बलौदाबाजार : प्रदेश में विकास के बड़े-बड़े दावों के बीच बलौदाबाजार जिले में सड़कों की जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आती है. यहां सड़कें बदहाल हैं और हादसों का खतरा बढ़ चुका है, जिसके चलते स्थानीय जनता लगातार परेशान है. ETV भारत की टीम ने बलौदाबाजार जिले के विभिन्न हिस्सों में पहुंची तो वहां के नागरिकों ने खुलकर अपनी समस्याएं साझा की.
खस्ताहाल सड़कों से राहगीर परेशान : ETV भारत की टीम ने सबसे पहले बलौदाबाजार भाटापारा मार्ग का दौरा किया, जो एक प्रमुख मार्ग है. बावजूद इसके इस रोड की हालत बेहद खस्ताहाल है. इस मार्ग पर जगह-जगह गहरे गड्ढे हैं और गाड़ियों रे गुदरने पर धूल का गुबार उड़ता रहा है. जिसकी वजह से यह मार्ग यात्रा करने के लिए खतरनाक हो गई है. ETV भारत की टीम ने जब एक राहगीर संजय वर्मा से बात की तो उसने खराब सड़क को लेकर शिकायतों की झड़ी लगा दी.
पूरे छत्तीसगढ़ में ऐसा रोड आज तक मैंने नहीं देखा है. खासकर पड़कीडीह रावन और खरोरा रोड़ में बड़े बड़े गड्ढा हैं. यहां धूल भी बहुत ज्यादा रहती है. कुछ देर पहले ही मेरे सामने जब 2 ट्रक गुजरा तो मुझे कम से कम 30 सेकेंड तक रुकना पड़ा. क्योंकि धूल की वजह से आगे का रास्ता ही नहीं दिखाई दे रहा था : संजय वर्मा, राहगीर
हम रोज इन सड़कों से गुजरते हैं. गाड़ी गुजरते वक्त जब धूल उड़ता हैं तो कम से कम 20 से 30 मीटर का रास्ता ही दिखाई नहीं पड़ता. यहां 3 से 4 फिट के बड़े बड़े गड्ढे हैं, जहां कभी भी कोई एक्सीडेंट हो सकता है. हम कई बार प्रशासन से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है : स्थानीय निवासी
सीमेंट प्लांट की जनसुनवाई में की शिकायत : सीमेंट प्लांट के विस्तार पर हुई जनसुनवाई में अपनी शिकायत लेकर पहुंची एक महिला ने बताया कि हमारे घरों में धूल इतनी अधिक है कि न तो हम ठीक से खाना बना पाते हैं और न ही छत में कपड़े सुखा सकते हैं. घर से बाहर सब तरफ धूल ही धूल है. इस धूल ने हमारी जिंदगी मुश्किल बना दी है.
रोड़ के सामने ही मेरा घर हैं. हम रोजाना धूल खा रहे हैं. छत में कुछ सूखा नहीं पा रहे हैं. पड़कीडीह मार्ग में गर्भवती महिला को ले जा नहीं पा रहे. सड़क खराब है, जिसके चलते उस रोड से गुजरने वाले कभी बिस्तर से उठ नहीं पाते हैं. 2 साल पहले पूरे रहेली गांव के लोगों ने धरना दिया था तो कंपनी और कलेक्टर ने 7 दिन में निराकरण करने का भरोसा देकर धरना समाप्त करया था. लेकिन आज 2 साल बीत जाने के बाद भी सड़क नहीं सुधार पाए : रवेली, स्थानीय ग्रामीण
सड़क पर हादसों का बढ़ता खतरा : सबसे ज्यादा खराब स्थिति बलौदाबाजार भाटापारा मार्ग, बलौदाबाजार से सुहेला पड़कीडीह, हथबंद, सिमगा, बलौदाबाजार विकासखंड के ही ग्राम करना गैलरी, भरसेला मार्ग की है. उड़ती धूल और बडे़ बडे़ गढ्ढों से राहगीरों का इन रास्तों पर चलना दूभर हो चुका है. यह रोड ग्रामीणों और राहगीरों के लिए बेहद असुरक्षित हो चुका है. ट्रक चालकों का कहना है कि ने खराब सड़कों और बढ़ती दुर्घटनाओं के चलते वे हमेशा चिंता में रहते हैं.
इस सड़क में दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं. इन सड़कों पर ज्यादातर सीमेंट कंपनी जाने वाली बड़ी गाड़ियां गुजरती हैं. हम हमेशा डरते रहते हैं कि हमारी गाड़ी खराब या फिर कोई बड़ा हादसा न हो जाए. टायर, बेक पट्टी न जाने क्या क्या टूटता हैं. मालिक हमको सुनता है. लेकिन प्रशासन ने इस समस्या पर अब तक कोई ध्यान नहीं दिया है : पंकज घृतलहरे, ट्रक चालक
सीमेंट संयंत्रों की वजह से उपजी समस्या : बलौदाबाजार जिले में कई सीमेंट संयंत्र हैं, जिसकी वजह से न केवल वातावरण को प्रदूषित हो रहा है, बल्कि सड़क की स्थिति भी खराब हो रही है. ETV भारत की टीम ने भी सीमेंट संयंत्रों के आसपास की स्थिति का जायजा लिया, जहां भारी ओवरलोड वाहनों का संचालन होता है. इन सड़कों की हालत खस्ताहाल है. बड़े वाहनों की वजह से सड़कें और ज्यादा खराब हो गई हैं, जिससे ग्रामीणों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट की जनसुनवाई में उठे मुद्दे : अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट के पास स्थित ग्रामीणों ने जनसुनवाई के दौरान इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया. ग्रामीणों का कहना था कि जब मुख्यमंत्री और मंत्री करोड़ों रुपये के विकास कार्यों का उद्घाटन करने आते हैं. लेकिन यह सब कागजों तक सीमित रहता है. जमीनी हकीकत कुछ और ही है. जनसुनवाई में यह भी आरोप लगाया गया कि प्रशासन के समक्ष कई बार शिकायतें दी जा चुकी हैं, लेकिन प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है.
बलौदाबाजार जिले के नागरिकों की सबसे बड़ी मांग है कि प्रशासन इस दिशा में फौरन कार्रवाई करे. ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सके. यदि प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान नहीं देगी तो आने वाले समय में यह समस्याएं और भी बढ़ सकती हैं. प्रशासन और संबंधित विभागों से लोगों को उम्मीद है कि खराब सकड़ की समस्याओं को प्राथमिकता दिया जाएगा.