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यह दिवाली ईको फ्रेंडली दीये वाली, सीएम हाउस में भी बिखेरेंगे रोशनी

महिला स्वसहायता समूह की ओर से इको फ्रेंडली दीये का निर्माण किया जा रहा है. इस दीये की ब्रिकी पूरे छत्तीसगढ़ में की जाएगी. इसके साथ ही महिला समूह की ओर से दीये को प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भेजा जाएगा, इससे सीएम हाउस भी जगमगाएगा.

इको-फ्रेंडली दीये
इको-फ्रेंडली दीये
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Published : Oct 16, 2020, 7:50 PM IST

कोरबा : इस दीवाली गोबर से बने इको फ्रेंडली दीये से घर, आंगन और सरकारी दफ्तर रोशन होंगे. इसके लिए महिला समूह ने गोबर के आकर्षण दीयों का निर्माण किया है. स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने बड़ी संख्या में गोबर से बने दीयों का निमार्ण किया है. अब तक 5 हजार दीयों का निर्माण किया जा चुका है. समूह ने 50 हजार दीये बनाने का लक्ष्य रखा है. इस बार भी बाजार में गोबर से बने रंग-बिरंगे दीये बिकने के लिए आएंगे.

इको-फ्रेंडली दीये

पर्यावरण संरक्षण और महिला स्वसहायता समूहों को रोजगार मुहैया कराने की दिशा में गोबर से बने दीयों को अहम माना जा रहा है. दीए को दीपावली में उपयोग करने के बाद इसे जैविक खाद के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अवशेष को गमला या कीचन गार्डन में भी उपयोग किया जा सकता है. इस कारण इस दीयों को इको-फ्रेंडली माना जा रहा है. कटघोरा विकासखंड के ग्राम धवइपुर नापारा की जननी महिला संकुल संगठन की महिलाओं ने बताया कि धंवईपुर की महिला समूह को पहले ही दीया बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है.

पढ़ें : दीया तले अंधेरा: कोरोना की वजह से ठप पड़ा कुम्हारों का काम, छिन गई मुस्कान

स्वास्तिक चिन्ह, गौर गणेश का भी निर्माण स्व सहायता समूह की महिलाएं गोबर से निर्मित दीये के साथ स्वास्तिक चिन्ह, गौर गणेश, करवा चौथ के कलश आदि भी निर्मित कर रही हैं. इसे बनाने की विधि को बताते हुए बताया कि करीब ढाई किलो गोबर में मिट्टी मिलाते हैं, इसके बाद हाथ से खूबसूरत आकार दिया जाता है. इसे दो दिनों तक धूप में सूखाने के बाद अलग-अलग रंगों से सजाया जाता है. सीएम भूपेश को दीये भेंट जननी महिला संकुल समूह की सदस्य फूल कुमारी ने बताया कि इस बार 50 हज़ार गोबर के दिये बनाने का लक्ष्य रखा गया है. अभी तक पांच हजार दीयों का निर्माण हो चुका है. समूह ने अभी तक रक्षाबंधन में राखी और कोरोना काल में मास्क बनाने का कार्य किया था. इससे महिलाओं का अच्छा लाभ मिला था. उन्हें इस काम से कोरोना काल में आर्थिक रूप से मदद भी मिली थी. इन गोबर के बने दीयों को जनपद पंचायत, चौक चौराहों में स्टॉल लगाकर बेचने का लक्ष्य रखा गया है. महिला समूह की ओर से दीये को प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भेजा जाएगा, इस दिवाली सीएम आवास भी जगमगाएगा.
eco-friendly-diya-will-be-sold-in-diwali-celebration-2010
इको-फ्रेंडली दीये


महिलाओं ने गोबर को बनाया आय का जरिया
धवईपुर नवापारा की महिलाओं ने इस दिशा में पहल की है. कुछ समय पहले तक यहां महिलाएं खेतों में काम करती थीं, घर संभालते नजर आती थीं. इन्हीं महिलाओं ने गाय के गोबर को अपनी आर्थिक और सामाजिक स्थिति मजबूत करने का जरिया बना लिया है. स्व-सहायता समूह की महिलाएं गोबर से आकर्षक दीये बना रही हैं.

कोरबा : इस दीवाली गोबर से बने इको फ्रेंडली दीये से घर, आंगन और सरकारी दफ्तर रोशन होंगे. इसके लिए महिला समूह ने गोबर के आकर्षण दीयों का निर्माण किया है. स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने बड़ी संख्या में गोबर से बने दीयों का निमार्ण किया है. अब तक 5 हजार दीयों का निर्माण किया जा चुका है. समूह ने 50 हजार दीये बनाने का लक्ष्य रखा है. इस बार भी बाजार में गोबर से बने रंग-बिरंगे दीये बिकने के लिए आएंगे.

इको-फ्रेंडली दीये

पर्यावरण संरक्षण और महिला स्वसहायता समूहों को रोजगार मुहैया कराने की दिशा में गोबर से बने दीयों को अहम माना जा रहा है. दीए को दीपावली में उपयोग करने के बाद इसे जैविक खाद के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अवशेष को गमला या कीचन गार्डन में भी उपयोग किया जा सकता है. इस कारण इस दीयों को इको-फ्रेंडली माना जा रहा है. कटघोरा विकासखंड के ग्राम धवइपुर नापारा की जननी महिला संकुल संगठन की महिलाओं ने बताया कि धंवईपुर की महिला समूह को पहले ही दीया बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है.

पढ़ें : दीया तले अंधेरा: कोरोना की वजह से ठप पड़ा कुम्हारों का काम, छिन गई मुस्कान

स्वास्तिक चिन्ह, गौर गणेश का भी निर्माण स्व सहायता समूह की महिलाएं गोबर से निर्मित दीये के साथ स्वास्तिक चिन्ह, गौर गणेश, करवा चौथ के कलश आदि भी निर्मित कर रही हैं. इसे बनाने की विधि को बताते हुए बताया कि करीब ढाई किलो गोबर में मिट्टी मिलाते हैं, इसके बाद हाथ से खूबसूरत आकार दिया जाता है. इसे दो दिनों तक धूप में सूखाने के बाद अलग-अलग रंगों से सजाया जाता है. सीएम भूपेश को दीये भेंट जननी महिला संकुल समूह की सदस्य फूल कुमारी ने बताया कि इस बार 50 हज़ार गोबर के दिये बनाने का लक्ष्य रखा गया है. अभी तक पांच हजार दीयों का निर्माण हो चुका है. समूह ने अभी तक रक्षाबंधन में राखी और कोरोना काल में मास्क बनाने का कार्य किया था. इससे महिलाओं का अच्छा लाभ मिला था. उन्हें इस काम से कोरोना काल में आर्थिक रूप से मदद भी मिली थी. इन गोबर के बने दीयों को जनपद पंचायत, चौक चौराहों में स्टॉल लगाकर बेचने का लक्ष्य रखा गया है. महिला समूह की ओर से दीये को प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भेजा जाएगा, इस दिवाली सीएम आवास भी जगमगाएगा.
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महिलाओं ने गोबर को बनाया आय का जरिया
धवईपुर नवापारा की महिलाओं ने इस दिशा में पहल की है. कुछ समय पहले तक यहां महिलाएं खेतों में काम करती थीं, घर संभालते नजर आती थीं. इन्हीं महिलाओं ने गाय के गोबर को अपनी आर्थिक और सामाजिक स्थिति मजबूत करने का जरिया बना लिया है. स्व-सहायता समूह की महिलाएं गोबर से आकर्षक दीये बना रही हैं.

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