कोरबा: जिले में इंसानियत को शर्मसार (Korba Medical College hospital) करने वाला मामला सामने आया है. यहां मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक शख्स के बेटे की मौत हो गई. पिता मेडिकल कॉलेज अस्पताल में काम करते हैं. पुत्र की मौत के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने बेटे के पोस्टमार्टम के लिए पिता (Father duty for son postmortem in Korba) की ड्यूटी लगा दी. इस घटना के बाद कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल पर सवाल उठ रहे हैं.
2 दिन पहले हुई बेटे की मौत
बालको निवासी बाल चिन्नय्या (balco resident bal chinnayya) लगभग कोरबा मेडिलक कॉलेज अस्पताल में 40 साल से काम कर रहे हैं. 2 दिन पहले उसके 26 साल के बेटे पी पन्ना नायडू की तबीयत खराब हुई. जिसके बाद उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया. रात्रि 10 बजे डॉक्टर ने उसका इलाज शुरू किया. लेकिन उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई. जिसके बाद अस्पताल में मौजूद डॉक्टर ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा कर पुलिस चौकी को खबर कर दी. उसके बाद शवगृह में 2 दिन तक शव रखा रहा. लेकिन जिस दिन शव का पोस्टमार्टम होना था उस दिन बाल चिन्नय्या की ड्यूटी लगा दी गई.
पिता ने पोस्टमार्टम से किया मना
बेटे की मौत के बाद बाल चिन्नय्या परेशानी से जूझ रहा था. वह सदमें में था. उसने अपने बेटे का पोस्टमार्टम करने से मना कर दिया. उसने कहा कि बेटे को काटना पाप है. यह मुझसे नहीं हो पाएगा. बाल चिन्नय्या ने कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया.बाल चिन्नय्या ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से बेटे की मौत हुई है. इसलिए ऐसी स्थिति में पोस्टमार्टम करवाना गलत है. मृतक पी चन्ना नायडू को बाल चिन्नय्या द्वारा गोद लिया गया था.मृतक के मूल पिता पी चन्ना है जो कि बाल चिन्नय्या के रिश्तेदार हैं. पी चन्ना भी कोरबा के पीएचसी में सफाई कर्मी का कार्य करते हैं. पुलिस ने बताया कि अस्पताल से मेमो मिलने के बाद शव का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा. उसके बाद मौत के कारणों का पत चलेगा.
अस्पताल प्रबंधन ने दी ये दलील
मीडिया में यह मामला आने के बाद अस्पताल प्रबंधन की नींद खुली. हालांकि मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक गोपाल सिंह कंवर का कहना है कि 'तीन लोग मेडिकल कॉलेज में पोस्टमॉर्टम का काम रोटेशन पर करते हैं. लेकिन जैसे ही पता चला कि पोस्टमॉर्टम कर्मचारी के बेटे का है. तो तुरंत उस कर्मचारी की जगह दूसरे कर्मचारी की ड्यूटी लगा दी गई.