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जिम्मेदार ही नहीं कर रहे नियमों का पालन, 10 दिन में ही बेटी को क्वॉरेंटाइन सेंटर से घर ले गए सिविल सर्जन

सरकार लोगों से नियमों का पालन करने की लगातार अपील कर रही है, लेकिन कई जिम्मेदार ऐसे भी हैं जो खुद ही नियमों का उल्लंघन कर रहे हैें. बता दें कि कोरबा जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. अरुण तिवारी क्वॉरेंटाइन अवधि पूरी होने से पहले ही अपनी बेटी को घर लेकर चले गए. वहीं जब इस बात का विरोध हुआ, तो डॉ. तिवारी ने बेटी को वापस क्वॉरेंटाइन सेंटर पहुंचा दिया.

civil surgeon take her daughter home in just 10 days of quarantine period in korba
कोरबा सिविल सर्जन की लापरवाही आई सामने
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Published : Jun 12, 2020, 8:06 AM IST

कोरबा: जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. अरुण तिवारी क्वॉरेंटाइन अवधि पूरी होने से पहले ही अपनी बेटी को घर ले गए. जब बात खुली और इसका विरोध शुरू हुआ, तो डॉ. तिवारी ने बेटी को वापस क्वॉरेंटाइन सेंटर पहुंचा दिया. 14 दिन की क्वॉरेंटाइन अवधि पूरी नहीं करने और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जिला प्रशासन और पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है. अब सवाल यह उठता है कि क्या अब जिले के स्वास्थ्य महकमे के एक बड़े अधिकारी पर भी कार्रवाई होगी या फिर अन्य मामलों की तरह इस पर भी पर्दा डालकर लीपापोती कर दी जाएगी.

कोरबा सिविल सर्जन की लापरवाही आई सामने


जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर अरुण तिवारी की बेटी दूसरे राज्य से कोरबा पहुंची थी, जिसे शहर में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया था. उसकी क्वॉरेंटाइन अवधि पूरी भी नहीं हुई थी कि सिविल सर्जन बेटी को घर लेकर चले गए. जब लोगों ने इसका विरोध किया, तो फिर उन्होंने बेटी को वापस क्वॉरेंटाइन सेंटर में पहुंचा दिया.

रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ले गए घर

इस विषय में सिविल सर्जन डॉ. अरुण तिवारी से जब ETV भारत की टीम ने बात कि तो उन्होंने बताया कि उनकी बेटी 2 हफ्ते पहले लौटी है, जिसकी RT-PCR रिपोर्ट निगेटिव आई थी, जिसके बाद ही वे अपनी बेटी को घर लेकर आए थे. अरुण तिवारी ने कहा कि लोगों के आपत्ति जताने के बाद उन्होंने बेटी को फिर से वापस क्वॉरेंटाइन सेंटर पहुंचा दिया है. उन्होंने आगे बताया कि उनकी बेटी अभी भी क्वॉरेंटाइन सेंटर में ही है.

civil surgeon take her daughter home in just 10 days of quarantine period in korba
सिविल सर्जन डॉ. अरुण तिवारी
'नहीं है जानकारी'

इस विषय में ETV भारत की टीम ने CMHO बीबी बोडे से जानकारी लेनी चाही, तो पहले उन्होंने कहा कि रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही डॉक्टर तिवारी बेटी को घर ले गए होंगे, लेकिन फिर बाद में उन्होंने कहा कि इस मामले की उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं है. डिटेल में जानकारी होने के बाद ही वे कुछ बता पाएंगे.

पढ़ें: बेमेतरा: अस्पताल में दर्द से कराहता रहा दिव्यांग, डॉक्टर ड्यूटी से नदारद

जानकारी छिपाने के मामले में शहर के एक बड़े ट्रांसपोर्टर सहित कांग्रेस नेताओं पर भी अपराध दर्ज किया जा चुका है. वहीं क्वॉरेंटाइन सेंटर में जाने से मना करने वाले एक युवक सहित बस से कूदने वाले लोगों पर भी केस दर्ज हो चुका है, जबकि 2 दिन पहले ही पसान में भी नियमों का उल्लंघन करने वाले 3 लोगों पर FIR दर्ज किया गया है. जिला पुलिस ने ऐसे कई मामलों में कार्रवाई की है.

कोरबा: जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. अरुण तिवारी क्वॉरेंटाइन अवधि पूरी होने से पहले ही अपनी बेटी को घर ले गए. जब बात खुली और इसका विरोध शुरू हुआ, तो डॉ. तिवारी ने बेटी को वापस क्वॉरेंटाइन सेंटर पहुंचा दिया. 14 दिन की क्वॉरेंटाइन अवधि पूरी नहीं करने और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जिला प्रशासन और पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है. अब सवाल यह उठता है कि क्या अब जिले के स्वास्थ्य महकमे के एक बड़े अधिकारी पर भी कार्रवाई होगी या फिर अन्य मामलों की तरह इस पर भी पर्दा डालकर लीपापोती कर दी जाएगी.

कोरबा सिविल सर्जन की लापरवाही आई सामने


जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर अरुण तिवारी की बेटी दूसरे राज्य से कोरबा पहुंची थी, जिसे शहर में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया था. उसकी क्वॉरेंटाइन अवधि पूरी भी नहीं हुई थी कि सिविल सर्जन बेटी को घर लेकर चले गए. जब लोगों ने इसका विरोध किया, तो फिर उन्होंने बेटी को वापस क्वॉरेंटाइन सेंटर में पहुंचा दिया.

रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ले गए घर

इस विषय में सिविल सर्जन डॉ. अरुण तिवारी से जब ETV भारत की टीम ने बात कि तो उन्होंने बताया कि उनकी बेटी 2 हफ्ते पहले लौटी है, जिसकी RT-PCR रिपोर्ट निगेटिव आई थी, जिसके बाद ही वे अपनी बेटी को घर लेकर आए थे. अरुण तिवारी ने कहा कि लोगों के आपत्ति जताने के बाद उन्होंने बेटी को फिर से वापस क्वॉरेंटाइन सेंटर पहुंचा दिया है. उन्होंने आगे बताया कि उनकी बेटी अभी भी क्वॉरेंटाइन सेंटर में ही है.

civil surgeon take her daughter home in just 10 days of quarantine period in korba
सिविल सर्जन डॉ. अरुण तिवारी
'नहीं है जानकारी'

इस विषय में ETV भारत की टीम ने CMHO बीबी बोडे से जानकारी लेनी चाही, तो पहले उन्होंने कहा कि रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही डॉक्टर तिवारी बेटी को घर ले गए होंगे, लेकिन फिर बाद में उन्होंने कहा कि इस मामले की उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं है. डिटेल में जानकारी होने के बाद ही वे कुछ बता पाएंगे.

पढ़ें: बेमेतरा: अस्पताल में दर्द से कराहता रहा दिव्यांग, डॉक्टर ड्यूटी से नदारद

जानकारी छिपाने के मामले में शहर के एक बड़े ट्रांसपोर्टर सहित कांग्रेस नेताओं पर भी अपराध दर्ज किया जा चुका है. वहीं क्वॉरेंटाइन सेंटर में जाने से मना करने वाले एक युवक सहित बस से कूदने वाले लोगों पर भी केस दर्ज हो चुका है, जबकि 2 दिन पहले ही पसान में भी नियमों का उल्लंघन करने वाले 3 लोगों पर FIR दर्ज किया गया है. जिला पुलिस ने ऐसे कई मामलों में कार्रवाई की है.

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