कोरबा: रेल लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण के बाद मांग पूरी न होने पर विस्थापित किसानों ने जिले के दीपका के पास स्थित ग्राम रेकी में एनटीपीसी सीपत की कोयला लदी ट्रेन रोक दी. विस्थापित किसानों ने पहले ही आंदोलन की चेतावनी दी थी. मांगें पूरी न होने पर उन्होंने रेल रोको आंदोलन का रास्ता अख्तियार कर लिया है. इनकी मांग है कि एनटीपीसी सीपत प्रबंधन ने 2004 में ही प्लांट को कोयला सप्लाई करने के लिए रेल लाइन बिछाई थी, जिसके एवज में किसानों की जमीन ली गई थी. जमीन के बदले जो घोषणाएं की गई थीं, वह आज तक पूरी नहीं हुई हैं.
दीपका से सीपत में होती है कोयले की आपूर्ति
सीपत में एनटीपीसी का पावर प्लांट स्थापित है. कोयला आधारित पावर प्लांट में कोयले की सप्लाई कोरबा जिले के दीपका कोयला खदान से की जाती है. कोयले के परिवहन के खर्च को कम करने के लिए 2004 में एनटीपीसी सीपत प्रबंधन ने दीपका सालों से लेकर सीपत के पावर प्लांट तक रेलवे लाइन का विस्तार किया था. रेलवे लाइन बिछाने के लिए कई किसानों की जमीनों का अधिग्रहण किया गया था. जिसके बदले में मुआवजा और नौकरी का वादा किया था. आंदोलन कर रहे विस्थापित किसान रामनाथ, हरिनारायण, दिलेश्वर और विश्वनाथ आदि की मानें तो किसानों को मुआवजा तो मिला है, लेकिन नौकरी का वादा अब तक अधूरा है. जिसके कारण अब उनके सामने आजीविका संकट उत्पन्न हो गई है. नौकरी की मांग जब तक पूरी नहीं होगी, वह इसी तरह आंदोलन पर डटे रहेंगे.
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एनटीपीसी प्रबंधन और कलेक्टर को लिखित शिकायत
आंदोलन कर रहे किसान में से एक शंकर लाल पटेल ने बताया कि मांगें अधूरी रहने की शिकायत विस्थापित किसानों ने एनटीपीसी सीपत प्रबंधन के साथ ही कलेक्टर, तहसीलदार और संबंधित थाने में भी दी थी. लेकिन उनकी शिकायतों का कोई निराकरण नहीं हो सका है. जिसके कारण विवश होकर उन्होंने रेल रोको आंदोलन का रास्ता अपनाया है.