कोरबा: आपने अक्सर लोगों को कहते हुए सुना होगा कि वक्त मिलता तो शौक पूरे करते. लेकिन कोरोना संक्रमण के वायरस को रोकने के लिए लॉक डाउन ने लोगों को वक्त ही वक्त दे दिया है. इसका फायदा रेडियोलॉजिस्ट दंपति के माता-पिता ने बखूबी उठाया है. निहारिका क्षेत्र में रहने वाले मनजीत सिंह और कुलदीप कौर रेडियोलॉजिस्ट डॉ. हरपाल सिंह के माता-पिता हैं. दोनों को गार्डनिंग का शौक है और लॉक डाउन की वजह से वक्त भी मिल गया. बस फिर क्या था इन्होंने अपने घर पर ही खूबसूरत बगीचा बना लिया है. अब दोनों अपने इस शौक को प्रॉपर टाइम दे रहे हैं.
इस दंपति के घर तकरीबन 300 किस्म के फूल और पौधे हैं. हर दिन ये दोनों इन्हें सींचकर अपने दिन की शुरुआत करते हैं. लॉकडाउन के शुरू होते ही उन्होंने सोचा कि क्यों न इस समय को बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जाए. इन्होंने अपना पूरा समय बागवानी को दिया और घर में गार्डन बना लिया.
300 से ज्यादा किस्मों के पौधे मौजूद
60 वर्ष की उम्र के बाद भी बागवानी को लेकर इस दंपति का उत्साह साफ नजर आता है. पर्यावरण प्रेमी होने की वजह से उन्होंने हर एक पौधे को बड़े जतन से संजोकर रखा है. इनके घर में 300 तरह के खुशबूदार फूलों के पौधे हैं. घर में एक हजार से ज्यादा गमले हैं. कुछ आकर्षक पत्ते वाले पौधे भी हैं.
घर के हर कोने में है पौधे
कुलदीप ने अपने घर के हर कोने को पौधों से सजाया है. बरामदे से लेकर छत, दीवार, सीढ़ियां और खिड़कियों पर इनडोर प्लांट्स लगे हुए हैं. इनमें बोगनवेलिया, इनडोर प्लांट्स के कई किस्म, कैलेंडुला, डिवान्थस, क्रोटॉन्स, फूल वाले कैक्टस के कई किस्म, रबर प्लांट, एरिक प्लम, स्नेक प्लांट, पीस लिली, गुलाब, फर्न, क्लिम्बेर, हेविंग, जाड़े प्लांट, जीजी आदि किस्मों के पौधों को रखा है.
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कुलदीप के गार्डन में कई दुर्लभ पौधे
कुलदीप बताती हैं कि वे जहां भी घूमने जाती हैं, वहां से पौधे लेकर आती हैं. उन्होंने बताया कि वे बैंकॉक गई हुई थी तब वहां से भी पौधे लेकर आई थीं. वे कहती हैं कि बेंगलुरु, कोलकाता और ऊटी जैसे हिल स्टेशनों पर जाना होता है तब वहां से वह अच्छे और दुर्लभ पौधे ले आती हैं. इन पौधों और फूलों की वजह से इस मुश्किल वक्त में इनकी जिंदगी महक रही है.