कोरबा: जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कोरकोमा के जंगलों में अवैध लकड़ी तस्करों की नजर है. सूनेपन का फायदा उठाते हुए छत्तीसगढ़ के राजकीय वृक्ष साल की बड़े पैमाने पर कटाई की जा रही (Continuous cutting of state tree saal in Korba) है. हैरान कर देने वाली बात यह है कि जंगल को कंपार्टमेंट के आधार पर विभाजित कर रेंजर, डिप्टी रेंजर और फॉरेस्ट गार्ड स्तर के अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है. जवाबदेही तय की जाती है. लेकिन किसी को भी अवैध कटाई के संबंध में भनक तक नहीं. हालांकि मौके पर पहुंचने पर साफ तौर पर देखा जा सकता है कि पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की गई है.
साल वृक्ष के मामले में कोरबा है समृद्ध
कोरबा में कुल क्षेत्रफल का 40 फीसदी भाग वन क्षेत्र में शामिल है. राजकीय वृक्ष साल के लिहाज से कोरबा बेहद समृद्ध है. कोरबा के वन में बड़े पैमाने पर साल के वृक्ष मौजूद हैं. साल वृक्ष के साथ ही कई औषधीय वृक्षों के लिए भी कोरबा के जंगलों को जाना जाता है. साल वृक्ष को खास तौर पर इमारती लकड़ी के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. जिसके फर्नीचर भी काफी महंगे दामों में बिकते हैं.
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कटाई के बाद लकड़ी तस्कर बड़ी आसानी से एक से दूसरे स्थान पर इसका परिवहन कर ले जा रहे हैं. इसकी जानकारी वन अमले के साथ ही बैरिकेड लगाकर ड्यूटी देने वाले कर्मचारियों को भी नहीं हुई. कोरबा के जंगलों में इस तरह के मामले अक्सर देखने को मिलते हैं. लेकिन कार्रवाई नहीं हो पाती. ऐसे में वन विभाग के नाक के नीचे पेड़ों की अवैध कटाई बदस्तूर जारी रहती है.
सूनेपन का फायदा उठा रहे तस्कर
कोरकोमा क्षेत्र के डिप्टी रेंजर जितेंद्र केसरवानी से जब अवैध कटाई के संबंध में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इनकार किया. उन्होंने बताया कि जंगल में सूनेपन का फायदा उठाकर कुछ लोग जरूर पेड़ काट रहे होंगे. आपके माध्यम से जानकारी मिली है, निगरानी बढ़ाई जाएगी. अवैध कटाई करते पाए जाने वालों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया जाएगा.