मिलाकर 600 से अधिक परिवार हैं. जिनकी कुल संख्या 2551 है.

पहले चरण में 21 को दी नियुक्ति : कलेक्टर संजीव झा ने बताया कि '' विशेष पिछड़ी जनजाति से आने वाले 343 लोगों की सूची हमने फाइनल की है. पहले चरण में 21 लोगों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया है. इसके अलावा प्रयास और एकलव्य विद्यालयों में मेरिटोरियस छात्रों को भी सम्मानित किया गया है. अंतःव्यवसायी विभाग के द्वारा आदिवासियों को सब्सिडी पर ट्रैक्टर उपलब्ध कराई गई है. इस तरह से कई योजनाओं का लाभ उन्हें दिया गया है. आने वाले समय में भी यह कार्य निरंतर चलता रहेगा.''

बीजेपी पर आरोप: इस अवसर पर पाली तानाखार से आदिवासी विधायक मोहित केरकेट्टा मौजूद थे. उन्होंने कहा कि ''भाजपा के शासनकाल में कभी भी ऐसा नहीं हुआ. यह पहला अवसर है जब छत्तीसगढ़ में विशेष पिछड़ी जनजाति के शिक्षित बेरोजगारों को ढूंढ ढूंढ कर उन्हें नौकरी दी जा रही है. भाजपा ने कभी भी आदिवासियों की सुध नहीं ली. सीएम भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार आदिवासियों के हित में कार्य कर रही है.''


वन अधिकार पट्टा का भी वितरण : कलेक्ट्रेट में आयोजित कार्यक्रम में जिले के 65 जनजाति हितग्राहियों को व्यक्तिगत वन अधिकार और 122 सामुदायिक वन संसाधन पत्र का वितरण भी किया गया है. कुछ को आज सांकेतिक तौर पर यह पत्र प्रदान किया गया है. जबकि बाकी लोगों को गांव में पहुंचाकर पत्र सौंपे जाएंगे. 21 युवाओं को शासकीय सेवा में नियुक्ति दी गई है. इनमें से दो युवकों को सहायक शिक्षक और 19 लोगों को चतुर्थ श्रेणी में नियुक्ति दी गई है.

कोरबा : राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र का तमगा रखकर जंगल में घूमने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति के आदिवासियों को सरकार ने सरकारी नौकरी देने का निर्णय लिया (Honor and goverment job to the adopted sons of the President in Korba) है. विश्व आदिवासी दिवस (world tribal day) पर ऐसे 21 आदिवासियों को प्रशासन ने नियुक्ति पत्र जारी कर दिया है. कोरबा जिले में पहाड़ी कोरवा और बिरहोर समुदाय से आने वाले 343 शिक्षित बेरोजगारों की सूची प्रशासन ने तैयार की है. इन सभी को सरकारी नौकरी के लिए पात्र माना गया है. प्रथम चरण में कलेक्ट्रेट के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हॉल में 21 लोगों को नियुक्ति पत्र सौंपा गया है. इस दौरान पाली तानाखार से आदिवासी विधायक मोहित केरकेट्टा सहित कलेक्टर संजीव झा और प्रशासन के समस्त अधिकारी मौजूद (korba news) रहे.

कोरबा में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों को सम्मान, 21 को नियुक्ति पत्र जारी

किस विभाग में मिली नियुक्ति : आदिवासी विभाग ने कोरबा (Tribal Department Korba) जिले के विशेष पिछड़ी जनजाति से आने वाले पहाड़ी कोरवा और बिरहोरो का सर्वे किया था. जनपदों के माध्यम से सर्वे में विशेष पिछड़ी जनजाति के 343 शिक्षित बेरोजगारी को चिन्हित किया गया है. इनमें पांचवी पास बेरोजगारों को भी उनकी योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी प्रदान करने के निर्देश हैं. जिसके तहत प्रशासन ने यह काम शुरू किया है. कोरबा जिले में विशेष पिछड़ी जनजाति से आने वाले हैं पहाड़ी कोरवा और बिरहोर समुदाय के कुल मिलाकर 600 से अधिक परिवार हैं. जिनकी कुल संख्या 2551 है.

पहले चरण में 21 को दी नियुक्ति : कलेक्टर संजीव झा ने बताया कि '' विशेष पिछड़ी जनजाति से आने वाले 343 लोगों की सूची हमने फाइनल की है. पहले चरण में 21 लोगों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया है. इसके अलावा प्रयास और एकलव्य विद्यालयों में मेरिटोरियस छात्रों को भी सम्मानित किया गया है. अंतःव्यवसायी विभाग के द्वारा आदिवासियों को सब्सिडी पर ट्रैक्टर उपलब्ध कराई गई है. इस तरह से कई योजनाओं का लाभ उन्हें दिया गया है. आने वाले समय में भी यह कार्य निरंतर चलता रहेगा.''

बीजेपी पर आरोप: इस अवसर पर पाली तानाखार से आदिवासी विधायक मोहित केरकेट्टा मौजूद थे. उन्होंने कहा कि ''भाजपा के शासनकाल में कभी भी ऐसा नहीं हुआ. यह पहला अवसर है जब छत्तीसगढ़ में विशेष पिछड़ी जनजाति के शिक्षित बेरोजगारों को ढूंढ ढूंढ कर उन्हें नौकरी दी जा रही है. भाजपा ने कभी भी आदिवासियों की सुध नहीं ली. सीएम भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार आदिवासियों के हित में कार्य कर रही है.''


वन अधिकार पट्टा का भी वितरण : कलेक्ट्रेट में आयोजित कार्यक्रम में जिले के 65 जनजाति हितग्राहियों को व्यक्तिगत वन अधिकार और 122 सामुदायिक वन संसाधन पत्र का वितरण भी किया गया है. कुछ को आज सांकेतिक तौर पर यह पत्र प्रदान किया गया है. जबकि बाकी लोगों को गांव में पहुंचाकर पत्र सौंपे जाएंगे. 21 युवाओं को शासकीय सेवा में नियुक्ति दी गई है. इनमें से दो युवकों को सहायक शिक्षक और 19 लोगों को चतुर्थ श्रेणी में नियुक्ति दी गई है.

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