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सिंचाई विभाग की जमीन पर कब्जे की शिकायत करने वाले पूर्व पार्षद को मिली धमकी

सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर पूर्व पार्षद ने शिकायत की थी. जिसके बाद पूर्व पार्षद को धमकियां मिल रही है.

Ex-councilor threatened for complaining of occupation of government land
पूर्व पार्षद को धमकी
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Published : Mar 7, 2020, 2:42 PM IST

Updated : Mar 7, 2020, 4:27 PM IST

कोरबा: HTPS पावर प्लांट के सामने सिंचाई विभाग की जमीन पर हो रहे अवैध कब्जे की शिकायत यहां के पूर्व पार्षद वीरसाय धनुहार ने की थी. शिकायत करने के बाद अब पूर्व पार्षद को कब्जे में संलिप्त लोगों की धमकियां मिल रही है. पूर्व पार्षद वीरसाय ने आरोप लगाया है कि उन्होंने अवैध कब्जे की लिखित शिकायत की है. जिसके बाद उन्हें धमकियां मिलनी शुरू हो गई हैं.

पूर्व पार्षद को मिल रही धमकी

पूर्व पार्षद का सीधे तौर पर आरोप है कि हसदेव बैराज, दर्री के डुबान क्षेत्र की जमीन पर कब्जे के खेल में सिंचाई विभाग और सीएसईबी के अफसरों की संलिप्तता है. इसमें कुछ भू माफियाओं की भी अहम भूमिका है. जिन्होंने पहले से ही सिंचाई विभाग की जमीन पर बड़े पैमाने पर कब्जा कर रखा है. इस कब्जे से स्थानीय निवासियों के आजीविका पर बुरा असर पड़ा है. खेती बाड़ी लगभग खत्म हो चुकी है. बड़े पैमाने पर राख डंप करने के कारण भविष्य में यह राख हसदेव नदी में समाहित होगी. जिससे हसदेव बांध पर भी खतरा है.

नहीं पहुंचे अफसर

सिंचाई विभाग के डुबान क्षेत्र में कब्जे की खबर विभाग को लग चुकी है. उच्च कार्यालयों से भी निर्देश मिल चुके हैं. लेकिन स्थानीय अफसर अब तक मौके पर नहीं पहुंचे हैं. इस मामले में विभाग का ढीला रवैया कई सवाल खड़े कर रहा है. हालांकि विभाग ने राख डंप करने की अनुमति नहीं देने की बात कही है.

कोरबा: HTPS पावर प्लांट के सामने सिंचाई विभाग की जमीन पर हो रहे अवैध कब्जे की शिकायत यहां के पूर्व पार्षद वीरसाय धनुहार ने की थी. शिकायत करने के बाद अब पूर्व पार्षद को कब्जे में संलिप्त लोगों की धमकियां मिल रही है. पूर्व पार्षद वीरसाय ने आरोप लगाया है कि उन्होंने अवैध कब्जे की लिखित शिकायत की है. जिसके बाद उन्हें धमकियां मिलनी शुरू हो गई हैं.

पूर्व पार्षद को मिल रही धमकी

पूर्व पार्षद का सीधे तौर पर आरोप है कि हसदेव बैराज, दर्री के डुबान क्षेत्र की जमीन पर कब्जे के खेल में सिंचाई विभाग और सीएसईबी के अफसरों की संलिप्तता है. इसमें कुछ भू माफियाओं की भी अहम भूमिका है. जिन्होंने पहले से ही सिंचाई विभाग की जमीन पर बड़े पैमाने पर कब्जा कर रखा है. इस कब्जे से स्थानीय निवासियों के आजीविका पर बुरा असर पड़ा है. खेती बाड़ी लगभग खत्म हो चुकी है. बड़े पैमाने पर राख डंप करने के कारण भविष्य में यह राख हसदेव नदी में समाहित होगी. जिससे हसदेव बांध पर भी खतरा है.

नहीं पहुंचे अफसर

सिंचाई विभाग के डुबान क्षेत्र में कब्जे की खबर विभाग को लग चुकी है. उच्च कार्यालयों से भी निर्देश मिल चुके हैं. लेकिन स्थानीय अफसर अब तक मौके पर नहीं पहुंचे हैं. इस मामले में विभाग का ढीला रवैया कई सवाल खड़े कर रहा है. हालांकि विभाग ने राख डंप करने की अनुमति नहीं देने की बात कही है.

Last Updated : Mar 7, 2020, 4:27 PM IST
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