ETV Bharat / state

कोरबा: प्रदूषण परोस रही औद्योगिक नगरी, राखड़ ने किया जीना मुहाल - Health of people at risk

कोरबा-चांपा मुख्य मार्ग पर बसे रहवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इलाके में 24 घंटे राखड़ परिवहन किया जा रहा है. वाहन क्षमता से अधिक राखड़ भरा हुआ होता है, जो सड़क पर गिरता है. इसके कारण राखड़ आसपास के घरों में घुस रहा है. इससे लोग परेशान नजर आ रहे हैं. पढ़िए पूरी खबर...

health-of-people-at-risk-due-to-increasing-pollution-of-industrial-plants-in-korba
कोरबा में राखड़ ने किया जीना मुहाल
author img

By

Published : Sep 16, 2020, 7:00 PM IST

Updated : Sep 16, 2020, 9:45 PM IST

कोरबा: छत्तीसगढ़ के कोरबा में अद्यौगिक संयंत्रों के कारण प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. पूरा जिला संयत्रों से घिरा हुआ. एनटीपीसी, एसईसीएल बालको, सीएसईबी के अलावा निजी कंपनी और फैक्ट्रियां संचालित हैं. जहां से उत्पादन के साथ साथ प्रदूषण भी लोगों को परोसा जा रहा है. ऐसे में लोग खासे परेशान नजर आ रहे हैं.

प्रदूषण परोस रही औद्योगिक नगरी

स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कोई पहल नहीं की गई. संबंधित विभाग महज खानापूर्ति कर रहे हैं. कोरबा-चांपा मुख्य मार्ग पर इन दिनों प्रदूषण के कारण आसपास के रहवासियों का जीना मुहाल हो गया.

24 hours ashram being transported in Korba
कोरबा में 24 घंटे राखड़ परिवहन किया जा रहा

IMPACT: रेत माफिया के खिलाफ खनिज विभाग की कार्रवाई, 14 ट्रैक्टर और 3 ट्रक जब्त

वाहन क्षमता से अधिक राखड़ परिवहन

लोगों ने बताया कि आसपास सड़क किनारे प्लॉटिंग काटकर गड्ढों को राखड़ से भरा जा रहा है, जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. राखड़ परिवहन करते समय नियमों को ताक पर रखकर मनमानी की जा रही है. 24 घंटे राखड़ परिवहन किया जा रहा है. वाहन क्षमता से अधिक राखड़ भरा हुआ होता है, जो सड़क पर गिरता है. इसके कारण राखड़ आसपास के घरों में घुस रहा है.

Ashes in Korba made life difficult
कोरबा में राखड़ ने किया जीना मुहाल

SPECIAL: स्टॉप डैम निर्माण में बड़ा घोटाला, सवालों के घेरे में कृषि और वन विभाग !

आंदोलन की तैयारी में स्थानीय निवासी

लोगों का कहना है कि घर के अंदर रखे खाने, कपड़े और बिस्तर पर राखड़ उड़ कर आ रहा है. इलाके में न तो पानी का छिड़काव किया जा रहा और न ही संबंधित विभाग का नियंत्रण है. ऐसे में लोगों के स्वास्थ्य पर सीधे असर पड़ रहा है. आने वाले समय मे छोटे-बच्चे-बूढ़े सब गंभीर बीमारी से ग्रसित हो सकते हैं. समय रहते अगर जिला प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं देता है तो वह उग्र आंदोलन करने मजबूर हो जाएंगे.

कोरबा: छत्तीसगढ़ के कोरबा में अद्यौगिक संयंत्रों के कारण प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. पूरा जिला संयत्रों से घिरा हुआ. एनटीपीसी, एसईसीएल बालको, सीएसईबी के अलावा निजी कंपनी और फैक्ट्रियां संचालित हैं. जहां से उत्पादन के साथ साथ प्रदूषण भी लोगों को परोसा जा रहा है. ऐसे में लोग खासे परेशान नजर आ रहे हैं.

प्रदूषण परोस रही औद्योगिक नगरी

स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कोई पहल नहीं की गई. संबंधित विभाग महज खानापूर्ति कर रहे हैं. कोरबा-चांपा मुख्य मार्ग पर इन दिनों प्रदूषण के कारण आसपास के रहवासियों का जीना मुहाल हो गया.

24 hours ashram being transported in Korba
कोरबा में 24 घंटे राखड़ परिवहन किया जा रहा

IMPACT: रेत माफिया के खिलाफ खनिज विभाग की कार्रवाई, 14 ट्रैक्टर और 3 ट्रक जब्त

वाहन क्षमता से अधिक राखड़ परिवहन

लोगों ने बताया कि आसपास सड़क किनारे प्लॉटिंग काटकर गड्ढों को राखड़ से भरा जा रहा है, जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. राखड़ परिवहन करते समय नियमों को ताक पर रखकर मनमानी की जा रही है. 24 घंटे राखड़ परिवहन किया जा रहा है. वाहन क्षमता से अधिक राखड़ भरा हुआ होता है, जो सड़क पर गिरता है. इसके कारण राखड़ आसपास के घरों में घुस रहा है.

Ashes in Korba made life difficult
कोरबा में राखड़ ने किया जीना मुहाल

SPECIAL: स्टॉप डैम निर्माण में बड़ा घोटाला, सवालों के घेरे में कृषि और वन विभाग !

आंदोलन की तैयारी में स्थानीय निवासी

लोगों का कहना है कि घर के अंदर रखे खाने, कपड़े और बिस्तर पर राखड़ उड़ कर आ रहा है. इलाके में न तो पानी का छिड़काव किया जा रहा और न ही संबंधित विभाग का नियंत्रण है. ऐसे में लोगों के स्वास्थ्य पर सीधे असर पड़ रहा है. आने वाले समय मे छोटे-बच्चे-बूढ़े सब गंभीर बीमारी से ग्रसित हो सकते हैं. समय रहते अगर जिला प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं देता है तो वह उग्र आंदोलन करने मजबूर हो जाएंगे.

Last Updated : Sep 16, 2020, 9:45 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.