कोरबा: बीते साल जन संगठन व आम आदमी पार्टी से जुड़े कार्यकर्ताओं के "10 का मुर्गा खाओगे, तो ऐसे ही रोड पाओगे" नारे वाले आंदोलन ने प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी थी. यह आंदोलन मेजर ध्यान चौक से लेकर जिला मुख्यालय से पश्चिम क्षेत्र को जोड़ने वाली गोपालपुर तक के 10 किलोमीटर की जर्जर सड़क के लिए हुआ था. हैरानी की बात है कि अब भी ये सड़क अधूरी है. कछुआ गति से निर्माण होने के कारण सड़क पूरी हो ही नहीं पा रही है. निर्माण शुरू होने के समय कलेक्टर रानू साहू ने दर्री बैराज के 800 मीटर तक की मुख्य सड़क पर सामान्य आवागमन प्रतिबंधित करते हुए ठेकेदार को 20 दिन का अल्टीमेटम दिया था. लेकिन ये अल्टीमेटम बेअसर रहा. (das ka murga slogan in korba)
ठेकेदार को 20 दिन में काम पूरा करने के मिले थे निर्देश : मेजर ध्यानचंद चौक से गोपालपुर तक के सड़क की कुल लंबाई 10 किलोमीटर है. ध्यानचंद चौक से ही कुछ दूरी पर हसदेव डैम का दर्री बैराज मौजूद है. इसी निर्माण कार्य के दौरान दर्री बराज के सड़क का भी निर्माण किया जा रहा है. पिछले लगभग 4 से 5 सालों से सड़क की हालत बेहद खराब है. इसी स्थान पर "10 का मुर्गा आंदोलन...." किया गया था. लेकिन विभागीय उदासीनता और आपसी सामंजस्य नहीं होने के कारण सड़क जर्जर होती चली गयी. (Darri barrage main Road construction not completed )
काफी समय तक यह नगर निगम और सिंचाई विभाग के बीच टकराव हुआ. जिसके कारण काम लटका रहा. कई स्तर पर प्रयासों के बाद बीते अप्रैल माह में सड़क का काम शुरू कर दिया गया है. जिसका ठेका अशोक मित्तल को दिया गया है. सड़क निर्माण शुरू करते वक्त अप्रैल माह के शुरुआत में ही कलेक्टर ने सड़क का निरीक्षण किया था. दर्री बराज के सड़क पर आवागमन प्रतिबंधित करते हुए 20 दिन में 800 मीटर के सड़क को पूरा करने के निर्देश दिए थे. लेकिन इसके लगभग 2 माह बीत जाने के बाद भी अब तक निर्माण अधूरा है.
कोरबा में कहां से आया '10 का मुर्गा...' नारा, क्या है इसके पीछे की कहानी और चुनावों से कनेक्शन
सीजीआरआईडीसीएल से सड़क के लिए 40 करोड़ रुपये की स्वीकृति : पहले एनटीपीसी ने सीएसआर से मेजर ध्यानचंद चौक से गोपालपुर तक के सड़क निर्माण के लिए 26 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की. लेकिन इसे कभी भी राज्य शासन को प्रदान नहीं किया. इस विषय में एनटीपीसी के तत्कालीन एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर बिस्वरूप बसु ने कहा था कि मेजर ध्यानचंद चौक से गोपालपुर तक सड़क निर्माण के लिए वह 26 करोड़ की राशि स्वीकृत कर दिए हैं. लेकिन राज्य शासन की ओर से इस सड़क निर्माण का कार्यदेश जारी नहीं किया गया है. जबकि पीडब्ल्यूडी कोरबा के एग्जिक्यूटी इंजीनियर एके वर्मा ने बताया कि सीजीआरआईडीसीएल (छत्तीसगढ़ रोड डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड) से पूरे प्रदेश के सड़क निर्माण के लिए 5 हजार करोड़ रुपए शासन ने आवंटित किया है. मेजर ध्यानचंद चौक से गोपालपुर तक के सड़क निर्माण के लिए हमने कार्यादेश फरवरी में ही जारी किया था. जरूरत के समय हमें एनटीपीसी से फंड नहीं मिला. अब सीजीआरआईडीसीएल से इस सड़क के लिए 40 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिल गई है. अब हमें एनटीपीसी के फंड की जरूरत नहीं है. सड़क का निर्माण शुरू कर दिया गया है, जल्दी ही इसे पूरा कर लिया जाएगा.
15 किलोमीटर घूम कर जा रहे लोग : दर्री बराज के सड़क पर फिलहाल प्रतिबंध लगा हुआ है. खास तौर पर रूमगड़ा में रहने वाले लोग खासे परेशान हैं. यहां से जिन्हें दर्री की ओर आना होता है, या फिर काम निपटा कर वापस रूमगड़ा लौटना होता है. वह मुश्किल में फंसे हैं. उन्हें दर्री डेम से ही गेरवा घाट होते हुए 15 किलोमीटर की दूरी अतिरिक्त तय करनी पड़ रही है. यदि रोड का काम पूरा कर लिया गया होता तो यह दूरी महज 800 मीटर की ही है. सामान्य दिनों में जब मार्ग अवरुद्ध नहीं होता, तो यह दूरी इतनी ही होती है.
10 का मुर्गा खाओगे तो ऐसी ही रोड पाओगे...
फिर करेंगे आंदोलन : इस मामले में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता आंनद जो 10 का मुर्गा आंदोलन में शामिल थे, उन्होंने कहा है कि हम फिर आंदोलन करेंगे.
आनंद ने कहा कि जिस मार्ग के लिए एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन हुआ, जिसने प्रदेश से लेकर देश भर में सुर्खियां बटोरी, वह सड़क अब भी अधूरी है. कलेक्टर मैडम ने कहा था कि 20 दिन में निर्माण पूरा कर लिया जाएगा. लेकिन उस अल्टीमेटम को भी दो महीने से ज्यादा गुजर गए. सड़क का निर्माण अधूरा है. हम इसके लिए एक बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे. कोरबा के लोगों को जोड़ेंगे.
इसी तरह आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता लंबोदर का कहना है कि "कोरबा के युवाओं की देश भर में तारीफ हुई थी. उन्होंने 10 का मुर्गा... आंदोलन किया था. लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि जर्जर सड़क से लोग लगातार परेशान हो रहे हैं. सड़क की हालत जर्जर है. हमने ज्ञापन भी सौंपा था, लेकिन इसका भी असर नहीं हुआ. कलेक्टर मैडम का अल्टीमेटम भी काम नहीं आया.