कोरबा: नगर निगम के सफाई ठेकेदार नियमों को ताक पर रखकर रिहायशी इलाकों से लगे क्षेत्रों में कचरा डंप कर रहे हैं. हैरानी वाली बात ये है कि निगम के जिम्मेदार अधिकारियों को इस बात की कोई जानकारी नहीं है. ETV भारत ने निगम के स्वच्छता अधिकारी से सवाल पूछा. उनका कहना था कि कचरे को छांटकर गड्ढा पाटने के लिए कचरा डंप करने की अनुमति दी गई है. लेकिन यदि नियमों की अनदेखी हो रही है तो संबंधित ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
वार्ड नंबर 18 के ढेंगुरनाला बस्ती में गड्ढे को पाटने के साथ ही आसपास के क्षेत्रों में भी कचरा फैलाए जाने का आरोप है. ढेंगुरनाला के पास निर्माणाधीन रोड के लिए गड्ढे पाटने का काम चल रहा है. यहां आसपास के क्षेत्रों से उत्सर्जित कचरे को डंप करने की अनुमति तो दी गई है, लेकिन कचरे में से प्लास्टिक, पॉलीथिन, शीशे और अन्य ऐसे उत्पाद जो कि पर्यावरण के नुकसानदायक है, उन्हें अलग करने के बाद ही कचरा डंप किया जाना है.
निगम को नहीं है जानकारी
ठेकेदार इस कचरे में से पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले उत्पादों को अगल किए बिना ही ट्रैक्टर के जरिए पूरा का पूरा कचरा यहां डंप कर रहे हैं. लेकिन कोरबा नगर निगम के अधिकारियों को इसकी जानकारी ही नहीं है.
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पार्षद ने लगाए गंभीर आरोप
स्थानीय पार्षद चंद्रलोक सिंह ने निगम पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पार्षद का कहना है कि पहले यहां अस्पताल से उत्सर्जित बायो मेडिकल वेस्ट भी फेंका जाता था. लेकिन शिकायत करने के बाद इसे बंद किया गया था. अब यहां प्लास्टिक, पॉलिथीन, लोहे युक्त कचरे को डंप किया जा रहा है. जिससे वातावरण प्रदूषित होने के साथ ही आसपास के लोगों को कई तरह की परेशानी हो रही है.
जल्द आएगी स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम
केंद्र सरकार की स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम जल्द ही कोरबा जिले के दौर पर आने वाली है. यदि शहर का यही हाल रहा तो पिछली बार देश में 45वां रैंक हासिल करने के बाद कोरबा निगम इस बार और भी पीछे हो सकता है.