कोरबा : बीते दो दिन पहले ट्रांसपोर्टरों (Transporter) द्वारा ट्रैफिक डीएसपी शिवचरण सिंह परिहार (DSP Shivcharan Singh Parihar) पर अवैध वसूली के गंभीर आरोप के बाद सोमवार को दीपका और हरदीबाजार के ट्रक मालिक एकजुट होकर डीएसपी की शिकायत करने एसपी के पास पहुंचे. उन्होंने एसपी से पूरे मामले की शिकायत की है. शिकायत पत्र में ट्रक मालिकों ने उल्लेख किया है कि ट्रैफिक डीएसपी उन्हें व्हाट्सएप कॉलिंग (Whatsapp Calling) करते हैं और प्रत्येक ट्रक के लिए 500 रुपये महीना देने को कहते हैं नहीं देने पर ट्रकों को जिले में चलने नहीं देने की धमकी देते हैं. यहां तक कि डीएसपी अपने आदमी हमारे पास भेजकर रकम की मांग करते हैं. इसलिए हम चाहते हैं कि डीएसपी पर इस नाजायज वसूली (Illegitimate Recovery) के लिए वैधानिक कार्रवाई की जाए.
ट्रक मालिक हुए लामबंद
ट्रैफिक पुलिस की कार्यशैली से ट्रक मालिकों में गहरा असंतोष है. कोरबा कोयला खदानों के लिए जाना जाता है, जहां प्रतिदिन सैकड़ों की तादात में ट्रक चालक कोयला लेकर आवाजाही करते हैं. दीपका, हरदीबाजार, गेवरा और कुसमुंडा के कोयलांचल इलाकों से ही प्रतिदिन करीब 2 से 3 हजार ट्रक कोयला लेकर गंतव्य की ओर जाते हैं. ट्रक मलिकों ने सोमवार को एसपी से ट्रैफिक डीएसपी शिवचरण सिंह परिहार की लिखित शिकायत कर दी है. इसमें उल्लेख किया गया है कि ट्रैफिक डीएसपी परिहार हरदीबाजार के ग्राम सरईश्रृंगार, पाली के डूम कछार और उरगा के बाईपास में ट्रकों को पहले तो रोकते हैं फिर ड्राइवर से कहते हैं कि अपने मालिक को बोलो 500 रुपये प्रति ट्रक हर माह दें, नहीं तो चालान कर गाड़ी को थाने के अंदर कर दूंगा.
क्या है पूरा मामला ?
जानकारी के अनुसार पिछले शुक्रवार की रात ट्रैफिक डीएसपी ने अपनी टीम के साथ उरगा फाटक के पास कुछ ट्रकों को रुकवाया था. इनमें से एक को छोड़कर बाकी ट्रकों को बिना चालान काटे ही जाने दिया, लेकिन कोयला लदे ट्रकों से जुड़े परमिशन वाले पत्र (बिल्टी) को अपने पास रख लिया. जबकि एक ट्रक को शनिवार की सुबह और दोपहर तक भी पुलिस लाइन में खड़ा करके रखा. रविवार तक इस ट्रक को नहीं छोड़ा गया और कहा कि ओरिजिनल दस्तावेज लाकर ट्रक ले जाएं. अब सवाल यह है कि जब सारे ट्रक नो एंट्री में प्रवेश कर गए थे तो सिर्फ इसी ट्रक को क्यों रोका गया.
सारे प्रमाणपत्र मौजूद, फिर रुकवाया ट्रक
इधर, ट्रक संचालित करने वाले ट्रांसपोर्टर और ट्रकों के सुपरवाइजर मो आरिफ का कहना है कि रविवार रात हमारे 6 से 7 ट्रकों को डीएसपी परिहार ने रुकवा लिया. सभी कागज कंप्लीट हैं, इंश्योरेंस के साथ ही परमिट व प्रदूषण प्रमाण पत्र भी मौजूद है. सभी ट्रक पूरी तरह से एक नंबर में नियमों के अनुसार ही संचालित हो रहे हैं. जो कि कोयला लदान का काम करते हैं. ट्रैफिक डीएसपी ने जान-बूझकर ट्रकों को रुकवाया और 500 रुपये प्रति ट्रक प्रति महीना की डिमांड कर रहे हैं. इसके अनुसार हमारे मालिक के पास 70 से 75 ट्रक के हिसाब से महीने का 40 हजार रुपये देना पड़ेगा.
शिकायत के बाद अब क्या होगी कार्रवाई ?
ट्रैफिक डीएसपी पर उगाही के गंभीर आरोप के बाद अब लिखित शिकायत भी हो चुकी है. ट्रैफिक डीएसपी जैसे संवेदनशील पद पर बैठे अधिकारी पर एसपी किस तरह की कार्रवाई करते हैं, कार्रवाई होती भी है या फिर मामला रफा-दफा कर दिया जाएगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा. शिकायत करने वाले ट्रक मालिकों में मुकेश कुमार नामदेव, अमित मिश्रा, राहुल कुमार, दुर्गा प्रसाद राठौर, विशाल अग्रवाल, रवि कुमार, अखलेश कुमार पांडे, महेंद्र यादव व महताब आलम आदि के नाम शामिल हैं.