कोरबा: नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक Leader Of Opposition Dharamlal Kaushik रविवार को कोरबा पहुंचे. जहां उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लिया. कौशिक ने कहा कि प्रदेश के भूपेश सरकार कोरोना से निपटने में पूरी तरह विफल साबित हुई है. भूपेश सरकार को कोरोना काल में जहां दवाई भेजनी थी वहां शराब भेज रहे हैं. वैक्सीनेशन कार्यक्रम में प्रदेश फिसड्डी साबित हुआ है. टीकाकरण को लेकर खुद सरकार के जवाबदार लोगों ने जो भ्रम फैलाया है. उसका नतीजा यह रहा कि महज 8 लाख लोगों के टीकाकारण में राज्य सरकार के पसीने छूट गए हैं. उनके सारे दावों की पोल खुल गई. इस अव्यवस्था की वजह से वैक्सीनेशन कार्यक्रम को केंद्र को अपने हाथों में लेना पड़ा.
कौशिक ने कहा कि प्रदेश भर में अफसरशाही बेलगाम हो चुकी है. बिना रुपए के लेनदेन कोई काम कराना संभव नहीं है. कांग्रेस की सरकार माफियाओं के हाथ में है. प्रदेशभर में रेत माफिया, शराब माफिया, ड्रग माफिया, कोल माफिया पूरी तह हावी और सक्रिय हैं. जिस सरकार के लिए भ्रष्टाचार आज शिष्टाचार बन चुका है ऐसे सरकार की रवानगी लगभग तय है. आम प्रदेशवासियों को भी इस दिन का इंतजार है.
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राज्य सरकार नक्सलियों के आगे हथियार डाल चुकी
नेता प्रतिपक्ष यहीं नहीं रुके. कौशिक ने कहा कि राज्य सरकार नक्सलियों के आगे हथियार डाल चुकी है. जो नक्सली भाजपा की सरकार में बैकफुट पर थे. वे आज मुख्य सड़कों पर आ धमके है. गांवों में जन अदालतें लगाई जा रही है. सुरक्षाबलों के साथ हर दिन आम नागरिकों का गला रेता जा रहा. प्रभावित इलाकों में सरकारी कर्मचारियों की हत्याएं हो रही है. इस तरह सरकार आंतरिक सुरक्षा के मोर्चे पर भी पूरी तरह विफल हो चुकी है.
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सरकार ने की लोगों से वादाखिलाफी, नदियों में स्कूली ड्रेस बहाए जा रहे
धरमलाल कौशिक ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि ना ही शराबबंदी हुई और ना ही बेरोजगारों को 2500 रुपए भत्ता दिया गया. कोरोना काल में देखा गया कि पूर्ण शराबबंदी के वादे के बीच जहां उन्हें दवाइयां पहुंचानी चाहिए थी वहां दवा तो नहीं, लेकिन शराब जरूर पहुंचाई गई. किसानों को छलने वाली सरकार ने दो वर्षों तक बोनस वितरण की बात कही थी. लेकिन आज इसपर कांग्रेस नेताओ ने चुप्पी साध ली है. वहीं शिक्षा के मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक सरकार पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि शिक्षा का स्तर रसातल पर है. स्कूली बच्चों की पढ़ाई का स्तर गिर चुका है. वे पांच सवालों को हल करने की स्थिति में नहीं हैं. आज उनतक ना किताबें पहुंच सका, ना गणवेश और ना ही साइकिल. नदियों में स्कूली ड्रेस बहाए जा रहे हैं.
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ढाई-ढाई साल के सीएम पर ली चुटकी
नेता प्रतिपक्ष ने ढाई-ढाई मुख्यमंत्री के मुद्दे पर भी चुटकी ली. ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री के फॉर्मूले को उन्होंने कांग्रेस का आंतरिक मामला बताते हुए कहा कि जिस तरह से सरकार बेलगाम तरीके से चल रही है. उससे ना सिर्फ आम जनता दुखी है. बल्कि कांग्रेस के कार्यकर्ता भी खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं. पिछले दिनों यूपी में कांग्रेस के बड़े नेता जितिन प्रसाद ने कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी प्रवेश किया. लिहाजा इस बात की पूरी संभावना है कि सरकार के असंतुष्ट नेता-कार्यकर्ता भी पार्टी का साथ छोड़कर दूसरे विकल्पों की तलाश करें.