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जरूरत के समय रूठे बादल, ठीक समय पर नहीं हुई बारिश तो फसल होगी बर्बाद - कोरबा में खेती के लिए पानी की आपूर्ति

मानसून आने के बाद जून के महीने में सबसे ज्यादा बारिश कोरबा जिले में दर्ज की गई. लेकिन ये बारिश किसानों के लिए किसी काम की साबित नहीं हुई. क्योंकि जून में खेती का कोई भी काम शुरू नहीं हुआ था. अब जुलाई के महीने में खेती-किसानी का काम शुरू हो रहा है. लेकिन जिले में बारिश नहीं होने से किसान परेशान है. जिनके पास बारिश के अलावा दूसरे विकल्प है वे तो अपने खेतों में पानी की व्यवस्था कर ले रहे हैं लेकिन ज्यादातर ऐसे किसान हैं जो बारिश पर ही निर्भर है. बारिश नहीं होने से वे काफी परेशान हैं.

Farmers upset due to lack of rain in Korba
कोरबा में बारिश नहीं होने से किसान परेशान
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Published : Jul 22, 2021, 5:43 PM IST

Updated : Jul 22, 2021, 10:13 PM IST

कोरबा: जरूरत के समय में बारिश नहीं होने से जिले के किसान चिंतित हैं. मानसून की शुरुआत में जब किसानी शुरू हो रही थी तब जिले में झमाझम बारिश हुई. आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश में सर्वाधिक बारिश कोरबा में (rain in korba) हुई है. IMD (India Meteorological Department) ने अब तक 542 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की है. जो पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा है. लेकिन ये बारिश तब हुई जब खेती-किसानी की शुरुआत हुई थी. बारिश के पानी की असली जरूरत रोपा लगाने के समय होती है. इस दौरान बीते लगभग 15 दिनों से बरसात ने मुंह मोड़ लिया है. जिससे किसान चिंतित हैं. बुवाई के बाद रोपा का काम अब तक पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन रोपा लगाने के समय बरसात नहीं होने के कारण किसानों के चेहरे पर मायूसी छाई हुई है.

कोरबा में बारिश नहीं होने से किसान परेशान

जिले के ज्यादातर किसान बारिश के पानी पर आश्रित

मौसम विभाग से जुड़े आंकड़ों के अनुसार अब तक जिले में पर्याप्त बारिश हो चुकी है. लेकिन यह बारिश जरूरत के समय में नहीं हुई. जिसके कारण पहले हुई बरसात का पानी बहकर नदी में समाहित हो चुका है. अब भी जिले के ज्यादातर किसान खेतों की सिंचाई के लिए बरसात के पानी पर ही निर्भर है. सिंचाई के वैकल्पिक साधन मौजूद नहीं होने के कारण बरसात कम होने या फिर अव्यवस्थित और अनियमित बरसात होने पर किसानों की चिंता बढ़ जाती है.

Farmers upset due to lack of rain in Korba
बुआई के समय नहीं हो रही बारिश

42 फीसदी रकबा ही सिंचित

जिले में खरीफ फसल के तौर पर 95 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल लगाई जाती है. इसमें से महज 42 फीसदी रकबा ही सिंचित है. यह सिंचित खेत भी इरीगेशन के माइनर प्रोजेक्ट के नहर और जलाशयों पर आश्रित है. जबकि हसदेव नदी पर बने मेजर प्रोजेक्ट बांगो और दर्री डैम का पानी जिले के किसानों के काम नहीं आ पाता. जिसके कारण जिले में सिंचाई का रकबा बेहद सीमित है.

Farmers upset due to lack of rain in Korba
कोरबा में बारिश नहीं होने से किसान परेशान

हसदेव नदी से सिर्फ 1400 हेक्टेयर सिंचाई

जीवनदायिनी हसदेव नदी का सर्वाधिक फैलाव कोरबा जिले में होने के बावजूद जिले के किसानों को कोई लाभ नहीं मिल पाता. हसदेव नदी से कोरबा के 5 में से केवल 1 ब्लॉक करतला के 1400 हेक्टेयर खेतों को ही पानी मिल पाता है. जबकि ज्यादातर पानी से जांजगीर जिले के खेतों की प्यास बुझती है. मेजर प्रोजेक्ट से जिले के खेतों को पानी नहीं मिल पाने के कारण ही जिले के ज्यादातर किसान बारिश के पानी पर ही आश्रित हैं.

Monsoon in Chhattisgarh: प्रदेश में अब तक 409.7 मिमी औसत वर्षा दर्ज

Farmers upset due to lack of rain in Korba
खेतीहर भूमि को बारिश का इंतजार

यही हाल रहा तो उठाना पड़ेगा नुकसान

कोरबा के छुरी के किसान नवल देवांगन का कहना है कि 'जब खेती की शुरुआत नहीं हुई थी. तब जमकर बारिश हुई. लेकिन अब जरूरत के समय बारिश नहीं हो रही है. मेरे खुद के 5 में से केवल 1 एकड़ खेत में पानी मौजूद है. जबकि 4 एकड़ खेत सूखे पड़े हैं. अगर बरसात नहीं हुई तो जितनी लागत खेती में अब तक लगाई है उसे वसूल पाना बेहद मुश्किल हो जाएगा'.

छुरी के ही पार्षद और किसान रामशरण साहू कहते हैं कि हमारे गांव और आसपास के ज्यादातर किसान बारिश के पानी पर ही सिंचाई के लिए निर्भर हैं. अब ठीक समय पर बारिश नहीं हुई तो किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा. इसके अलावा उनके पास और कोई विकल्प मौजूद नहीं है. गांव में सिंचाई विभाग का एक माइनर जलाशय मौजूद है, लेकिन वह भी जर्जर है. उससे बेहद कम किसानों के खेत सिंचित होते हैं. बारिश नहीं हुई तो हमारी मुश्किल बढ़ जाएगी.

Farmers upset due to lack of rain in Korba
बारिश के इंतजार के साथ खेतों में काम करते किसान

बेहतर बारिश के हैं पूर्वानुमान

कृषि मौसम वैज्ञानिक संजय भेलावे ने बताया कि आंकड़ों पर जाएंगे तो बारिश बहुत अच्छी हुई है. जिले में आवश्यक बारिश से 25 फीसदी से ज्यादा बारिश हुई है. 'हम मानसून के आंकड़े 1 जून से 30 सितंबर तक लेते हैं, लेकिन वर्तमान समय में एक ड्राई स्पेल(सूखा) आ गया है. पिछले 10 दिनों से बारिश नहीं हुई है. इसके कारण किसान परेशान हैं. जब उन्हें रोपा लगाना है, तब इन 10 दिनों में बरसात नहीं हुई है. हुई भी है तो बेहद का कम, लेकिन यह ड्राई स्पेल किसानों पर भारी पड़ रहा है. आने वाले समय में अच्छी बारिश के पूर्वानुमान हैं. अच्छी खासी बारिश होगी, किसानों को यही सलाह देना चाहेंगे कि जो भी बारिश का पानी आए, उसे सहेज कर रखें. मेढ़ को अच्छे से बना कर रखें. अधिक से अधिक पानी का संचय करके रखें और बारिश आते ही तत्काल रोपा का काम पूरा कर लें.

कोरबा: जरूरत के समय में बारिश नहीं होने से जिले के किसान चिंतित हैं. मानसून की शुरुआत में जब किसानी शुरू हो रही थी तब जिले में झमाझम बारिश हुई. आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश में सर्वाधिक बारिश कोरबा में (rain in korba) हुई है. IMD (India Meteorological Department) ने अब तक 542 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की है. जो पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा है. लेकिन ये बारिश तब हुई जब खेती-किसानी की शुरुआत हुई थी. बारिश के पानी की असली जरूरत रोपा लगाने के समय होती है. इस दौरान बीते लगभग 15 दिनों से बरसात ने मुंह मोड़ लिया है. जिससे किसान चिंतित हैं. बुवाई के बाद रोपा का काम अब तक पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन रोपा लगाने के समय बरसात नहीं होने के कारण किसानों के चेहरे पर मायूसी छाई हुई है.

कोरबा में बारिश नहीं होने से किसान परेशान

जिले के ज्यादातर किसान बारिश के पानी पर आश्रित

मौसम विभाग से जुड़े आंकड़ों के अनुसार अब तक जिले में पर्याप्त बारिश हो चुकी है. लेकिन यह बारिश जरूरत के समय में नहीं हुई. जिसके कारण पहले हुई बरसात का पानी बहकर नदी में समाहित हो चुका है. अब भी जिले के ज्यादातर किसान खेतों की सिंचाई के लिए बरसात के पानी पर ही निर्भर है. सिंचाई के वैकल्पिक साधन मौजूद नहीं होने के कारण बरसात कम होने या फिर अव्यवस्थित और अनियमित बरसात होने पर किसानों की चिंता बढ़ जाती है.

Farmers upset due to lack of rain in Korba
बुआई के समय नहीं हो रही बारिश

42 फीसदी रकबा ही सिंचित

जिले में खरीफ फसल के तौर पर 95 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल लगाई जाती है. इसमें से महज 42 फीसदी रकबा ही सिंचित है. यह सिंचित खेत भी इरीगेशन के माइनर प्रोजेक्ट के नहर और जलाशयों पर आश्रित है. जबकि हसदेव नदी पर बने मेजर प्रोजेक्ट बांगो और दर्री डैम का पानी जिले के किसानों के काम नहीं आ पाता. जिसके कारण जिले में सिंचाई का रकबा बेहद सीमित है.

Farmers upset due to lack of rain in Korba
कोरबा में बारिश नहीं होने से किसान परेशान

हसदेव नदी से सिर्फ 1400 हेक्टेयर सिंचाई

जीवनदायिनी हसदेव नदी का सर्वाधिक फैलाव कोरबा जिले में होने के बावजूद जिले के किसानों को कोई लाभ नहीं मिल पाता. हसदेव नदी से कोरबा के 5 में से केवल 1 ब्लॉक करतला के 1400 हेक्टेयर खेतों को ही पानी मिल पाता है. जबकि ज्यादातर पानी से जांजगीर जिले के खेतों की प्यास बुझती है. मेजर प्रोजेक्ट से जिले के खेतों को पानी नहीं मिल पाने के कारण ही जिले के ज्यादातर किसान बारिश के पानी पर ही आश्रित हैं.

Monsoon in Chhattisgarh: प्रदेश में अब तक 409.7 मिमी औसत वर्षा दर्ज

Farmers upset due to lack of rain in Korba
खेतीहर भूमि को बारिश का इंतजार

यही हाल रहा तो उठाना पड़ेगा नुकसान

कोरबा के छुरी के किसान नवल देवांगन का कहना है कि 'जब खेती की शुरुआत नहीं हुई थी. तब जमकर बारिश हुई. लेकिन अब जरूरत के समय बारिश नहीं हो रही है. मेरे खुद के 5 में से केवल 1 एकड़ खेत में पानी मौजूद है. जबकि 4 एकड़ खेत सूखे पड़े हैं. अगर बरसात नहीं हुई तो जितनी लागत खेती में अब तक लगाई है उसे वसूल पाना बेहद मुश्किल हो जाएगा'.

छुरी के ही पार्षद और किसान रामशरण साहू कहते हैं कि हमारे गांव और आसपास के ज्यादातर किसान बारिश के पानी पर ही सिंचाई के लिए निर्भर हैं. अब ठीक समय पर बारिश नहीं हुई तो किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा. इसके अलावा उनके पास और कोई विकल्प मौजूद नहीं है. गांव में सिंचाई विभाग का एक माइनर जलाशय मौजूद है, लेकिन वह भी जर्जर है. उससे बेहद कम किसानों के खेत सिंचित होते हैं. बारिश नहीं हुई तो हमारी मुश्किल बढ़ जाएगी.

Farmers upset due to lack of rain in Korba
बारिश के इंतजार के साथ खेतों में काम करते किसान

बेहतर बारिश के हैं पूर्वानुमान

कृषि मौसम वैज्ञानिक संजय भेलावे ने बताया कि आंकड़ों पर जाएंगे तो बारिश बहुत अच्छी हुई है. जिले में आवश्यक बारिश से 25 फीसदी से ज्यादा बारिश हुई है. 'हम मानसून के आंकड़े 1 जून से 30 सितंबर तक लेते हैं, लेकिन वर्तमान समय में एक ड्राई स्पेल(सूखा) आ गया है. पिछले 10 दिनों से बारिश नहीं हुई है. इसके कारण किसान परेशान हैं. जब उन्हें रोपा लगाना है, तब इन 10 दिनों में बरसात नहीं हुई है. हुई भी है तो बेहद का कम, लेकिन यह ड्राई स्पेल किसानों पर भारी पड़ रहा है. आने वाले समय में अच्छी बारिश के पूर्वानुमान हैं. अच्छी खासी बारिश होगी, किसानों को यही सलाह देना चाहेंगे कि जो भी बारिश का पानी आए, उसे सहेज कर रखें. मेढ़ को अच्छे से बना कर रखें. अधिक से अधिक पानी का संचय करके रखें और बारिश आते ही तत्काल रोपा का काम पूरा कर लें.

Last Updated : Jul 22, 2021, 10:13 PM IST
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